इस मौसम में लू और गर्मी के अन्य प्रकोपों के कारण दो हजार से ज्यादा लोग काल के गाल में समा चुके हैं। गर्मी में दस्त के मामले काफी बढ़ जाते हैं। वहीं शिशुओं की सेहत से संबंधित समस्याएं भी बढ़ जाती हैं, लेकिन कुछ सजगताएं बरतकर इन समस्याओं का समाधान संभव है। गर्मियों में दस्त से संबंधित बीमारियों का प्रकोप बढ़ जाता है। ऐसा गर्मियों में जीवाणुओं की संख्या के तेजी से बढऩे के कारण होता है। जीवाणुओं की संख्या बढऩे से संक्रमण (इंफेक्शन) होने का जोखिम बढ़ जाता है।
क्या हैं इसके कारण
- सबसे ज्यादा मामले संक्रमण के कारण होते हैं। जैसे-वाइरस (रोटा वाइरस) और जीवाणु या बैक्टेरिया (ई. कोली व सलमोनेला) से संक्रमण होना। ये वाइरस और जीवाणु खाने या पीने के माध्यम से हमारे शरीर में प्रवेश करते हैं, जिस कारण आंतों में संक्रमण होता है।
- कभी-कभी हमारा पाचन तंत्र कुछ खाद्य पदार्र्थों को पचा नहीं पाता और उससे भी दस्त लगता है। जैसे- दूध का न पचना, जिसे मेडिकल भाषा में लैक्टोज इनटॉलरेंस कहते हैं।
इसे भी पढ़ें : जानिए शिशुओं के लिए कितना फायदेमंद है दाल का पानी
- जब आंतों का कुछ हिस्सा किन्हीं कारणों से ऑपरेशन के जरिए निकाल दिया जाता है, तो आंत छोटी हो जाती है। इस कारण भी दस्त होता है जिसे शार्ट बावेल सिंड्रोम कहते हैं।
- इसके कारण भी दस्त हो सकते हैं। जैसे-कुछ एंटीबॉयटिक्स और कीमोथेरेपी से संबंधित दवाएं।
- इस रोग के कारण आंतों में सूजन हो जाती, जो दस्त का कारण बन सकती है।
- इसमें आंतों की मूवमेंट तेज हो जाती है। इस कारण दस्त और कब्ज का सिलसिला चलता है।
क्या हैं इसके लक्षण
कई बार मल का तरल रूप में आना और मल के वेग को रोकने में मुश्किल होना। इसके अलावा कभी-कभी रोगी का मल पर नियंत्रिण खत्म हो जाता है। वहीं पेट में दर्द, ऐंठन और फुलावट होना, मल में खून या आंव का आना, उल्टी व बुखार और पेशाब कम होने सरीखी समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
ये है सही उपचार
दस्त में सबसे बड़ा खतरा शरीर में पानी की कमी (डिहाइड्रेशन) होना है। डिहाइड्रेशन के कारण गुर्र्दों पर बुरा असर पड़ता है और मरीज का ब्लडप्रेशर कम हो सकता है। घर पर ही दस्त का उपचार शुरू करें—
इसे भी पढ़ें : क्या अंगूठा चूसने से खराब हो जाते हैं शिशु के दांत?
- पानी, नारियल पानी, लस्सी, दही, और नींबू पानी लें। सत्तू का सेवन करें।
- चाय, कॉफी और शराब आदि बिल्कुल न लें। खाने में खिचड़ी, केला, चावल, दही आदि लें।
- तला हुआ और मसालेदार खाना न लें। दस्त के समय कुछ समय तक कुछ न लें।
- नमक और चीनी पानी का घोल डिहाइड्रेशन के इलाज में उपयोगी है।
दस्त से बचाव
हाथ धोना एकमात्र ऐसा उपाय है, जो आपको संक्रमण से होने वाली कई बीमारियों से बचा सकता है। दस्त की समस्या पैदा करने वाले अधिकतर जीवाणु खाने-पीने की वस्तुओं और दूषित हाथों से ही हमारे पाचन तंत्र में जाते हैं। खाने से पहले हाथ धोने की आदत डालें।
ऐसे अन्य स्टोरीज के लिए डाउनलोड करें: ओनलीमायहेल्थ ऐप
Read More Articles on Parenting in Hindi
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version