कहते हैं कि इंसान खाए बिना तो कई दिन रह सकता है, लेकिन सोए बिना नहीं रह सकता है। और ये बात सच भी है, पर्याप्त नींद लेना लेना न सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य के लिये बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिये भी बेहद जरूरी होती है। हाल में आए एक शोध के अनुसार सुबह जल्दी जगने वाले लोगों के बनिस्पद रात में जागने वाले लोगों में मधुमेह और चयापचयी समस्याओं होने की आशंका अधिक होता है, फिर भले ही दोनों ने बराबर मात्रा में ही नींद क्यों न ली हो। साथ ही रात को देर तक जागने वाले लोगों में मधुमेह का जोखिम भी अधिक होता है। तो चलिये विस्तार से जानें कि ये माजरा भला क्या है।
इस अध्ययन के लेखकों में से एक नान ही किम के अनुसार, जो लोग रात में देर से सोते हैं उनमें सुबह जल्दी जगने वालों के मुकाबले डायबिटीज या फिर मांसेपशियों संबंधी समस्याओं का जोखिम अधिक होता है। किम के मुताबिक, रात में जगने वालों की प्रवृत्ति के चलते नींद की खराब गुणवत्ता और धूम्रपान, देर रात में खाना खाने की आदत व सुस्त जीवनशैली आदि हो सकते हैं। इस अध्ययन में 1,620 लोगों को शामिल किया गया और उनकी सोने की आदतों तथा चयापचय प्रक्रिया का गहन अध्ययन किया गया।
गौरतलब है, रिपोर्ट के परिणाम एंडोक्राइन सोसाइटी की ‘क्लिनिकल एंडोक्रिनोलॉजी एंड मेटाबॉलिज्म’ नामक पत्रिका में प्रकाशित हुए हैं।
रात की नींद नहीं होती दिन में पूरी
कई बार लोगों को ऐसी गलतफेहमी हो जाती है कि रात को जागने और दिन में सोकर वे अपनी नींद पूरी कर सकते हैं। लेकिन ऐसा संभव नहीं होता है। क्योंकि रात की नींद ही सही मायने में शरीर व दिमाग को आराम दे सकती है। यदि हम रात को न सोएं और फिर भले ही पूरे दिन सोते रहें तब भी नींद पूरी नहीं होगी। अगर आप कभी-कभार ऐसा करते हैं तो नुकसान नहीं है, लेकिन इसे आदत बना लेने पर यह एक बड़ी परेशानी बन जाती है। इसलिए आपको चाहिए कि आप सोने का सही नियम बनाएं और देर रात तक जागने के बजाए रात को जल्दी सोएं और सुबह जल्दी उठ जाएं। यह आपके दिमाग व शरीर दोनों के लिए लाभदायक होगा।
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