शरीर में बढ़ते फैट को मोटापे का कारण माना जाता है, लेकिन एक नए अध्ययन के अनुसार मोटापे का असली कारण फैट नहीं बल्कि मांस-प्रोटीन है। शोधकर्ताओं के एक अध्ययन से यह बात समाने आई है कि मांस में पाया जाने वाला प्रोटीन ठीक चीनी की तरह मोटापा बढ़ाने की वजह बन रहा है। अध्ययन में कहा गया है कि मांस में मौजूद प्रोटीन फैट और कार्बोहाइड्रेट के पाचन के बाद मोटापा बढ़ने की वजह है। यह प्रोटीन से निकलने वाली ज्यादा एनर्जी के कारण है जो बाद में फैट के रूप में परिवर्तित होकर मानव शरीर में अतिरिक्त फैट के रूप में जमा हो जाती है।
पत्रिका 'बीएमसी न्यूट्रिशन एंड द जर्नल ऑफ न्यूट्रिशन एंड फूड साइंसेज' में प्रकाशित अध्ययन रिपोर्ट के अनुसार, आधुनिक भोजन में मांस से मिलने वाली अत्यधिक एनर्जी मोटापे के लिए जिम्मेदार है। पहले भी शोधकर्ताओं ने इसी तरह के कई आकादमिक पत्र पेश किए थे जो ठीक इसी बात की पुष्टि करते हैं। लेकिन अक्सर यह तर्क दिया गया है कि मोटापे की वजह मांस में फैट की मात्रा थी।
शोधकर्ताओं ने 170 देशों में मांस की खपत और मोटापे के दर के बीच संबंध जानने के लिए अध्ययन किया। एडिलेड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर मेकसिज हेननबर्ग ने कहा, हमारे निष्कर्षों के आधार पर हमें विश्वास है, मांस प्रोटीन मानव के आहार में मोटापे को बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। मोटापे के प्रसार के 170 देशों में किए विश्लेषण में हमने पाया कि चीनी की उपलब्धता वाले एक राष्ट्र में 50 प्रतिशत भिन्नता देखने को मिली और मांस की उपलब्धता वाले में 50 प्रतिशत दूसरी।
हेननबर्ग कहते हैं, फिर भी यह महत्वपूर्ण है कि हमें मांस-प्रोटीन की मोटापा बढ़ाने में खास भूमिका दिखाई देती है, हम अच्छी तरह समझ सकते हैं कि क्या हो रहा है। मोटापे को घटाने के क्रम हमें अपने आहार दिशा निर्देशों के सही तरीके से कम मांस खाने की सलाह और कम से कम चीनी लेने का सही तरीके से पालन करना होगा।
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