
जर्म्स और बैक्टीरिया का नाम सुनते ही आप डर जाते हैं क्योंकि आपकी जानकारी के मुताबिक ये आपको बीमार बनाते हैं। अगर घर में बच्चे हों तब तो आप साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखते हैं। लेकिन नए शोध की मानें तो 'जर्म फ्री लाइफस्टाइल' की वजह बच्चों में कई तरह के कैंसर का खतरा बढ़ रहा है।
ये रिसर्च ब्रिटेन के कुछ प्रख्यात वैज्ञानिकों द्वारा की गई है। रोगों से हमारे शरीर की रक्षा हमारा इम्यून सिस्टम यानि प्रतिरक्षा प्रणाली करती है। बचपन से जैसे-जैसे आप बड़े होते जाते हैं आपका इम्यून सिस्टम तरह-तरह के वायरस और बैक्टीरिया से लड़कर और जीतकर मजबूत होता रहता है यानि ये इम्यून सिस्टम हमारे शरीर में धीरे-धीरे विकसित होता है। इंस्टीट्यूट ऑफ़ कैंसर रिसर्च के प्रोफेसर मेल ग्रीव्स के अनुसार साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखने के कारण जब आप बच्चों को जर्म्स और बैक्टीरिया की पहुंच से बिल्कुल दूर रखते हैं, तो बच्चों का इम्यून सिस्टम जरूरी जर्म्स और बैक्टीरिया से लड़ने की क्षमता नहीं विकसित कर पाता है।
जर्म्स 2 तरह के होते हैं
आमतौर पर हम जर्म्स को बीमार बनाने वाले जीवाणुओं के रूप में ही जानते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि इंसान के स्वास्थ्य के लिहाज से देखें तो जर्म्स दो प्रकार के होते हैं। एक 'बैड जर्म्स', जिनके कारण शरीर को तरह-तरह की बीमारियां होती हैं और दूसरे 'गुड जर्म्स' जो अप्रत्यक्ष रूप से शरीर को स्वस्थ रखने में हमारी मदद करते हैं।
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क्या कहती है रिसर्च
शोध के मुताबिक एडवांस और हाई-क्लास सोसायटीज़ में ब्लड कैंसर के ज्यादा मामले पाए गए हैं। इससे ये संकेत मिलता है कि माडर्न लाइफस्टाइल इस रोग का कारण हो सकती है। प्रो. ग्रीव्स के अनुसार जन्म के पहले साल में अगर शिशु का वास्ता 'गुड जर्म्स' और कुछ 'बैड जर्म्स' से नहीं पड़ता है, तो उसका इम्यून सिस्टम इस तरह के वायरस से लड़ने के लिए तैयार नहीं हो पाता है। इसी कारण से जब अचानक से बच्चे किसी जर्म के संपर्क में आते हैं, तो उनका इम्यून सिस्टम फेल हो जाता है और कई तरह की परेशानियां शुरू हो जाती हैं।
ल्यूकीमिया को होता है खतरा
इम्यून सिस्टम के कमजोर होने से जिस कैंसर का सबसे ज्यादा खतरा होता है वो है ल्यूकीमिया। ये ब्लड से जुड़ा एक कैंसर है जो कमजोर इम्यून सिस्टम वाले बच्चों में कई तरह के इंफेक्शन्स फैलने की वजह से हो जाता है। इसका सबसे ज्यादा खतरा 20 साल से कम उम्र के बच्चों को होता है। हालांकि बच्चों के ज्यादातर मामलों में ल्यूकीमिया एक्यूट स्तर पर होता है मगर फिर भी इससे हर साल हजारों बच्चे मर जाते हैं।
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ध्यान रखें ये बातें
इस अध्ययन में भले ही ये बताया गया है कि साफ-सफाई के कारण बच्चों का इम्यून सिस्टम कई तरह के बैक्टीरिया से नहीं लड़ पाता है, मगर इसका मतलब ये नहीं है कि माता-पिता बच्चों बच्चों की साफ-सफाई पर बिल्कुल ही ध्यान न दें। दरअसल इसका खतरा उन लोगों को होता है जो जर्म्स और बैक्टीरिया के प्रति हद से ज्यादा सचेत रहते हैं और बच्चों पर कई तरह की पाबंदियां लगाते हैं। इसलिए बच्चों की परवरिश में इन बातों का ध्यान रखें।
- बच्चों को दिनभर घर पर ही न बंद करके न रखें। बच्चों के लिए प्रकृति का संपर्क जरूरी है इसलिए उन्हें घर से बाहर की दुनिया भी दिखाएं।
- बाहर की हवा, मिट्टी, पानी और वातावरण बच्चों के स्वास्थ्य के लिए जरूरी है लेकिन मॉनसून के दौरान थोड़ा सचेत रहें।
- प्रकृति से विटामिन एन मिलता है, जो बच्चों के मानसिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- धूप से विटामिन डी मिलता है जो हड्डियों की मजबूती और विकास के लिए जरूरी है।
- बच्चों को इनडोर गेम्स के साथ-साथ थोड़ा आउटडोर गेम्स खेलने के लिए भी प्रेरित करें।
- योगर्ट, दही आदि के सेवन से भी बच्चों के इम्यून सिस्टम को 'गुड जर्म्स' मिलते हैं।