छात्रों को मानसिक रूप से मजबूत बनाएगा मेंटल हेल्‍थ क्‍लब

आखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्‍थान, दिल्‍ली के मनोचिकित्‍सक विभाग और मेंटल हेल्‍थ फाउंडेशन (इंडिया) ने मिलकर एक अच्‍छी पहल की है, जो मानसिक बीमारी को जड़ से उखाड़ फेंकने में लोगों की मदद करेगी।
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छात्रों को मानसिक रूप से मजबूत बनाएगा मेंटल हेल्‍थ क्‍लब

एक रिसर्च की मानें तो मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य के मामले में भारतीय गंभीर नहीं होते हैं, जिसका समाज में बुरा असर देखने को मिलता है। तनाव, अवसाद जैसी समस्‍या से हर उम्र के लोग ग्रसित होते जा रहे हैं। इन समस्‍याओं से निदान पाने के लिए आखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्‍थान, दिल्‍ली के मनोचिकित्‍सक विभाग और मेंटल हेल्‍थ फाउंडेशन (इंडिया) ने मिलकर एक अच्‍छी पहल की है, जो मानसिक बीमारी को जड़ से उखाड़ फेंकने में लोगों की मदद करेगी। इस योजना के तहत दोनों संस्‍था मिलकर एक मेंटल हेल्‍थ क्‍लब की शुरूआत विश्‍व मानसिक दिवस, 10 अक्‍टूबर को करेंगी, जिसके तहत स्‍कूल और कॉलेजों को जोड़ा जाएगा। इससे छात्रों को मानसिक बीमारियों से दूर रखने में मदद मिलेगी।


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    दरअसल, दुनियाभर में मानसिक बीमारी बहुत बड़ी स्वास्थ्य समस्या बनकर उभर रही है और हर उम्र के लोग अवसाद व मानसिक तनाव से पीड़ित हो रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, दुनिया भर में मानसिक, न्यूरोलॉजिकल व नशे की लत से जितने लोग पीड़ित हैं, उसमें से लगभग 15 प्रतिशत मरीज भारत में हैं। राष्ट्रीय मेंटल हेल्थ सर्वे 2015-16 के अुनसार, देश में 18 से अधिक उम्र वाले 5.25 फीसद लोग अवसाद से पीड़ित हैं यानी हर 20 में से एक व्यक्ति मानसिक अवसाद से ग्रस्त है। बच्चों में भी मानसिक तनाव बड़ी समस्या बन रही है।

    एम्स के मनोचिकित्सा विभाग के प्रोफेसर डॉ. नंद कुमार के मुताबिक, बच्चों में अकेलेपन की प्रवृति बढ़ रही है। समाज से लगाव कम होता जा रहा है। इंटरनेट के बढ़ते इस्तेमाल के कारण बच्चे साइबर क्राइम में भी फंस रहे हैं। इसलिए मेंटल हेल्थ क्लब शुरू करने के बारे में विचार किया गया। उन्‍होंने बताया कि मेंटल हेल्थ फाउंडेशन ने इसे राष्ट्रीय स्तर पर विकसित करने की योजना तैयार की है पर शुरुआत में इस क्लब से दिल्ली-एनसीआर के स्कूलों व कॉलेजों को जोड़ा जाएगा। अगले एक साल में 50 स्कूल व कॉलेजों को जोड़ने की योजना है। स्कूलों के छठी से 12वीं कक्षा तक के छात्र इसके सदस्य होंगे। क्लब की सदस्यता लेने के लिए 500 से 700 रुपये के बीच शुल्क भी निर्धारित होगा। हालांकि, सरकार से कार्यक्रम को मदद मिलने पर सदस्यता निशुल्क भी हो सकती है।

    इस कार्यक्रम को मेट (माइंड एक्टिवेशन थ्रू एजुकेशन) नाम दिया गया है। इसके तहत क्लब छोटे-छोटे ऑडियो-वीडियो तैयार करेगा, जिसे स्कूल व कॉलेजों में छात्रों को दिखाया जाएगा ताकि छात्रों का बेहतर मानसिक विकास हो सके। महीने में तीन बार क्लब कार्यक्रम आयोजित करेगा। हालांकि, कार्यक्रम का अंतिम रूपरेखा तैयार होना बाकी है।
    Inputs: jagran


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