
अपनी लाइफस्टाइल में कुछ जरूरी बदलाव करके आप अपनी ब्लडशुगर को काबू में ला सकते है और साथ ही दवाओं पर अपनी निर्भरता को भी कम कर सकते हैं। आइए ऐसे ही कुछ बदलाव की जानकारी लेते हैं।
डायबिटीज एक गंभीर बीमारी है जिसे साइलेंट किलर भी कहा जाता है। इस बीमारी में ब्लड में ग्लूकोज का स्तर सामान्य से अधिक बढ़ जाता है और ब्लड सेल्स इस शुगर को उपयोग नहीं कर पाती। डायबिटीज कंट्रोल करने के लिए डाइट, एक्सरसाइज की महत्त्वपूर्ण भूमिका है। इसके साथ ही दवाओं का भी रोल होता है। लाइफस्टाइल से जुड़ी आदतों में जैसे डाइट कंट्रोल, वजन पर नियंत्रण, कोलेस्ट्रॉल पर काबू, धूम्रपान छोड़ना, एल्कोहल का सेवन कम करना और शारीरिक गतिविधियां बढ़ाना आदि शामिल हैं। अगर हम अपनी लाइफस्टाइल में ये जरूरी बदलाव ले आएं तो फिर हमारी ब्लडशुगर काबू में आ सकती है साथ ही दवाओं पर हमारी निर्भरता भी कम हो सकती है।
खान-पान में बदलाव
चीनी एवं अन्य मीठे पदार्थो का सेवन कम से कम करें या ना करें। साथ ही चोकर युक्त आटा, हरी सब्जियां अधिक से अधिक लें। मीठे फलों को छोड़ कर अन्य फल का सेवन करें। साथ ही एक बार में ज्यादा खाने की बजाय आहार को छोटे छोटे अंतराल में लें, घी तेल से बनी एवं तली भुनी चीजों से परहेज करें। इसके अलावा गेहूं, जौ एवं चने को मिला कर बनी रोटी यानी मिस्सी रोटी शुगर में बहुत फायदेमंद होती है, इसलिए इसका सेवन करें।
एक्सरसाइज को शामिल करें
नियमित रूप से एक्सरसाइज, योग और मार्निंग वॉक डायबिटीज को कंट्रोल करने में बहुत लाभदायक होती है और यह मोटापा नियंत्रण में रखने में मदद करता है जो डायबिटीज का महत्वपूर्ण कारण है। अध्ययन बताते है कि एक्सरसाइज करने से शरीर में खून का दौरा सही रहता है और खून में शक्कर की मात्रा भी नियंत्रण में रहती है। जिसके परिणामस्वरूप डायबिटीज का कम खतरा रहता है।
नमक पर रोक
नमक हाइपटेंशन बढ़ाने में अहम भूमिका होती है। हाइपरटेंशन लोगों को डायबिटीज की तरफ ढकेलने का काम करता है। इसके अलावा ज्यादा नमक लेने से शरीर में हार्मोनल डिसऑर्डर का खतरा पैदा हो जाता है। और यह टाइप 2 डायबिटीज को बढा भी सकता है। नमक की सही सीमा आपको डायबिटीज को कंट्रोल करने मे मदद करती है।
फाइबर की अधिक मात्रा
ब्लड से शुगर को सोखने में फाइबर का महत्वपूर्ण योगदान होता है। इसलिये आपको गेहूं, ब्राउन राइस या वीट ब्रेड आदि खाना चाहिये जिससे शरीर में ब्लड शुगर का स्तर कंट्रोल रहता है, जिससे डायबिटीज का खतरा कम होता है।
तनाव से बचें
डायबिटीज में तनाव की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है। ऑक्सीटोसिन और सेरोटिन दोनों ही नसों की कार्यक्षता पर असर डालते हैं। तनाव के समय जब एड्रानलिन का रिसाव होता है तब यह डिस्टर्ब हो जाता है, जिससे डायबिटीज का खतरा पैदा होता है। इसलिए तनाव से बचने की पूरी कोशिश करें। तनाव के कारणों को आपसी बातचीत से हल करें, योगा, प्राणायाम, ध्यान तथा मॉर्निंग वॉक से तनाव को कंट्रोल करने में मदद मिलती है।
धूम्रपान ना करें
लम्बे समय तक धूम्रपान करने से दिल और हार्मोन प्रभावित होने शुरू हो जाते है। धूम्रपान की आदत छोड़ देने से आपका स्वास्थ्य तो अच्छा रहेगा ही साथ ही डायबिटीज भी कंट्रोल रहेगी।
अपने लाइफस्टाइल में इन सब उपायों को अपनाकर आप आसानी से डायबिटीज को कंट्रोल कर सकते हैं।
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