मोटापे के लिए केवल भूख और खानपान की आदत ही जिम्मेदार नहीं है, बल्कि इसके लिए जीन जिम्मेदार है। हाल ही में हुए शोध में यह बात सामने आयी है। वैज्ञानिकों की मानें तो वजन बढ़ने का संबंध भूख से नहीं बल्कि पाचन तंत्र से जुड़े जीन से संबंधित है। शोध के मुताबिक, जिन व्यक्तियों में कार्बोहाइड्रेट-पाचन एंजाइम बहुत कम मात्रा में होता है, उनमें मोटापे का खतरा अधिक होता है।
लंदन के किंग्स कॉलेज के प्रोफेसर टिम स्पेक्टर ने कहा, "हमने पता लगाया है कि अलग अलग लोगों के मेटाबॉलिज्म में पाचन संबंधी तंत्र-तंत्रिकाएं और जीन कोडिंग भिन्न-भिन्न होती हैं, जो व्यक्ति के वजन को प्रभावित करती हैं।
इस शोध के मुताबिक, अलग-अलग लोगों के शरीर एक ही व्यंजन और उसकी मात्रा के लिए अलग-अलग तरीके से प्रतिक्रिया देते हैं। यही कारण है कि कुछ लोगों के साथ वजन बढ़ने की समस्या अधिक होती है, जबकि कुछ के साथ कम।
शोध के लिए शोधकर्ताओं ने कई परिवारों के जीन एक्प्रेशन पैटर्न का मोटापे के अलग-अलग स्तर पर अध्ययन किया और पाया कि दो प्रमुख जीन एएमवाई1 और एएमवाई2 के पैटर्न में भिन्न्ता है।
ये जीन लार और अग्नाशय एमिलेज के कारक कोड हैं। यह अध्ययन पत्रिका नेचर जेनेटिक्स में प्रकाशित हुई।
source-Business Standard
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