कई ग्राहकों की तरह, मैंने भी पाया की फूड लेबल अजीब तरह से भ्रामक होते हैं। बहुत बार मुझे 'नैचुरल' और 'आर्टिफिशियल' जैसे दिखने वाले शब्दों का आशय स्पष्ट होता हैं। लेकिन कई बार फूड लेबल पर पहुंचाने के बाद, इनका अर्थ धुंधला होना शुरू हो जाता है। मुझे इस बात को जानकार आश्चर्य होता है कि आज हमारे आहार को स्वादिष्ट बनाने के लिए फ्लेवर के प्रसार के लिए उसे नैचुरल बनाम आर्टिफिशियल फ्लेवर लिखने का क्या मतलब है। हालांकि एक तरह का फ्लेवर आपके लिए तब बेहतर है, जब आप वास्तविक आहार खा रहे हो। जबकि 'आर्टिफिशियल' सुनने में आमतौर पर नकली और बुरा लगता है, लेकिन इसका स्वाद नैचुरल फ्लेवर की तुलना में 'असली' लगता है। आइए इस आर्टिकल के माध्यम से जानें कि फूड फ्लेवरिंग की दुनिया में निर्माताओं का वास्तव में नैचुरल और आर्टिफिशियल फ्लेवर से क्या मतलब है?
यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) कोड ऑफ फेडरल रेगुलेशंस (टाइटल 21) के अनुसार, नैचुरल फ्लेवर अनिवार्य खाद्य स्रोत (अर्थात् जानवरों और सब्जियों) है। जबकि आर्टिफिशियल फ्लेवर एक अखाद्य स्रोत है, जिसमें केमिकल को फ्लेवर के लिए इस्तेमाल किया जाता है, यानी आप पेट्रोलियम से पेपर पल्प तक कुछ भी खा रहे है।
नैचुरल या आर्टिफिशियल
लेकिन इससे पहले कि आपका नैचुरल फूड फ्लेवर आर्टिफिशियल फ्लेवर से भी बदतर हो, एम्मा बोस्ट, प्रोग्राम डायरेक्टर ऑफ म्यूजियम ऑफ फूड और ड्रिंक ने वर्तमान में प्रदर्शनी की तैयारी कर रहा है, जिसमें 'फ्लेवर : इसे बनाया और नकल किया जाता है," एक अलग दृष्टिकोण की पेशकश की। उन्होंने कहा, "आर्टिफिशियल और नैचुरल फ्लेवर वास्तव में एक ही केमिकल से बनते है, जो खाद्य और अखाद्य स्रोतों से मिलता है।" उदाहरण के लिए, आप नैचुरल लेमन फ्लेवर सिट्रिक से बना सकते हैं जो केमिकल नींबू के छिलके में पाया जाता है। आपका सिट्रिक से बना आर्टिफिशियल लेमन फ्लेवर, पेट्रोरसायन से संसाधित किया जाता है। इन दोनों केमिकल के बीच फर्क सिर्फ इतना है कि यह कैसे संश्लेषित किये गये है।
जरूरी नहीं कि नैचुरल बेहतर हो
आपके प्रत्येक संवेदी अनुभव बिल्कुल एक जैसे है, क्योंकि यह एक ही केमिकल के है। बोस्ट के अनुसार, नोट करने वाली सबसे जरूरी बात यह है, कि नैचुरल सिट्रिक के लिए आपको सिर्फ नींबू की ही जरूरत नहीं होती, बल्कि यह आपको लेमनग्रास और लेमन मर्टल जैसे पौधों से भी मिल सकती है। इनमें भी सिट्रिक मौजूद होता है। संक्षेप में, 'नैचुरल' शब्द का मतलब जरूरी नहीं कि वह आपके लिए बेहतर या अधिक टिकाऊ हो।
प्राकृतिक फायदों के कोई सबूत नहीं
बोस्ट के अनुसार, खाद्यों में प्रयोग किये जानेवाले नैचुरल व आर्टिफीशियल फ्लेवर के प्राकृतिक फायदों के कोई सबूत मौजूद नहीं हैं। हालांकि, ब्रोकली के मुकाबले पटेटो चिप्स की आर्टिफीशियल फ्लेवर को पहचानना मुश्किल है, क्योंकि पटेटो चिप्स में मौजूद चीनी और स्टार्च युक्त घटक ज्यादा हानिकारक होते हैं और स्वास्थ्य को हानी पहुंचाने के मामले में आर्टिफीशियल फ्लेवर से कहीं ज्यादा ध्यान खींचते हैं।
यूनिवर्सिटी ऑफ़ मिनेसोता के फूड साइंस एंड नुट्रिशन के प्रोफेसर गैरे रेंएक्सिउस इस बात से सहमत हुए। उन्होंने कहा, "फ्लेवर में आंतरिक पोषण का कोई महत्व नहीं है।" तो इससे क्या फर्क पड़ता है कि वह नैचुरल है या आर्टिफीशियल, पोषण में कोई अंतर नहीं होता है।
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