ब्रेस्ट में कैंसर या गांठ का पता लगाती है ये जांच, जानें जरूरी बातें

ब्रेस्ट कैंसर और ब्रेस्ट में गांठ दोनों खतरनाक बीमारियां हैं। अक्सर ब्रेस्ट कैंसर की शुरुआत भी गांठ से होती है। ऐसे में इसकी सही समय पर जांच बहुत जरूरी है। ब्रेस्ट में गांठ या कैंसर की आशंका होने पर मैमोग्राफी जांच द्वारा पता लगाया जा सकता है।
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ब्रेस्ट में कैंसर या गांठ का पता लगाती है ये जांच, जानें जरूरी बातें


ब्रेस्ट कैंसर और ब्रेस्ट में गांठ दोनों खतरनाक बीमारियां हैं। अक्सर ब्रेस्ट कैंसर की शुरुआत भी गांठ से होती है। ऐसे में इसकी सही समय पर जांच बहुत जरूरी है। ब्रेस्ट में गांठ या कैंसर की आशंका होने पर मैमोग्राफी जांच द्वारा पता लगाया जा सकता है। अगर आपको अपने स्तनों में गांठ नजर आती है या छूने पर गांठ जैसा महसूस होता है, तो इसको तुरंत जांच करवाएं और मैमोग्राफी द्वारा गांठ की सही स्थिति का पता लगाएं। मगर मैमोग्राफी करवाने से पहले आपको कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है।

क्या है मैमोग्राफी जांच

स्तन के टिशूज में असामान्य वृद्धि या परिवर्तन की पहचान करने के लिए विशेष प्रकार की एक्स रे को मैमोग्राफी कहा जाता है। इसमें एक मशीन और स्तन टिशू के लिए निर्मित एक्सरे फिल्म का उपयोग होता है। एक टेक्‍नीशियन स्तन दबाकर कम से कम दो एंगल से इसके चित्र लेता है। दोनों स्तनों के अलग अलग छवि के सेट बनाये जाते है। इस सेट को मैमोग्राम कहते हैं। स्तन टिशू सफेद, अपारदर्शी और फैटी टिशू की अपेक्षाकृत गहरे और ट्रान्सल्यूसेंट दिखते हैं। मैमोग्राम की स्क्रीनिंग में स्तन को ऊपर से नीचे और बाजू से बाजू तक एक्स रे लिया जाता है।

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क्यों करवाएं मैमोग्राफी

  • जरूरी नही कि मैमोग्राफी सिर्फ वही महलायें करायें जो ब्रेस्‍ट कैंसर से जूझ रही हैं या फिर जिनको ब्रेस्‍ट कैंसर होने की आशंका है। यह सामान्य भौतिक जांच का एक हिस्सा होता है या किसी प्रकार की स्तन की असामान्यता की जांच मैमोग्राम द्वारा हो जाती है।
  • अगर स्‍तनों में कोई समस्‍या जैसे - गांठ या सूजन है, तो चिकित्‍सक मैमोग्राफी करके निश्चित कर लेते हैं कि यह किस प्रकार की समस्‍या है। भौतिक परीक्षा में अत्यंत छोटी गठान प्रतीत नहीं हो सकती जबकि मैमोग्राम द्वारा इसका पता लगाया जा सकता है।

कब करवानी चाहिए ये मैमोग्राफी

  • यदि आपको अपने स्‍तनों में कोई दिक्‍कत या परेशानी महसूस हो रही है
  • अगर ब्रेस्‍ट में गांठ होने का आभास हो रहा है।
  • अगर आपके स्‍तन अचानक से संकुचित हो रहे हैं।
  • अगर दोनों स्‍तनों में असमानता हो तो चिकित्‍सक को इस बारे में बताइए।
  • ब्रेस्‍ट में गांठ या तरल पदार्थ का एहसास हो तो मैमोग्राम के लिए चिकित्‍सक से संपर्क कीजिए।
  • 50 साल से अधिक उम्र की महिलाओं के लिए मैमोग्राफी बहुत जरूरी है क्योंकि उनमें स्तन कैंसर का खतरा काफी बढ़ जाता है।

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मैमोग्राफी करवाने से पहले जान लें ये बातें

  • अगर आपने ब्रेस्ट ट्रांसप्लांट करवाया है, तो चिकित्सक को इसकी जानकारी जरूर दें।
  • मैमोग्राफी की जांच के लिए आपको कमर से ऊपर के कपड़े उतारने पड़ते हैं इसलिए सुविधानुसार कपड़े पहनकर जाएं।
  • मैमोग्राफी के लिए जाते समय कोई भी गहना, अंगूठी, चूड़ी आदि न पहनें।
  • इस प्रक्रिया में दोनों स्तनों की जांच अलग-अलग होती है जिसमें लगभग 30 मिनट लग सकते हैं।
  • मैमोग्राफी के दौरान आपको कुछ समय के लिए सांस रोकने को कहा जा सकता है।
  • ब्रेस्ट को दबाने के लिए और टिशूज को फैलाने के लिए दोनों स्तनों के बीच में एक बोतल रखा जाता है।
  • मैमोग्राफी से पहले ही अपने चिकित्सक से अपनी मेडिकल हिस्ट्री जरूर बता दें।

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