यह तो आप जानते ही हैं कि डायबिटीज कई प्रकार की है। टाइप 1 डायबिटीज, टाइप 2 डायबिटीज, जेस्टेशनल डायबिटीज। डायबिटीज का डायबिटीक रोगियों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जिससे उनमें गंभीर बीमारियां होने की आशंका दुगुनी हो जाती है। इतना ही नहीं डायबिटीज का मरीज बहुत कमजोर हो जाता है और डायबिटीज का कोई पुख्ता इलाज भी संभव नहीं हैं। टाइप 1 डायबिटीज युवा और व्यस्कों में अधिक होती है और टाइप 1 डायबिटीज के मरीजों को इंसुलिन पर निर्भर रहना पड़ता है।
बहरहाल, क्या आप जानते हैं कि वातावरण भी डायबिटीज रोगियों को प्रभावित करता है। डायबिटीज रोगियों पर वातावरण का भी प्रभाव पड़ता है। आइए जानें डायबिटीज रोगियों को वातावरण कैसे प्रभावित करता है। वातावरण कई तरह का हो सकता है। चाहे घर का माहौल हो, कार्यालय का माहौल हो। आसपास के लोगों का माहौल हो या फिर किस जगह पर कैसे आप जाते हैं इन सबका डायबिटिक के स्वास्थ्य पर बहुत असर पड़ता है।
धूम्रपान और नशीले पदार्थ
मान लीजिए कोई डायबिटिक मरीज ऐसे लोगों के साथ रहता है जो धूम्रपान बहुत करते हैं, इतना ही नहीं एल्कोहल और नशीले पदार्थों का सेवन भी करते हैं तो निश्चित रूप से डायबिटीज के रोगी पर इसका नकारात्मक असर पड़ेगा क्योंकि डायबिटीज मरीज ना सिर्फ इन चीजों का आदी हो सकता है बल्कि धूम्रपान का धुआं भी डायबिटीज मरीज को हृदय जैसी गंभीर बीमारियों का शिकार बना सकता है। अगर ये कहें कि डायबिटीज मरीज पर धूम्रपान का असर बुरा पड़ता है तो यह कहना गलत ना होगा।
जगह का असर
यदि डायबिटीज मरीज किसी कारखाने में काम करता है या फिर ऐसी जगह काम करता है जहां केमिकल इत्यादि का काम होता है या फिर जहां बहुत अधिक गंदगी है तो इसका असर डायबिटीज मरीज को और अधिक बीमार बना सकता है और डायबिटीज रोगी को कई और बीमारियां या संक्रमण होने की आशंका बढ़ जाती है।
प्रदूषण करता है प्रभावित
प्रदूषण का डायबिटीज मरीज के स्वास्थ्य पर बहुत असर पड़ता है। अगर डायबिटीक रोगी प्रदूषण वाले स्थान पर रहता है तो डायबिटीज मरीज को सांस संबंधी बीमारियां होने की आंशका रहती है। इतना ही नहीं प्रदूषण के कारण डायबिटीज से होने वाली समस्याएं बढ़ जाती हैं है। यह बात शोधों में भी साबित हो चुकी है। इसके अलावा कुछ और चीजें जिससे डायबिटीक मरीज को समस्याएं हो सकती हैं-
आहार
डायबिटीज मरीज को तले-भुने खाद्य पदार्थों को नजरअंदाज करना चाहिए। इतना ही नहीं शुगर रहित चीजों का सेवन करना चाहिए और अपने खानपान में लो कैलोरी और लो फैट को ही प्राथमिकता देनी चाहिए। डायबिटीज के मरीज ऐसा आहार ना लें जिससे उनका शुगर लेवल बढ़ने की आशंका हो।
तनाव
तनाव भरा माहौल डायबिटीज रोगी को और अधिक बीमार कर सकता है। ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि डायबिटीज मरीज तनाव से दूर रहें और ऐसे माहौल से दूर रहे जहां हर समय तनाव हो।
शारीरिक सक्रियता की कमी
डायबिटीज मरीजों के लिए जरूरी है कि वह अधिक से अधिक सक्रिय रहें। शारीरिक निष्क्रियता डायबिटीज मरीजों में मोटापा बढ़ा सकता है जिससे उनको कई और गंभीर बीमारियां होने की आशंका बढ़ सकती है।
अब तो आप जान ही गए होंगे कि डायबिटीज मरीजों के लिए अच्छा वातावरण होना बहुत जरूरी है। तभी वे ना सिर्फ डायबिटीज कंट्रोल कर पाएंगे बल्कि सेहतमंद भी रह पाएंगे।
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