हर वर्ष मस्तिष्क ज्वर से पीडि़त मरीज़ों की बढ़ती संख्या लोगों को दहला देती है। मेनिनजाइटिस या मस्तिष्क ज्वर बहुत ही खतरनाक संक्रामक रोग है, जो मेनिन्गोकोकस नामक जीवाणु से होता है। इसमें मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी में सूजन आ जाती है। इसे सामान्य भाषा में गर्दन तोड़ बुखार भी कहा जाता है। यह सामान्यत: बैक्टीरियल और वायरल प्रकार का होता है।। वायरल मेनिनजाइइटिस 7 से 10 दिनों में ठीक हो जाता है और इसके लक्षण सामान्य फ्लू जैसे होते हैं। इसके विपरीत, बैक्टीरियल मैनिनजाइटिस का अगर आरंभिक अवस्था में ही निदान और उपचार नहीं किया गया तो इससे स्थाई विकलांगता या मृत्यु भी हो सकती है। बैक्टीरियल मेनिनजाइटिस में दवा की आवश्यकता व्यक्ति की आयु, दवा के प्रभाव और अन्य कारकों पर भी निर्भर करता है।
होम्योपैथी डाक्टर समीर चौकर के अनुसार मस्तिष्क ज्वर कुछ दूसरे कारणों से भी फैल सकता है, जैसे मच्छरों के काटने से वायरस या बैक्टीरिया के संक्रमण से, टीबी, जैसी बीमारियों से।
मेनिनजाइटिस के आम लक्षण हैं:
- सिरदर्द
- तेज़ बुखार
- गर्दन में अकड़न
- प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता
- मिचली आना
- सुस्ती या कमजोरी
- व्याकुलता
- उल्टियां आना
ये लक्षण वायरल मैनिनजाइटिस की दशा में थोड़े कम होते हैं जबकि बैक्टीरियल मैनिनजाइटिस की अवस्था में तुरंत दिखाई देते हैं। कम आयु के बच्चों में विशिष्ट लक्षणों का पता लगा पाना मुश्किल होता है।
यह बीमारी मरीज़ के खांसने, छीकने से दूसरे व्यंक्ति में फैल सकती है और यह किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है।
कैसे बचें मेनिनजाइटिस से:
• भीड़भाड़ वाली जगहों पर कम जायें।
• यह संक्रामक रोग है इसलिए अगर किसी व्यक्ति को पहले से ही बुखार है, तो उसके संपर्क में आने से बचें।
• मेनिनजाइटिस से बचाव के लिए बाज़ार में ‘मेनवियो’ नामक टीका उपलब्ध हैं।
• अपने आसपास सफाई का खास ख्याल रखें।
मेनिनजाइटिस के लक्षण महसूस होने पर तुरंत इलाज करायें क्योंकि यह बुखार जानलेवा हो सकता है।