जोड़ों में दर्द का एक आम समस्या है, जिसका प्रमुख कारण अक्सर आर्थराइटिस, जिसे गठिया भी कहा जाता है, होता है। विशेषकर 60 की उम्र के बाद यह ज्यादा परेशान करता है। इसमें रोगी के हड्डियों में सूजन, अकड़न और जोड़ों में दर्द होता है। ऐसा जोड़ों में यूरिक एसिड जमने की वजह से होता है। यूरिक एसिड के जमने से मरीज के जोड़ों में गाठें भी बन जाती हैं। अधिकतर मामलों में यह समस्या अधिक उम्र के लोगों में ही होता है। इसके अलावा सर्दियों में लोगों की जीवनशैली बदलती है। गर्मियों के मौसम के मुकाबले इस मौसम में खान-पान बढ़ जाता है और सुबह की एक्सरसाइज या वाकिंग नहीं हो पाती, सुबह लेट उठना, धूप न होना आदि कारणों से आर्थराइटिस की समस्या बढ़ने लगती है।
क्या हैं जोड़ों में दर्द के कारण
- अर्थराइटिस-ऑस्टियोअर्थाराइटिस, रयूमेटॉयड अर्थाराइटिस
- एसेप्टिक नेक्रोसिस
- बर्साइटिस
- ऑस्टियोकोंड्राइटिस
- सिकल सेल रोग(सिकल सेल एनीमिया)
- स्टेरॉयड ड्रग विदड्राअल
- कार्टिलेज फटना

- बोन कैंसर(प्राथमिक मैलिग्नेंसी) या वह कैंसर जो हड्डियों तक फैल चुका हो(मेटास्टेटिक मैलिग्नेंसी)
- हड्डियों को रक्त की आपूर्ति में अवरोध(जैसा कि सिकल सेल एनीमिया में होता है)
- हड्डियों में संक्रमण(ऑस्टियोमायलिटिस)
- ल्यूकेमिया(रक्त कैंसर)
- हड्डियों में खनिज की कमी(ऑस्टियोपोरोसिस)
- अधिक श्रम
- जिन बच्चों ने अभी चलना सीखा हो, उनकी हड्डियां टूटना
- क्या हैं इसके लक्षण
- चलने, खड़े होने, हिलने-डुलने और यहां तक कि आराम करते समय भी दर्द
- सूजन और क्रेपिटस
- चलने पर या गति करते समय जोड़ों का लॉक हो जाना
- जोड़ों का कड़ापन, खासकर सुबह में या यह पूरे दिन रह सकता है
- मरोड़
- वेस्टिंग और फेसिकुलेशन
जोड़ों के दर्द के लिए उपचार
जोड़ों के दर्द को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। अगर आपकी समस्या उग्र या साधारण है, आप ओटीसी दर्दनिवारकों का उपयोग कर सकती हैं। लेकिन अगर आपका दर्द लगातार बना हुआ है या किसी चोट या कटने या सर्जरी के बाद शुरू हुआ है, तो डॉक्टर से मिलें। आराम करना औऱ गर्म सेंक देनाः साधारण चोट या मोच में आराम और सामान्य दर्दनिवारकों(जैसे-पारासिटामोल, आइब्यूप्रोफेन) या गर्म सेंक के उपयोग से दर्द से राहत पाने में सहायता मिलती है।
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दर्द से बचाव के लिए एक्सरसाइज
- घुटनों के दर्द से आराम पाने के लिए मसल स्ट्रेचिंग एक कारगर एक्सरसाइज है। ऐसी कई स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज हैं जिन्हें करना घुटने के लिए काफी लाभदायक होता हैं। ऐसी ही एक एक्सरसाइज हैम्स्ट्रिंग स्ट्रेचिंग भी हैस जिससे घुटनों के मसल ढीले होते हैं। इस एक्सरसाइज को करने के लिए आप एक पैर आगे करें और दूसरे पैर के घुटने को इतना मोड़ें कि दबाव महसूस होने लगें। आप ऐसे ही कुछ और स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज भी कर सकते हैं।
- स्टेपिंग या स्टेप अप्स एक प्रकार की कार्डियो एक्सरसाइज होती है। यह एक्सरसाइज दिल की धड़कन को बढ़ाती है, शरीर में गर्मी पैदा करती है और पूरे शरीर को ऊर्जावान भी बनाती है। स्टेप अप करते समय अपने घुटने को न मोड़ें, बल्कि उसे पूरी तरह सीधा रखें। साथ ही एक समान गति से एक मिनट तक लगातार स्टेप अप करने से घुटने को काफी फायदा होता है। यदि आप किसी प्रकार की घुटने की चोट से जूझ रहें हैं तो इस एक्सरसाइज को कर सकते हैं।
- कुछ मैट एक्सरसाइज जैसे लेग लिफ्ट व नी लिफ्ट आदि में घुटने के मसल्स स्ट्रेच होते हैं, जिससे घुटने के दर्द को कम करने में सहायता होती है। मैट एक्सरसाइज को घर पर भी किया जा सकता है। ध्यान रहेकि इसे करतेसमय अपने पैर को ऊपर की ओर उठाते वक्त घुटने को न मोड़ें और कुछ देर पैर को उठा हुआ रहने दें। घुटने की चोट के लिए यह एक्सरसाइज काफी फादेमंद होती है।
- अगर आपका घुटना किसी वजह से चोटिल हो गया है तो आप योगा कर सकते हैं। योग करने से मसल्स रीलैक्स होते हैं और घुटने पर से दबाव व तनाव भी कम होता है। ऐसे कई योगआसन हैं जो खासतौर पर घुटने को आराम पहुंचाने के लिए होते है। अन्य एक्सरसाइज की तुलना में योगा का असर अधिक समय तक रहता है। यदि आप नियमित रूप से सूर्यनमस्कार करें तो भी घुटने का दर्द काफी कम होता है।
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