हड्डियों और जोड़ों के दर्द की समस्या लगातार बढ़ रही है। खानपान में बदलावों के कारण कम उम्र में ही लोगों के जोड़ों में यूरिक एसिड का जमाव हो जाता है, जिससे जोड़ों के दर्द, अर्थराइटिस, हड्डी के रोग आदि समस्या बढ़ जाती हैं। एक ताजा शोध में इस बात का पता चला है कि हड्डी से संबंधित इन समस्याओं में ऑस्टियोपैथी बहुत कारगर इलाज है। ऑस्टियोपैथी एक पुरानी चिकित्सा पद्धति है, जिसे ऑस्ट्रेलिया के डॉक्टर एंड्र्यू स्टिल ने खोजा था। ऑस्टियोपैथी के द्वारा विश्व के तमाम देशों में सफलतापूर्वक इलाज किया जा रहा है। टेक्सस के ऑस्टियोपैथिक मेडिसिन कॉलेज के अनुसार ऑस्टियोपैथी रीढ़ की हड्डी की चोटों के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण उपचार है।
क्या है ऑस्टियोपैथी
ऑस्टियोपैथी के विशेषज्ञ को ऑस्टियोपैथ बोलते हैं। ऑस्टियोपैथ अपने हाथों का उपयोग करके मरीज की समस्या का इलाज अलग-अलग तकनीक के प्रयोग से करते हैं। ये एक प्रकार की मैनुअल तकनीक है, जिससे शरीर का पूरा सिस्टम प्रभावित होता है। यह होलिस्टिक विधि होती है, जिसमें शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक हर पहलू को शामिल किया जाता है। ऑस्टियोपैथी मरीज की मांसपेशियों, जोड़ों, कनेक्टिव टिश्यू और लिगामेंट्स आदि के जरिए शरीर में ऊर्जा के प्रवाह को सामान्य करता है। इससे शरीर के स्केलेटल, नर्वस रेस्पीरेटरी और इम्यून सिस्टम पर असर पड़ता है। इससे कई तरह की बीमारियों का उपचार हो जाता है।
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किन समस्याओं में फायदेमंद है ये तकनीक
ऑस्टियोपैथी के जरिये गठिया के दौरान होने वाले असहनीय दर्द, डिस्क की समस्याओं, कंधों में दर्द और जकड़न, सिर में होने वाला दर्द, कूल्हे, गर्दन और जोड़ों के दर्द, मांसपेशियों में खिंचाव, खेल की गतिविधियों के दौरान लगने वाली चोट, टेनिस एल्बो, तनाव, सांस संबंधी समस्यायें, गर्भावस्था के दौरान होने वाली समस्याओं, पाचन क्रिया से जुड़ी समस्याओं के लिए इसका प्रयोग किया जाता है। इस तकनीक से इन समस्याओं से निजात भी मिल जाती है।
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क्या कहता है शोध
ऑस्टियोपैथी पर लगातार शोध हो रहे हैं और इसके परिणाम भी सकारात्मक आ रहे हैं। हाल में हुए शोध में 144 गर्भवती महिलाओं को शामिल किया गया। ये सभी महिलाएं 6 महीने से अधिक के गर्भ से थीं और सभी की लोअर बैक (पीठ) में दर्द था। इन महिलाओं में से जिसे ऑस्टियोपैथिक मैनुपुलेटिव ट्रीटमेंट दिया गया, उनका दर्द कम हुआ। एक अन्य अध्ययन में माइग्रेन से पीड़ित 42 महिलाओं में से आधी महिलाओं को 10 सप्ताह तक ऑस्टियोपैथिक मैनुपुलेटिव ट्रीटमेंट दिया गया। इस दौरान उन्होंने 5 सेशन में हिस्सा लिया। बाकी की आधी महिलाओं को किसी प्रकार का कोई ट्रीटमेंट नहीं दिया गया। जिन महिलाओं को ये ट्रीटमेंट मिला था उनको माइग्रेन के दर्द में काफी आराम मिला।
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