सरसों के तेल का प्रयोग खाने को पकाने के लिए किया जाता है, लेकिन यह दिल की बीमारी के खतरे को भी कम करता है। हाल ही में हुए एक शोध में यह बात सामने आयी है। सरसों शोध एवं संवर्धन कन्सोर्टियम (एमआरपीसी) के मुताबिक सरसों का तेल दिल की बीमारी होने के खतरे को काफी हद तक कम करता है। साथ ही आवश्यक फैटी एसिड के अनुपात को संतुलित करता है।
एमआरपीसी सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त शोध संगठन है जिसका उद्देश्य भारत में सरसों की फसल की उपज में सुधार लाना तथा उसे उन्नत बनाना है।
एक सरसों प्रोत्साहक इकाई के अनुसार भोजन में सरसों तेल का प्रयोग स्वास्थ्य को अच्छा बनाता है और दिल की बीमारी के जोखिम को भी 70 प्रतिशत तक कम कर सकता है।
जर्नल ऑफ प्रिवेंटिव कार्डियोलाजी के अनुसार भारतीय सरसों के तेल में कुछ ऐसे प्राकृतिक तत्व पाये जाते हैं, जो दिल की बीमारियों के खतरे को कम करते हैं। सरसों अनुसंधान और संवर्धन कंर्सोटियम की सहायक निदेशक प्रज्ञा गुप्ता के अनुसार, सरसों का तेल अपने फैटी एसिड और प्राकृतिक एंटी-आक्सीडेंट के आदर्श अनुपात के कारण सबसे अधिक स्वास्थ्यकर खाद्य तेल माना जाता है।
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