बच्चों में कुछ आदतें स्वाभाविक रूप से पाई जाती हैं। बहुत छोटे बच्चे हों तो अपना हाथ या उंगली मुंह में डालकर चूसते रहते हैं, जबकि थोड़े बड़े बच्चों में अक्सर नाखून कुतरने की आदत देखी जाती है। ये दोनों ही आदतें बच्चों को बीमार या बहुत बीमार बना सकती हैं। खासकर कोरोना वायरस के खतरों के बीच जब वायरस को फैलाने का एक बड़ा जरिया हमारे हाथ हैं, तो बच्चों के लिए नाखून कुतरने या मुंह में हाथ डालने की आदत खतरनाक हो सकती है। कई बार तनाव में बड़े लोगों में भी नाखून कुतरने की आदत देखी जाती है। बड़ों में ये आदत ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर (obsessive compulsive disorder) या ओसीडी (OCD) का संकेत है।
नाखून के नीचे थोड़ा सा हिस्सा ऐसा होता है, जो बहुत संकरा होता है, जिसके कारण यहां धीरे-धीरे गंदगी तो जमा हो जाती है, मगर इसकी सफाई नहीं हो पाती है। यही कारण है कि बच्चों के नाखूनों का आगे का हिस्सा अक्सर मटमैला दिखाई देता है। ये गंदगी जब बच्चों के मुंह में जाती है, तो उन्हें कई तरह के इंफेक्शन, बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए बच्चों की मुंह में उंगली या हाथ डालने और नाखून चबाने की आदत को कंट्रोल करना जरूरी है। इसे आप छोटे-छोटे आसान उपायों से कंट्रोल कर सकते हैं।
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बच्चों के नाखून से सामान्य बीमारियां और समस्याएं
- नाखून हार्ड होते हैं इसलिए इन्हें चबाने से दांतों पर जोर पड़ता है। इससे दांत कमजोर हो सकते हैं और डैमेज हो सकते हैं।
- दांतों का शेप टेढ़ा-मेढ़ा हो सकता है।
- नाखून चबाने से कई तरह की मसूड़ों की बीमारियां हो सकती है, जिससे कम उम्र में ही कई गंभीर समस्याओं का खतरा रहता है।
- नाखूनों में छिपे बैक्टीरिया खासकर एंटेरोबैक्टीरिएसी (enterobacteriaceae) और ई. कोली (E. coli) के कारण गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल इंफेक्शन्स (gastro-intestinal infections) का भी खतरा रहता है।
- इसके अलावा इस गंदगी और बैक्टीरिया के कारण डायरिया और पेट दर्द की भी समस्या बनी रह सकती है।
- लंबे समय में ये आदत एक गंभीर इंफेक्शन paronychia का कारण बन सकता है।
- नाखून चबाने वाले वयस्क लोगों में HPV (Human papillomavirus) के मामले भी बहुत अधिक देखे जाते हैं।
- बच्चों को लग सकती है दांत पीसने की आदत।

किस तरह छुड़ाएं नाखून कुतरने और मुंह में उंगली डालने की आदत?
बच्चों के नाखून समय-समय पर काटते रहें, जिससे नाखून बढ़ने न पाएं और बच्चों के दातों की पकड़ में न आएं। इसके अलावा अगर बच्चे नाखून चबाने या मुंह में उंगली डालने की आदत नहीं छोड़ते हैं, तो आप निम्न उपाय भी अपना सकते हैं।
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नीम या लौंग का तेल लगाएं
बच्चों के नाखून समय-समय पर काटते रहें, जिससे नाखून बढ़ने न पाएं और बच्चों के दातों की पकड़ में न आएं। बच्चों की उंगलियों में नीम या लौंग का तेल लगाने से भी उनकी नाखून चबाने की आदत छूट सकती है। चूंकि इनका स्वाद कड़वा होता है, इसलिए बच्चे मुंह में नाखून नहीं डालेंगे।
ध्यान रखें- बच्चों की नाखून की लत छुड़ाने के लिए कभी भी नेल पॉलिश, नेल पॉलिश रिमूवर या कोई दूसरी केमिकलयुक्त चीज न लगाएं, क्योंकि ये चीजें बच्चों के लिए जानलेवा स्तर तक खतरनाक और नुकसानदायक हो सकती हैं।
उंगली पर कपड़ा बांधें
बच्चों की उंगली में कोई कपड़ा बांध दें या फिर बैंडेज बांध दें, जिससे कि वो नाखून तक न पहुंच पाए (बैंडेज बिना दवा वाला होना चाहिए अन्यथा साधारण कपड़े वाली पट्टी का इस्तेमाल करें)। आमतौर पर 14 से 21 दिन में कोई लत आराम से छोड़ी जा सकती है। इसलिए आदत छूटने तक इसे जारी रखें। लेकिन इस बीच इस बात का ध्यान जरूर रखें कि कपड़ा या बैंडेज भी वायरस और बैक्टीरिया के वाहक हो सकते हैं। इसलिए इसकी साफ-सफाई का ध्यान रखें और रोजाना कपड़ा/बैंडेज बदलते रहें।
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बच्चे को खाने के लिए दें सख्त चीज
कई बार छोटे बच्चे दांतों की तकलीफ की वजह से कोई सख्त चीज मुंह में भरना चाहते हैं। इसलिए जब बच्चे मुंह में उंगली डालें, तो उन्हें खाने की कोई सख्त चीज दे दें, जिसे वो अपने गले में अटकाएं नहीं। जैसे- गाजर, एकोकाडो, खीरा, ककड़ी, अखरोट, बादाम आदि।
बच्चे को काम दें
अगर बड़े बच्चे में नाखून चबाने की आदत है, तो कई बार इसका कारण चिंता, तनाव या खालीपन होता है। इसलिए ऐसे बच्चों को आप किसी काम में लगाकर भी उनका ध्यान भटका सकते हैं। जैसे- उन्हें ड्राइंग बुक और स्केच पेन या पेंसिल दे सकते हैं, जिससे वो क्रिएटिविटी दिखाएं और नाखून चबाने से उनका ध्यान हट जाए।
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