आप ऑफिस में काम कर रहे हैं और आपका साथ वाला सहकर्मी बड़ी-बड़ी डकारें ले रहा है।
घर पर भी आपके पापा सुबह-सुबह बिना खाएं डाकरें ले रहे होते हैं...
कभी-कभी आपको भी चाय पीकर डकारे आने लगती है।
ऐसा पेट में गैस बनने के कारण होता है।
तो.........
क्या किया जाए...?
तो सबसे पहले हमें लोहे के तवे को किचन से हटाना चाहिए और उसकी जगह मिट्टी के तवे पर रोटी बनाकर खानी चाहिए।
क्योंकि शहरीकरण के दौर में अनाजों की गुणवत्ता ऐसे ही कम हो गई है। उस पर अगर हम इन्हें एल्युमिनियम और पीतल के बर्तनों में बनाकर खाते हैं तो ये पकने के बाद बिल्कुल पोषक-तत्वरहित हो जाते हैं। जिसके कारण ही हमें तरह-तरह की बीमारियां होती हैं, खासकर गैस व कब्ज की समस्या।
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इसलिए खाएं मिट्टी के बर्तन में बना खाना
- एल्यूमीनियम के बर्तन में बने खाने में 87 प्रतिशत पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं।
- पीतल के बर्तन में खाना बनाने से इसमें से 7 प्रतिशत पोषक तत्व नष्ट होते हैं।
- कांसे के बर्तन में बने खाने में से 3 प्रतिशत पोषक तत्व नष्ट होते हैं।
- केवल मिट्टी के बर्तन में बने खाने में 100 प्रतिशत पोषक तत्व होते हैं।
मिट्टी के तवे में बनी रोटी
- मिट्टी के तवे में बनी रोटी खाने से गैस की समस्या नहीं होती।
- आटे मिट्टी के पोषक-तत्वों को अवशोषित कर इसे और अधिक पौष्टिक और स्वादिष्ट बना देते हैं।
- साथ ही इसमें मौजूद सभी तरह के प्रोटीन शरीर का खतरनाक बीमारियों से रक्षा करते हैं।
स्वादिष्ट भी होती है
मिट्टी के तवे में बनी रोटी अन्य तवे पर बनी रोटी की तुलना में अधिक स्वादिष्ट भी होती है। इस रोटी में मिट्टी की खुशबू और मसालों का ज़ायका होता है जो खाने के स्वाद को दो गुना कर देता है। इसमें बनी रोटी धीरे-धीरे बनती है। जिसके कारण ये ज्यादा पौष्टिक होती है। आयुर्वेद के अनुसार भोजन जब धीरे-धीरे पकता है तो वह ज्यादा पौष्टिक होता है।
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इस तरह से करें इस्तेमाल
- मिट्टी के तवे में रोटी बनाना थोड़ा मुश्किल है। इस कारण लोग मिट्टी के तवे में रोटी नहीं बनाते।
- मिट्टी के तवे को हमेशा कम आंच या मद्धम आंच में गर्म करना चाहिए।
- मिट्टी के तवे को गर्म होने में पंद्रह से बीस मिनट लगते हैं।
- कम आंच में इस पर रोटी सेंके।
इस बात का भी ख्याल रखें
- मिट्टी के तवे को तेज आंच पर रखने से वो चटक जाते हैं।
- मिट्टी के तवे को पानी के संपर्क में नहीं लाना चाहिए।
- रोटी बनाने के बाद मिट्टी के तवे को कपड़े से साफ करें। साबुन का इस्तेमाल नहीं करें। मिट्टी का तवा साबुन अवशोषित कर लेता है।
source - sanjeevkapoor
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