आज की तनावभरी जीवनशैली में माइग्रेन एक बड़ी समस्या बनकर सामने आ रहा है। माइग्रेन बहुत ही सामान्य लेकिन विशिष्ट प्रकार का सर दर्द है। माइग्रेन से ग्रस्त ज्यादातर लोगों को कई वर्षों तक सिरदर्द के नियमित दौरे पड़ते रहते हैं। यह दर्द सामान्य से तीव्र तक हो सकता है।
माइग्रेन के लक्षण हैं: तेज़ सर दर्द, उल्टियां आना और आंखों का धुंधला पड़ जाना।
माइग्रेन के कारकों में शामिल हैं:
• कैफीन का अत्यधिक उपभोग या नियमित उपभोग में कटौती।
• तनाव, अनिद्रा या नींद पूरी ना होना।
• हार्मोन स्तर में परिवर्तन।
• यात्रा या मौसम में परिवर्तन।
• दर्द-निवारक दवाओं का ज्यादा प्रयोग।
माइग्रेन के अन्य कारण हो सकते हैं: तनाव, अपच, उच्चे रक्तचाप, खानपान की गलत आदतें, अनिद्रा या अधिक श्रम। यह अनुवांशिक कारणों से भी हो सकता है।
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माइग्रेन से बचाव के घरेलू नुस्खे:
• दर्द होने पर सर की हल्की मालिश करें।
• एक तौलिये को गर्म पानी में डुबोकर, उससे दर्द वाले हिस्से पर सेंक दें। इसके अलावा ठंडा सेंक देने के लिए आप बर्फ के टुकड़ों का भी प्रयोग कर सकते हैं।
• संतुलित आहार व संतुलित दिनचर्या का पालन करें।
• दिन में कम से कम 12 से 14 गिलास पानी ज़रूर पीयें।
• आप ध्यान, योगासन, एक्यूपंक्चर या अरोमा थेरेपी जैसी वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति का भी सहारा ले सकते हैं।
हालांकि अब तक माइग्रेन के वैज्ञानिक कारणों का पता नहीं चल पाया है और सभी माइग्रेन सिरदर्द की रोकथाम भी नहीं की जा सकती। लेकिन सिरदर्द के दौरे से पूर्व कारकों की पहचान कर माइग्रेन दौरों की तीव्रता को कम किया जा सकता है। माइग्रेन से ग्रस्त व्यक्ति को कभी भी माइग्रेन का दर्द हो सकता है इसलिए अच्छा होगा आप दर्द से बचने के लिए अपनी स्थितियों को समझें और संतुलित दिनचर्या का पालन करें।
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