कोरोना के हल्के लक्षण वाले मरीजों के लिए होम आइसोलेशन की नई गाइडलाइंस, जानें सरकार ने रोगियों को दी कौन सी छूट

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने बहुत हल्के/ प्री-सिम्प्टोमैटिक (पूर्व-लक्षणात्मक) #COVID19 मामलों के होम आइसोलेशन के लिए संशोधित गाइडलाइन्स जारी की हैं।
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कोरोना के हल्के लक्षण वाले मरीजों के लिए होम आइसोलेशन की नई गाइडलाइंस, जानें सरकार ने रोगियों को दी कौन सी छूट

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों को लेकर 'आइसोलेशन' के दिशा-निर्देशों में संशोधन किया है। मंत्रालय ने ये गाइडलाइन बहुत ही हल्के और पूर्व लक्षणात्मक संक्रमित मरीजों के लिए जारी की है। गौरतलब है कि कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने हेतु 17 मई तक लॉकडाउन का तीसरा चरण लागू है। मंत्रालय ने कोरोना के हल्के लक्षण वाले मरीजों को होम आइसोलेशन (Home isolation) करने की सलाह और छूट दी है। मंत्रालय की संशोधित गाइडलाइन में कुछ शर्तों के साथ हल्के लक्षण वाले रोगियों को होम आइसोलेशन में रखा जा सकता है। 

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स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना संक्रमित मरीजों को 3 श्रेणियों में बांटा हुआ है, जिसमें हल्के लक्षणों वाले मरीज को कोविड केयर सेंटर में भेजा जाता है। वहीं कोरोना के तीन से चार लक्षण वाले मरीजों को कोविड हेल्थ सेंटर में भेजा जाता है। सबसे आखिर में कोरोना के सभी लक्षण वाले मरीजों को कोविड हॉस्पिटल में भेजा जाता है। इससे पहले मंत्रालय ने कम और हल्के लक्षण वाले मरीजों की देख-रेख हेतु 27 अप्रैल को गाइडलाइंस जारी की थी लेकिन अब तेजी से बढ़े मामलों के कारण दिशा-निर्देशों में संशोधन किया गया है। 

— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 11, 2020

कोरोना मरीजों के लिए जारी नई गाइडलाइन में ये बताया गया है कि अगर किसी व्यक्ति में कोरोना के हल्के लक्षण दिखाई दें तो उसे घर पर ही आइसोलेशन की सुविधाएं देनी चाहिए और इसी को होम आइसोलेशन कहते हैं। मंत्रालय ने होम आइसोलेशन की सुविधाओं के बारे जानकारी देते हुए ये दिशा-निर्देश जारी किए हैंः 

  • कोरोना संक्रमित कोई भी मरीज तभी होम आइसोलेशन में जा सकता है,  जब डॉक्टर उसे घर जाने की इजाजत दे और होम आइसोलेशन की हिदायत दे। 
  • इसके साथ ही मरीज के घर में आइसोलेशन की सुविधा होना भी जरूरी है जैसे कि उसके पर्याप्त जगह। 
  • होम आइसोलेशन के दौरान मरीज के साथ 24 घंटे एक व्यक्ति जरूर होना चाहिए।
  • होम आइसोलेशन के दौरान मरीज का अस्पताल के साथ जुड़ा रहना बहुत जरूरी है।  साथ ही उसे अपनी हर छोटी-बड़ी परेशानी की जानकारी अस्पताल को देनी चाहिए। 
  • मरीज के फोन में आरोग्य सेतु ऐप होना चाहिए। 
  • मरीज को समय- समय पर अपनी सेहत की जांच करानी होगी और उसकी रिपोर्ट की जानकारी जिला स्वास्थ्य अधिकारी को देनी होगी। 
  • इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग की टीम भी कोरोना मरीज की निगरानी करेगी। 
  • होम आइसोलेशन में जाने वाले मरीज को एक फॉर्म भरना होगा और मंत्रालय द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन करना होगा।

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कब लें चिकित्सा सहायता 

रोगी / देखभाल कर्ता को अपने स्वास्थ्य पर निगरानी रखनी होगी। और अगर गंभीर संकेत या लक्षण दिखाई दें तो तत्काल चिकित्सा पर ध्यान देना चाहिए। इन गंभीर संकेतों में शामिल हैंः

  • सांस लेने में कष्ट,
  • सीने में लगातार दर्द / दबाव,
  • मानसिक भ्रम या अशांति,
  • होंठ / चेहरे पर नीला रंग दिखाई देना
  • जब डॉक्टर ने आने की सलाह दी हो

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देखभाल करने वालों यानी की केयरगिवर्स के लिए दिशा-निर्देश

• मास्क: घर में मरीज की देखभाल करने वाले व्यक्ति को एक ही समय में उचित रूप से ट्रिपल लेयर मेडिकल मास्क पहनना चाहिए। बीमार व्यक्ति के साथ कमरा शेयर करते हुए मास्क के सामने वाले हिस्से को छूने से बचना चाहिए।  यदि किसी कारणवश मास्क गीला या गंदा हो जाता है, तो इसे तुरंत बदलना चाहिए। मास्क के सही तरीके से निपटान के बाद हाथों को अच्छे से धोना चाहिए।

• बीमार व्यक्ति की देखभाल करते वक्त बार-बार अपने चेहरे, नाक या मुंह को छूने से बचना चाहिए।

• बीमार व्यक्ति या उसके तत्काल वातावरण के संपर्क के बाद हाथ की स्वच्छता सुनिश्चित की जानी चाहिए।

• भोजन तैयार करने से पहले और खाने के बाद, हाथों को धोने की आदत बनानी चाहिए। शौचालय जाने के बाद और जब भी हाथ गंदे दिखाई दें तभी हाथ धोएं। कम से कम 40 सेकेंड तक हाथ धोएं और हाथ धोने के लिए साबुन और पानी का उपयोग करें। इसके अलावा  अल्कोहल बेस्ड सैनिटाइजर का उपयोग किया जा सकता है लेकिन तभी जब आपको लगे कि आपके हाथ गंदे नहीं हैं। 

• साबुन और पानी का उपयोग करने के बाद, हाथों को सुखाने के लिए डिस्पोजेबल पेपर तौलिए का उपयोग करना जरूरी है। अगर ये आपके पास नहीं है तो साफ कपड़े या फिर तौलिये का उपयोग करें और जब वे गीले हो जाएं तो उन्हें बदल दें।

• रोगी के खांसने या छींकने के दौरान निकलने वाली पानी की बूंदें के साथ सीधे संपर्क से बचें। रोगी को संभालते समय डिस्पोजेबल दस्ताने का उपयोग करें। इसके साथ ही दस्ताने निकालने से पहले और बाद में हाथ की सफाई करें।

• अपने तत्काल वातावरण में संभावित रूप से दूषित वस्तुओं के संपर्क में आने से बचें और सिगरेट, बर्तन, व्यंजन, पेय, इस्तेमाल किए गए तौलिए को शेयर करने से बचें। 

• रोगी को उसके कमरे में भोजन उपलब्ध कराया जाना चाहिए।

• रोगी द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले बर्तन को साबुन / डिटर्जेंट और पानी से साफ किया जाना चाहिए। दस्तानों, बर्तनों का फिर से उपयोग किया जा सकता है। दस्ताने उतारने के बाद हाथ जरूर साफ करें। 

• सतह की सफाई या हैंडलिंग के दौरान ट्रिपल लेयर मेडिकल मास्क और डिस्पोजेबल दस्ताने का उपयोग करें। 

• देखभाल करने वाला व्यक्ति ये सुनिश्चित करेगा कि रोगी निर्धारित उपचार का पालन कर रहा है या नहीं।

• देखभाल करने वाला व्यक्ति अपने स्वास्थ्य की निगरानी भी करेंगे। अगर उसे कोरोना का कोई भी भी लक्षण बुखार / खांसी / सांस लेने में कठिनाई) दिखाई देता है तो उसे डॉक्टर से तुरंत बात करनी चाहिए। 

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रोगी के लिए संशोधित निर्देश

• रोगी को हर समय ट्रिपल लेयर मेडिकल मास्क का उपयोग करना चाहिए। रोगी को उपयोग के 8 घंटे बाद मास्क को निकाल देना चाहिए। ऐसा मास्क के गंदा हो जाने या फिर गीले हो जाने की स्थिति में तुरंत निकाल कर सही से डिस्पोज कर दें।

• मास्क को 1% सोडियम हाइपो-क्लोराइट से डिस्इंफेक्ट कर ही डिस्पोज करना चाहिए।

• रोगी को अपनी जानें-पहचाने कमरे में रहना चाहिए और घर के अन्य लोगों से दूरी बनानी चाहिए, विशेषकर बुजुर्गों से और हाई ब्लड प्रेशर, हृदय रोगियों, किडनी फेल्योर जैसी बीमारी से पीड़ित लोगों से।

• रोगी को पर्याप्त हाइड्रेशन बनाए रखने के लिए आराम करना चाहिए और बहुत सारे तरल पदार्थ पीने चाहिए।

• हर समय श्वसन शिष्टाचार का पालन करना चाहिए।

• हाथों को अक्सर साबुन और पानी से कम से कम 40 सेकंड तक धोना चाहिए या एल्कोहल बेस्ड सैनिटाइजर से साफ करना चाहिए। 

• अन्य लोगों के साथ कोई भी व्यक्तिगत चीज शेयर न करें।

• कमरे में जिन सतह को अक्सर छुआ जाता है (टेबलटॉप, डोर नॉब्स, हैंडल आदि) उन्हें 1% हाइपोक्लोराइट सॉल्यूशन से साफ करना चाहिए। 

• रोगी को डॉक्टर के निर्देशों और दवा की सलाह का सख्ती से पालन करना चाहिए।

• रोगी अपने शरीर के तापमान की निगरानी रखें और अगर उसे कोरोना का कोई भी भी लक्षण बुखार / खांसी / सांस लेने में कठिनाई) दिखाई देता है तो उसे डॉक्टर से तुरंत बात करनी चाहिए। 

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