
छठ पूजा पर अस्त होते सूर्य को अर्ध्य देने की परंपरा है। इस पूजा के आध्यात्मिक के साथ कई शारीरिक फायदे हैं, जो आपको स्वस्थ-सेहतमंद रखेंगे।
छठ कार्तिक शुक्ल की षष्ठी को मनाया जाने वाला एक हिन्दू पर्व है। सूर्योपासना का यह अनुपम लोकपर्व मुख्य रूप से पूर्वी उत्तर प्रदेश और खासकर बिहार में मनाया जाता है। प्रायः हिंदुओं द्वारा मनाया जाने वाला यह पर्व धीरे-धीरे भारतीयों के साथ-साथ विश्वभर में प्रचलित हो गया है। छठ केवल एक पर्व नहीं, बल्कि महापर्व है जो कुल चार दिन तक चलता है। नहाय खाय से लेकर उगते हुए भगवान सूर्य को अर्घ्य देने तक चलने वाले इस पर्व का अपना महत्व है।
यह बहुत पुराना त्योहार है। इस दिन भगवान सूर्य और छठी मैया (सूर्य भगवान की पत्नी ऊषा) की पूजा की जाती है। माना जाता है कि अस्त होते सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा से हर तरह की परेशानी दूर होती है, फिर समस्या सेहत से जुड़ी हुई क्यों न हो। छठ पूजा से कई प्रकार के रोग दूर होते है। आंखों और त्वचा के लिए इसे विशेष-तौर पर लाभदायक माना जाता है। आइए इस आर्टिकल के माध्यम से छठ पूजा व्रत के स्वास्थ्य लाभ की जानकारी लेते हैं।
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शरीर को डिटॉक्स करें
विषाक्त पदार्थ हमारे शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं, और छठ पूजा का व्रत शरीर से विषाक्त पदार्थों से छुटकारा दिलाने में मदद करता है। डिटॉक्सिफिकेशन शरीर में रक्त प्रवाह को नियमित करने में मदद करता है और आपको अधिक ऊर्जावान बनाता है। 36 घंटे के उपवास के दौरान शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थ निकल जाते हैं, जिससे बॉडी सिस्टम को आराम मिलता है और वो उपवास के बाद एक नई शुरुआत के लिए तैयार हो जाता है। इससे आपकी त्वचा युवा और स्वस्थ लगती है, आपकी दृष्टि में सुधार होता हैं और उम्र बढ़ने की प्रक्रिया धीमी होती है।
हार्मोन्स के स्राव में मददगार
छठ पूजा के दौरान जब आप व्रत रखती हैं, तो इससे आपके शरीर में हार्मोन्स का संतुलन बेहतर होता है। महिलाओं को होने वाली ज्यादातर समस्याओं के पीछे हार्मोनल असंतुलन जिम्मेदार होता है। ऐसे में व्रत रखने से शरीर में घटे-बढ़े हार्मोन्स बैलेंस होते हैं और आपका शरीर स्वस्थ और सेहतमंद रहता है।
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मानसिक स्वास्थ्य
छठ पूजा का उपवास मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है। पूजा प्रक्रिया के दौरान, एक रचनात्मक शांति मन में प्रबल होती है जो नकारात्मक ऊर्जा को शरीर से दूर करती है। यह प्राणिक प्रवाह को नियमित कर ईर्ष्या, क्रोध, और अन्य नकारात्मक भावनाओं को नियंत्रित करती है।
एंटीसेप्टिक प्रभाव
इस व्रत में आप काफी समय तक सूर्य के प्रकाश के सामने रहते हैं, इससे सूर्य की किरणों का सुरक्षित विकिरण आपकी त्वचा में मौजूद फंगल और बैक्टीरियल इंफेक्शन को दूर करने में मदद करता है। इस तरह से छठ पूजा का व्रत धार्मिक महत्व के साथ-साथ तेज दिमाग और स्वस्थ तन-मन पाने में भी मदद करता है।
संभव है इन्हीं वैज्ञानिक कारणों से छठ का पर्व लंबे समय से मनाया जाता हो। लेकिन ध्यान रखें कि अगर आप पहले से ही किसी बीमारी का शिकार हैं, खासकर डायबिटीज, हार्ट डिजीज या किडनी और लिवर की समस्याएं, तो आपको ये उपवास नहीं रखना चाहिए या डॉक्टर की सलाह लेकर ही उपवास रखना चाहिए।
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