
सीने में जलन से गले का कैंसर। सुनने में अजीब लग सकता है, लेकिन एक शोध में इस बात की ओर इशारा किया गया है। इसमें बताया गया है कैसे साधारण सी लगने वाली यह जलन कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी का कारण हो सकती है।
यूं तो सीने में जलन की समस्या आम है। और आहार और जीवनशैली में परिवर्तन कर इसे नियंत्रित भी किया जा सकता है। लेकिन, क्या आपको इस बात का अहसास है कि जिन लोगों को सीने में जलन की समस्या अधिक होती है उन्हें गले और वोकल कोर्ड का कैंसर होने की आशंका अधिक होती है। और एंटी एसिड के सेवन से उन्हें फायदा हो सकता है।
गैस्ट्रिक के कारण कैंसर
कैंसर एपिडर्मियोलॉजी, बायोमेकर्स और प्रिवेंशन में ब्राउन यूनिवर्सिटी का शोध प्रकाशित हुआ। इसमे गले और वोकल कोर्ड के कैंसर से पीडि़त 631 लोगों की तुलना 1234 ऐसे लोगों से की गयी, जिन्हें कैंसर नहीं था। शोधकर्ताओं ने पाया कि सीने में जलन के लिए उत्तरदायी गैस्ट्रिक रिफ्लैक्स, इस प्रकार के कैंसर का कारण हो सकता है।
बढ़ जाता है खतरा
ऐसे लोग जो न तो ज्यादा धूम्रपान और मद्यपान करते थे, लेकिन उन्हें बार-बार सीने में जलन की शिकायत होती थी, उन्हें ऐसे लोगों की अपेक्षा जिन्हें कभी सीने में जलन नहीं हुई, गले और वोकल कोर्ड का कैंसर होने का खतरा 78 फीसदी अधिक होता है। यह खतरा आसानी से कम किया जा सकता है। बाजार में गैस और सीने में जलन के लिए आसानी से उपलब्ध इन दवाओं का सेवन भी इस खतरे को कम कर देता है।
क्या होता है गैस्ट्रिक
गैस्ट्रिक रिफ्लैक्स वह परिस्थिति है, जिसमें पेट में मौजूद एसिड खाद्य नली में आ जाता है। ऐसा पेट और खाद्य नली को अलग करने वाले वॉल्व की कार्यपद्धति बिगड़ने के कारण होता है।
पहले भी हो चुके हैं शोध
हालांकि इससे पूर्व में हुए शोध में भी गैस्ट्रिक रिफ्लैक्स तथा गले व वोकल कोर्ड के कैंसर के संबंधों के बारे में पता चला था, लेकिन वे शोध या तो बहुत छोटे थे या फिर वे धूम्रपान, और अधिक मद्यपान जैसे कैंसर के अन्य संभावित कारणों पर अधिक जानकारी दे पाने में असमर्थ थे।
पहला व्यापक शोध
इस शोध में पहली बार कैंसर से ज़ुड़े मामलों में इतने विस्तार से चर्चा की गयी है। शोधकर्ताओं ने शोध में गले के कैसर से पीडि़त 468 लोगों और वोकल कोर्ड के कैंसर से पीड़ित 163 लोगों पर शोध किया। इसके अलावा 1234 ऐसे लोग में प्रतिभागी के रूप में शामिल हुए जिन्हें किसी प्रकार का कैंसर नहीं था। प्रतिभागियों को एक प्रश्नावली के माध्यम से उनकी अल्कोहल और धूम्रपान संबंधी आदतों के बारे में पूछा गया। इसके साथ ही परिवार में कैंसर, सीने में जलन और अन्य संभावित कारणों के बारे में भी जानकारी ली गयी जिनकी वजह से संभवत: गले और वोकल कोर्ड के कैंसर की आशंका बढ़ सकती हो। इसके साथ ही प्रतिभागियों के रक्त नमूनों की जांच कर यह भी पता लगाया गया कि कहीं उन्हें एचआईवी तो नहीं है। कुछ पूर्व शोधों में यह बात भी निकलकर आयी है कि सिर और गर्दन के कुछ कैंसर के पीछे एचआईवी संक्रमण भी हो सकता है।
एंटीएसिड से कम होता है खतरा
शोधकर्ताओं ने पाया कि जो लोग न तो अधिक धूम्रपान करते थे या अधिक शराब का ही सेवन करते थे, लेकिन उन्हें नियमित रूप से सीने में जलन की शिकायत होती थी, उन्हें गले और वोकल कोर्ड का कैंसर होने का खतरा 78 फीसदी ज्यादा था। इसके साथ ही इस शोध में यह बात भी सामने आयी कि जो लोग सीने में जलन होने पर एंटी एसिड का सेवन करते हैं, उन्हें कैंसर होने का खतरा 41 प्रतिशत कम हो जाता है।
शोधकर्ताओं ने डाटा विश्लेषण करते समय उम्र, लिंग, जाति, बीएमआई, शराब की खपत और एचआईवी सहित अन्य पूर्व संक्रमणों का भी आकलन किया।
एंटीएसिड कैसे होता है मददगार
तो आखिर एंटी एसिड इतने मददगार कैसे हो सकते हैं। हालांकि यह बात अभी पूरी तरह साफ नहीं है। जानकार इस दिशा में और शोध किये जाने की जरूरत को महसूस करते हैं।
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