धूम्रपान एक ऐसी लत है जो एक बार लग जाए तो आसानी से छूटती नहीं है। इनसान चाहकर भी इससे पीछा नहीं छुड़ा पाता। लेकिन, ध्यान के जरिये इससे छुटकारा पाया जा सकता है। एक ताजा स्टेडी में यह बात कही गयी है।
राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी के नवीनतम अंक में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, मेडिटेशन धूम्रपान की आदत को छुड़ाने का बहुत अच्छा तरीका हो सकता है। शोधकर्ताओं ने पाया कि माइंडफुलनेस मेडिटेशन में महारत हासिल की हुई थी उन्होंने 60 फीसदी कम धूम्रपान किया। ध्यान की इस प्रक्रिया को एकीकृत शारीरिक मन प्रशिक्षण (आइबीएमटी) भी कहा जाता है।
शोध में उन लोगों को शामिल किया गया जो या तो धूम्रपान छोड़ना चाहते थे अथवा उसकी मात्रा कम करना चाहते थे। परिणाम हासिल करने के लिए शोधकर्ताओं ने दूसरा रास्ता अपनाया। शोधकर्ताओं ने ऐसे लोगों को शामिल किया जो तनाव कम करने और अपनी क्षमता बढ़ाने की जरूरत महसूस करते थे। इस प्रयोग को इस तरह तैयार किया गया, जिससे यह पता लग सके कि आईबीएमटी और लत का क्या संबंध है। और यह कैसे धूम्रपान पर क्या, प्रभाव डालती है।
इस शोध में 21 वर्ष की उम्र के लगभग 27 धूम्रपान करने वालों को शामिल किया गया। ये लोग रोजाना औसतन 10 सिगरेट पिया करते थे। इनमें से 15, जिनमें 11 पुरुष थे, इन्हें दो सप्ताह तक पांच घंटे की आईबीएमटी ट्रेनिंग दी गयी। इसमें देखा गया कि जिन लोगों ने इस ट्रेनिंग में भाग लिया, उनकी सिगरेट पीने की इच्छा में काफी कमी देखी गयी।
आईबीएमटी पूरे शरीर को आराम पहुंचाती है। इसके साथ ही मानसिक रूप से भी शांति प्रदान करती है। इसके साथ ही इसके तनाव और मस्तिष्क की कार्यप्रणाली पर पड़ने वाले प्रभावों पर भी शोध किया जा रहा है।
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