अच्छी हेल्थ और अच्छे रिश्तों के लिए जरूरी है सकारात्मक सोच, पढें ये 5 जरूरी बातें

चाहे घरेलू कार्य हों या सेहत की देखभाल या फिर सामाजि़क जिम्मेदारियां, ऐसे मामलों में लोग अक्सर लापरवाह हो जाते हैं। इससे बचने के लिए शुरुआत से ही अपनी कार्यशैली को सुधारने की कोशिश करें। समय की कमी सबको महसूस होती है पर उसी बीच अपना खयाल रखना भी ज़रूरी है। अक्सर लोगों से किन मामलों में लापरवाही होती है और सही टाइम मैनेजमेंट से अपनी दिनचर्या को कैसे व्यवस्थित किया जाए, आइए जानते हैं कुछ जरूरी बातें।
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अच्छी हेल्थ और अच्छे रिश्तों के लिए जरूरी है सकारात्मक सोच, पढें ये 5 जरूरी बातें


चाहे घरेलू कार्य हों या सेहत की देखभाल या फिर सामाजि़क जिम्मेदारियां, ऐसे मामलों में लोग अक्सर लापरवाह हो जाते हैं। इससे बचने के लिए शुरुआत से ही अपनी कार्यशैली को सुधारने की कोशिश करें। समय की कमी सबको महसूस होती है पर उसी बीच अपना खयाल रखना भी ज़रूरी है। अक्सर लोगों से किन मामलों में लापरवाही होती है और सही टाइम मैनेजमेंट से अपनी दिनचर्या को कैसे व्यवस्थित किया जाए, आइए जानते हैं कुछ जरूरी बातें।

सेहत से जुड़े सवाल

हर मर्ज को मामूली समझकर नजरअंदाज़ करना, मेडिकल चेकअप और एक्सरसाइज़ से बचने की कोशिश, अपने मन से दवाएं और विटमिंस लेने की आदत शरीर को बहुत नुकसान पहुंचाती है। अच्छी सेहत के बिना कामयाबी मिलना मुश्किल है, इसलिए इसे अपनी प्राथमिकता सूची में सबसे ऊपर रखें।   

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जरूरी टिप्स : बुखार, किसी भी तरह का दर्द-सूजन, चक्कर आना, जी मिचलाना, अनिद्रा, भूलने की आदत, बेवजह थकान और उदासी जैसे लक्षणों को मामूली समझकर अनदेखा न करें। मजऱ् बढऩे का इंतज़ार किए बगैर डॉक्टर से सलाह लें।              

रिश्तों के लिए

किसी भी रिश्ते को सहज और मधुर बनाए रखने के लिए थोड़ी सक्रियता ज़रूरी है। कई बार व्यस्तता की वजह से लोग अपने दोस्तों-रिश्तेदारों और पड़ोसियों से मिलने-जुलने का समय नहीं निकाल पाते। इससे धीरे-धीरे उनके रिश्तों में उदासीनता आने लगती है।

जरूरी टिप्स : साल की शुरुआत से ही ऐसे लोगों की लिस्ट बनाएं, जो आपके लिए बहुत खास हैं। बारी-बारी से पंद्रह दिन के अंतराल पर लोगों से मिलने का कार्यक्रम रखें। इस दौरान कभी आप किसी के घर जाएं तो कभी अपने प्रियजनों को घर पर बुलाएं। अगर किसी वजह से मिलना संभव न हो तो फोन करके हाल ज़रूर पूछ लें। 

नैतिक जि़म्मेदारियां 

अपने पास-पड़ोस और समाज के प्रति भी कुछ ऐसी नैतिक जि़म्मेदारियां होती हैं, जिन्हें नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। हो सकता है आपके पास समय की कमी हो, फिर भी इसके लिए कोशिश तो की ही जा सकती है। इससे न सिर्फ सकारात्मता आती है बल्कि व्यक्ति मानसिक रूप से भी स्वस्थ रहता है।

सखी टिप्स : अपने पड़ोसियों के साथ मिलकर कॉलोनी के लिए कुछ ऐसे नियम बनाएं ताकि वहां रहने वाले सभी लोग स्वच्छता का पूरा ध्यान रखें। जहां तक संभव हो, प्लास्टिक  की वस्तुओं और पॉलीथिन बैग का उपयोग न करें, पानी की बर्बादी न करें, ज़रूरतमंद लोगों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहें और अपने बच्चों में भी शुरू से ही  अच्छी आदतें विकसित करें।

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