जानें क्या है कोलेस्ट्रॉल स्क्रीनिंग टेस्ट और कैसे कंट्रोल करें बढ़ता कोलेस्ट्रॉल

आप जानते हैं कि बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल दिल की जानलेवा बीमारियों को बढ़ावा देता है। हालांकि कोलेस्ट्रॉल दो तरह का होता है, गुड कोलेस्ट्रॉल या एचडीएल और बैड कोलेस्ट्रॉल या एलडीएल।
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जानें क्या है कोलेस्ट्रॉल स्क्रीनिंग टेस्ट और कैसे कंट्रोल करें बढ़ता कोलेस्ट्रॉल


आप जानते हैं कि बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल दिल की जानलेवा बीमारियों को बढ़ावा देता है। हालांकि कोलेस्ट्रॉल दो तरह का होता है, गुड कोलेस्ट्रॉल या एचडीएल और बैड कोलेस्ट्रॉल या एलडीएल। इनमें से गुड कोलेस्ट्रॉल आपके शरीर के लिए फायदेमंद है जबकि बैड कोलेस्ट्रॉल से शरीर को कई तरह के रोगों का खतरा रहता है। कोलेस्ट्रॉल स्क्रीनिंग टेस्ट, ब्लड में कोलेस्ट्रॉल के स्तर की जांच है। इस टेस्ट में ब्लड में मौजूद एचडीएल और एलडीएल दोनों का स्तर जांचा जाता है। आइये आपको बताते हैं क्या है कोलेस्ट्रॉल स्क्रीनिंग टेस्ट और कैसे कंट्रोल कर सकते हैं आप अपना कोलेस्ट्रॉल।

क्या है कोलेट्रॉल स्क्रीनिंग टेस्ट

कोलेस्ट्रॉल स्क्रीनिंग टेस्ट में रक्त में एचडीएल और एलडीएल दोनों का स्तर जांचा जाता है। 20 साल की उम्र में पहली बार कोलेस्ट्रॉल स्क्रीनिंग टेस्ट करवाना अच्‍छा रहता है। इसके बाद हर पांच साल में एक बार यह टेस्ट करवाने से आप कोलेस्‍ट्रॉल के स्‍तर पर नजर रख सकते हैं। हालांकि, इसके बाद आपको कितने समय बाद जांच करवानी यह जांच के स्‍तर पर निर्भर करता है। अगर  रक्त में कोलेस्ट्रॉल का स्तर सामान्य से अधिक है या आपके परिवार में दिल की बीमारियों का पारिवारिक इतिहास रहा है तो डॉक्टर हर 2 या 6 माह में जांच कराने की सलाह दे सकते हैं।

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क्यों जरूरी है कोलेस्ट्रॉल की जांच

कोलेस्ट्रॉल लिवर द्वारा उत्पन्न की जाने वाली वसा होती है। हमारा शरीर सही प्रकार से काम करता रहे, इसके लिए कोलेस्‍ट्रॉल का होना जरूरी है। शरीर की हर कोशिका के जीवन के लिए कोलेस्‍ट्रॉल का होना आवश्‍यक है। क्‍त में कोलेस्‍ट्रॉल की अधिक मात्रा शरीर को तमाम प्रकार की बीमारियां दे सकती है। दिल की बीमारियों की बड़ी वजह कोलेस्‍ट्रॉल का स्‍तर सामान्‍य से अधिक होना है। इसलिए समय-समय पर कोलेस्ट्रॉल की जांच द्वारा आप जान सकते हैं कि कहीं आपको दिल की बीमारी का खतरा तो नहीं है।  इसके अलावा इस टेस्ट के द्वारा आप ये भी जान सकते हैं कि कब आपको कोलेस्ट्रॉल को कम करने की जरूरत है।

कितना होना चाहिए आपका कोलेस्ट्रॉल

इंसान की सेहत कैसी होगी, यह बात काफी हद तक इस बात पर निर्भर करती है कि उसके रक्‍त में कोलेस्‍ट्रॉल की मात्रा कितनी है। रक्त में कोलेस्ट्रॉल का स्तर 3.6 मिलिमोल्स प्रति लिटर से 7.8 मिलिमोल्स प्रति लिटर के बीच होता है। 6 मिलिमोल्स प्रति लिटर कोलेस्ट्रॉल को उच्च कोलेस्‍ट्रॉल की श्रेणी में रखा जाता है। इन हालात में धमनियों से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। 7.8 मिलिमोल्स प्रति लीटर से ज्यादा कोलेस्ट्रॉल को अत्यधिक उच्च कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है। आप इस स्थिति में कभी नहीं पहुंचना चाहेंगे। इन हालात में आपको दिल का दौरा पड़ने और स्‍ट्रोक का खतरा भी काफी बढ़ जाता है।

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कैसे कम करें बढ़ता कोलेस्ट्रॉल

  • मोटापे को जल्द करें कंट्रोल
  • रोजाना 30 मिनट करें एक्सरसाइज
  • साइकिलिंग, स्विमिंग, रनिंग या डांसिंग जैसे शौक रखें।
  • ट्रांस फैट वाले फूड्स से रहें दूर।
  • कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर डॉक्टर द्वारा दी गई दवाओं का समय पर करें सेवन।

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