
एक्यूपंचर बीमारियों के उपचार की प्राकृतिक पद्धति है जिससे सामान्य समस्या के साथ खतरनाक बीमारियों का भी उपचार हो जाता है, इसे किसी कुशल चिकित्सक की देखरेख में ही किया जाना चाहिए।
एक्यूपंचर बीमारियों के उपचार की प्राकृतिक पद्धति है जिससे सामान्य समस्या के साथ खतरनाक बीमारियों का भी उपचार हो जाता है। इस उपचार को किसी कुशल चिकित्सक की देखरेख में ही किया जा सकता है। कैंसर, माइग्रेन, शरीर में किसी प्रकार का दर्द आदि के लिए एक्यूपंचर तकनीक का प्रयोग कीजिए। इस लेख में विस्तार से जानें एक्यूपंचर से जुड़ी स्वास्थ्य स्थितियों के बारे में।
क्या है एक्यपूंचर तकनीक
सामान्य और खतरनाक बीमारियों के उपचार के लिए इस तकनीक का प्रयोग किया जा सकता है। इसमें उपचार के लिए सूई का प्रयोग किया जाता है। एक्यूपंचर की सूई स्टेराइल धातु की बनी होती है जिसे ऊतकों और मांसपेशियों में निश्चित प्वाइंट पर चुभाया जाता है। एक्यूपंचर को अपनी सुविधा के अनुसार किसी भी समय किया जा सकता है। एक्यूपंचर की सुई लगाने की प्रक्रिया पर किसी भी प्रकार के खाने या पेय पदार्थों का कोई भी असर नहीं पड़ता है। खाना खाने के ठीक बाद भी एक्यूरपंचर का उपयोग किया जा सकता है। इससे शरीर की नैचुरल हीलिंग की क्षमता बढ़ जाती है।
यह कैसे काम करता है
एक्यूपंचर चिकित्सा पद्धति दो अलग-अलग सिद्धांतों पर काम करती है। चीनी फिलॉस्फी की मानें तो हमारे शरीर में दो विपरीत ताकत यिन व यैंग (सकारात्मक और नकारात्मक) होते हैं। जब ये दोनों ताकतें संतुलन में रहती हैं तो शरीर स्वस्थ होता है और बिना किसी समस्या के ऊर्जा का संचार होता है। हमारे शरीर में लगभग दो हजार विभिन्न एक्यूपंचर प्वॉइंट्स होते हैं। यह इलाज भले ही लंबा चले लेकिन इसका शरीर पर कोई दुष्प्रभाव नहीं होता।
कैंसर का दर्द करें दूर
एक्यूपंचर की विधि से कैंसर के दौरान होने वाले असहनीय दर्द को काफी हद तक कम किया जा सकता है। कैंसर के रोगियों को दवाओं के साइड-इफेक्ट के कारण पैरों में दर्द होता है। जर्मनी के हैम्बर्ग के अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि कैंसर के जिन रोगियों ने एक्यूपंचर का उपयोग किया उनका दर्द न केवल कम हुआ बल्कि तंत्रिकाओं ने भी उबरने के संकेत दिये। यह कीमोथेरेपी के बाद होने वाले दर्द को कम करने में मददगार है।
शराब की लत छुड़ायें
अगर आपको शराब पीने की बुरी लग लग गई है और आप इससे निजात चाहते हैं तो एक्यूपंचर थेरेपी आपकी मदद कर सकती है। इस थेरेपी में खासतौर पर कानों के तीन से पांच एक्यूप्रेशर प्वाइंट्स पर जोर दिया जाता है जिससे व्यक्ति में नशे के प्रति अनिच्छा पैदा होती है। कान के ये तीन बिंदु - सिंपेथेटिक, शेनमेन और फेफड़े शरीर के अन्य बिंदुओं की अपेक्षा 0.1 से 0.2 डिग्री गर्म होते हैं। इनमें एक्यूपंचर की सुई से दबाव डाला जाता है।
दर्द को दूर करे
अगर किसी भी प्रकार का दर्द हो रहा है तो उसके उपचार के लिए एक्यूपेशर की तकनीक आजमायें। सिरदर्द, पीठ दर्द, कमर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, जोड़ों में दर्द सहित शरीर के किसी भी हिस्से में दर्द हो तो उसके उपचार के लिए एक्यूंपचर की तकनीक को आजमायें।
एक्यूपंचर तकनीक में उपचार के दौरान सूइयों का प्रयोग किया जाता है, इसलिए इस तकनीक को किसी विशेषज्ञ चिकित्सक के दिर्शा-निर्देश में ही आजमायें।
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