कैल्शियम हमारे शरीर के लिए जरूरी तत्वों में से एक है। स्वस्थ हड्डियों के लिए जरूरी है कि आपके शरीर में पर्याप्त कैल्शियम हो क्योंकि जब शरीर में पर्याप्त कैल्शियम होती है तो वह आपके चेहरे पर झलकती है अंदरूनी मजबूती के तौर पर। लेकिन कैल्शियम को लेकर कई तरह के भ्रम भी फैले हुए हैं। आइए जानें कैल्शियम से जुड़े भ्रम और तथ्य के बारे में।
मजबूत हड्डियां पायें और कैल्शियम से सम्बन्धी भ्रम को तोड़ें
कैल्शियम से सम्बन्धी चुनौती सदियों से चली आ रही है और यह स्थिति आज भी वैसी ही है। कुछ लोगों का ऐसा मानना है कि कैल्शियम के पूरक लेने से हड्डियां मजबूत और स्वस्थ होती हैं और आस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारी के दूर रहने के साथ साथ हड्डियों के टूटने का भी खतरा कम होता है। लेकिन कुछ लोगों का ऐसा भी मानना है कि कैल्शियम के रूपक लेने से इनके अतिरिक्त प्रभाव होते हैं। इसलिए कैल्शियम से सम्बन्धी भ्रम का समाधान निकालने के लिए यहां कई प्रकार के भ्रम का समाधान निकाला जा रहा है।
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प्रतिदिन मुझे किस मात्रा में कैल्शियम लेना चाहिए ?
विशेषज्ञों के अनुसार एक वयस्क व्यक्ति (जिसकी उम्र 19 से 50 वर्ष हो ) उसे दिनभर में लगभग 1,000 मिलीग्राम कैल्शियम लेना चाहिए और 50 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्ति को 1,200 मिलीग्राम कैल्शियम की मात्रा लेनी चाहिए। यह मात्रा किसी भी प्रकार के कैल्शियम स्रोत की हो सकती है जैसे डेयरी उत्पाद, खाद्य पेय आदि। लेकिन कुछ लोगों का ऐसा मानना है कि दिन में लगभग 600 मीलिग्राम से 1000 मिली ग्राम ही बहुत है।
कैल्शियम पूरक को कितना कैल्शियम लेना है?
एक स्वस्थ आहार का अर्थ है दिन में 200 से 300 मिलीग्राम कैल्शियम लेना। इसमें फल और सब्ज़ियां होनी चाहिए जैसे बीज ,अनाज और हरी पत्तेदार सब्ज़ियां। लेकिन 1 कप दूध से शरीर में 300 मिलीग्राम कैल्शियम की मात्रा जुड़ जाती है और दही से 150 से 200 मिलाग्राम कैल्शियम। सभी दूध के उत्पादों को अपने आहार में शामिल कर और कुछ मात्रा में फल और सब्ज़ियां लेने से शरीर में 600 से 800 मिलीग्राम कैल्शियम की आपूर्ति होती है।
कैल्शियम पूरक को किस तरह से लेना चाहिए?
स्वास्थ्य चिकित्सकों का ऐसा मानना है कि कैल्शियम के पूरक कैल्शियम साइट्रेट या कैल्शियम कार्बोनेट से बने होते हैं । कैल्शियम के पूरक जिनमें पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम कार्बोनेट होती है उन्हें खाने के बाद लेना चाहिए क्योंकि उन्हें पेट में मौजूद एसिड को अवशोषित करने की ज़रूरत होती है। कैल्शियम साइट्रेट पेट में मौजूद एसिड पर निर्भर नहीं होता और इसलिए इसे दिन में किसी भी समय लिया जा सकता है।
क्या कैल्शियम लेकर फ्रैक्चर से बचा जा सकता है ?
विशेषज्ञों का ऐसा मानना है कि बहुत अधिक मात्रा में कैल्शियम लेने का अर्थ यह नहीं है कि हमारे रक्त में अधिक मात्रा में कैल्शियम होगा। अगर रक्त में कैल्शियम अधिक मात्रा में नहीं है हड्डियों के रिज़र्पशन से वो सामान्य स्थिति में आ जाती है और ऐसे में हड्डियां और कमज़ोर हो जाती हैं जिससे कि फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है।
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क्या अधिक मात्रा में कैल्शियम लेने से गुर्दे की पथरी हो सकती है ?
अधिकतर स्थितियों में ऐसा पाया गया है कि 80 से 85 प्रतिशत स्थितियों में पथरी कैल्शियम से बनी होती है। लेकिन सदियों से हो रहे शोधों से ऐसा पता चला है कि आहार के माध्यम से अधिक मात्रा में कैल्शियम लेने से गुर्दे की पथरी का खतरा कम हो जाता है ा ऐसा इसलिए होता है क्योंकि कैल्शियम से आक्ज़लेट का अवशोषण कम हो जाता है।
आक्ज़लेट वो अणु है जो कैल्शियम से जुड़कर गुर्दे की पथरी का कारण बन सकता है।
दूसरे कई शोधों से भी ऐसा ही पता चला है कि हम सभी आहार के पोषण मूल्यों को दवाओं और पूरक की तुलना में आहार से कहीं आसानी से ले सकते हैं। विशेषज्ञों का ऐसा मानना है कि दूध के उत्पाद और दही खनिज के आदर्श स्रोत हैं। इसके विरोध में कुछ शोधों के अनुसार डेयरी के आहार से कैंसर का भी खतरा हो सकता है।
अंततः यह ना केवल मानी हुई बात है बल्कि यह एक राय भी है कि जिन सब्जियों में कैल्शियम अधिक मात्रा में होता है जैसे पालक ,अम्लान , बोनी मछली,सहजन उन्हें अधिक मात्रा में लेना चाहिए क्योंकि इनसे शरीर में कैल्शियम की आपूर्ति होती है।