आम की पत्तियों से करें डायबिटीज का इलाज, ब्लड शुगर होगा कम और बढ़ेगा इंसुलिन

डायबिटीज यूं तो एक सामान्‍य बीमारी है लेकिन यह एक बार अगर यह हो जाए तो इससे पीछा नहीं छूटता। 
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आम की पत्तियों से करें डायबिटीज का इलाज, ब्लड शुगर होगा कम और बढ़ेगा इंसुलिन


डायबिटीज यूं तो एक सामान्‍य बीमारी है लेकिन यह एक बार अगर यह हो जाए तो इससे पीछा नहीं छूटता। आप अपनी जीवनशैली में बदलाव लाकर इससे बच सकते हैं। आप चाहें तो कुछ घरेलू उपाय भी आजमा सकते हैं, जिससे कि यह रोग नियं‍त्रण में रहे। मधुमेह के मरीजों को खानपान का खास ध्यान रखना पड़ता है। यदि मधुमेह रोगी संतुलित खानपान लेंगे तो निश्चित तौर पर उन्हें मधुमेह कंट्रोल करने में मदद मिलेगी। यदि आप भी मधुमेह से पीड़ित है तो आपको भूख से थोड़ा कम भोजन लेना चाहिए। आज हम आपको डायबिटीज को कंट्रोल करने का एक ऐसा तरीका बता रहे हैं जिसके बारें में यकीनन आपने पहले कभी नहीं सुना होगा। इस नुस्खे का नाम है आम की पत्तियां। आइए जानते हैं डायबिटीज में कैसे फायदेमंद है आम की पत्त्यिां।

आम की पत्त्यिों का काढ़ा

चीनी नुस्खे के मुताबिक, आम की पत्तियां डायबिटीज के इलाज में न सिर्फ फायदेमंद है बल्कि यह उसे जड़ से खत्म करने में कारगार है। आम की पत्तियों को लंबे समय से डायबिटीज के साथ-साथ अस्थमा के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है क्योंकि आम की पत्तियों में भरपूर न्यूट्रीशन जैसे पेक्टिन, फाइबर और विटामिन सी भरपूर होता है जो बुरे कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि डायबिटीज के मरीज 15 ताजी आम की पत्तियों को 100 से 150 मिली लीटर पानी में अच्छे से उबालकर इसका काढ़ा बना लें। रातभर इसे एेसे ही रहने दें और सुबह इस काढ़े को पीएं। कुछ महीनों तक ही इस नुस्खे को अपनाने के बाद ही  आपको बेहतर रिजल्ट दिखेगा।

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ब्लड शुगर कम होने के लक्षण

ब्लड शुगर के कम होने की वजह से बेहोश होना, मूड में बदलाव आना जैसे नर्वसनेस महसूस करना, सोते समय डरावने ख्याल आना। डायबिटीज होने पर लो ब्लड शुगर होने से सिर दर्द होने जैसे लक्षण दिखते हैं। साथ ही ऐसी स्थिति में हारमोनल बदलाव भी देखे जाते हैं, जिसके बारे में आपको पता तक नहीं चलता। ब्लड शुगर कम होने की वजह से छोटे-छोटे सिंपल कामों को करने में असुविधा महसूस होना, चीजों में कंफ्यूज होना, चीजें साफ-साफ न दिखना। इतना ही अगर आपको बार-बार भूख लग रही है, तो यह भी लो ब्लड शुगर के लक्षण है। असल में इस तरह शरीर आपको बार-बार चेतावनी दे रहा है कि ब्लड शुगर के स्तर को मैनेज करें। इसके अलावा शुगर की कमी होने की वजहसे हमेशा गर्मी का अहसास होना, स्किन पर असर दिखना जैसे लक्षण भी इसमें शामिल हैं।

डायबिटीज और इंसुलिन का संबंध

डायबिटीज के रोगियों में ब्‍लड शुगर को सामान्‍य रखने के लिए इंसुलिन दिया जाता है। ऐसा माना जाता है कि डायबिटीज के रोगियों को हमेशा इंसुलिन की जरूरत होती है, वास्‍तव में ऐसा नहीं है। टाइप2 डायबिटीज से ग्रस्‍त रोगी भी बिना इंसुलिन के इसका उपचार कर सकता है। दवाओं के साथ-साथ उचित खानपान और नियमित दिनचर्या के साथ टाइप2 डायबिटीज को नियंत्रित किया जा सकता है। 

कितने प्रकार का होता है इंसुलिन

इंसुलिन को चार प्रकारों में बांटा जाता है। शॉर्ट एक्टिंग इंसुलिन- इसका असर बहुत तेजी से (30-36 मिनट में) होता है और यह 6-8 घंटे तक प्रभावी रहता है। इंटरमीडिएट एक्टिंग इंसुलिन- यह बहुत धीरे-धीरे (1-2 घंटे में) असर करता है और 10-14 घंटे तक प्रभावी रहता है। लॉग एक्टिंग इंसुलिन 24 घंटे तक प्रभावी रहता है और इंसुलिन का मिश्रण जो सबको मिलाकर प्रयोग किया जाता है। 

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डायबिटीज के उपचार के अन्य नुस्खे

  • मधुमेह रोगियों का आंकड़ा आज दिन पर दिन बढ़ता ही जा रहा है। ऐसे में आपको समय से पहले ही अपने खानपान पर ध्यान रखना शुरू कर देना चाहिए। खासकर उस समय जब आपके माता-पिता या परिवार के किसी सदस्य को मधुमेह की समस्या हो।
  • मधुमेह रोगी को अधिक से अधिक पानी पीना चाहिए। ऐसे में में वे नींबू पानी लेंगे तो यह उनकी सेहत के लिए और भी अच्छा होगा।
  • मधुमेह रोगी को बहुत भूख लगती है और बार-बार कुछ न कुछ खाने का मन करता है। आपके साथ भी यदि ऐसा होता है तो कुछ भी खाने के बजाय आप भूख से थोड़ा कम खाएं और हल्का भोजन लेते हुए सलाह को ज्यादा खाएं। यानी आपको बार-बार भूख लगती है तो आप सलाद में खीरे को अधिक मात्रा में खाएं।
  • आपको गाजर-पालक का रस मिलाकर पीना चाहिए। इससे आँखों की कमजोरी दूर होती है।
  • मधुमेह के रोगी को तौरी, लौकी, परमल, पालक, पपीता आदि का सेवन अधिक से अधिक मात्रा में करना चाहिए।
  • मधुमेह के दौरान शलगम के सेवन से भी रक्त में स्थित शर्करा की मात्रा कम हो जाती है। शलगम को न सिर्फ आप सलाद के जरिए बल्कि शलगम की सब्जी, परांठे आदि चीजों के रूप में भी ले सकते हैं।
  • जामुन मधुमेह रोगियों के लिए रामबाण है। मधुमेह रोगियों को जामुन को अधिक से अधिक मात्रा में सेवन करना चाहिए। जामुन की छाल, रस और गूदा सभी मधुमेह के दौरान बेहद फायदेमंद हैं।

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