
हम अक्सर सुनते आएं हैं कि दूध पीना सेहत के लिए फायदेमंद होता है, इससे हमारी हड्डियां मजबूत होती है। लेकिन क्या आपको ये भी पता है कि दूध हमारे लिए बहुत ही नुकसानदेह भी है। इसके लगातार सेवन से आस्टीयोपोरोस
हम हमेशा अपने बच्चों को दूध पीने के लिए दबाव बनाते है, जिससे उनकी हड्डियां मजबूत हो, पर क्या ये सही है कि दूध पीने से हड्डियां मजबूत होती है ? टेलीविजन में भी अक्सर एथलीट हमें जोर देते हैं कि दूध पीने से हड्डियां मजबूत होती है। लेकिन तमाम रिसर्च में अश्चर्यजनक बातें सामने आईं है। रिसर्च के मुताबिक डेरी प्रोडक्ट या दूध हमारी हड्डियों मजबूत नही करते हैं न ही दूध हड्डियों को टूटने में उनकी सुरक्षा करते हैं, जिस डेरी वाले दूध को आप बचपन से पी रहें हैं वह इस बात की भी गांरटी नही देता है कि अगर भविष्य में हड्डियों में किसी प्रकार का फ्रैक्चर हुआ तो उसे ठीक करने में दूध आपकी मदद करेगा। एक रिपोर्ट के मुताबिक जिन देशों में दूध और दूध के बने प्रोडक्ट की खपत ज्यादा है वहां आस्टीयोपोरोसिस जैसी खतरनाक बीमारी से ग्रसित लोगों की संख्या अधिक है।
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यहां हम जिस दूध की बात कर रहें है वह पाश्चुराइड होता है न कि कच्चा। कच्चा दूध वह होता है जो पशुओं से हमें तुरंत प्राप्त होता है। बाद में दूध का पाश्चुराइजेशन किया जाता है। कच्चा दूध रासायनिक रूप से क्षारीय होता है। दूध का जब पश्चुराइजेशन हो जाता है तो इसकी प्रकृति बदल जाती है, तब यह अम्लीय हो जाता है। दरअसल, हमारे शरीर का PH मान हमेशा क्षारीय मोड में रहता है। अम्लीय चीजें खाने के बाद हमारा शरीर उसे क्षारीय करने के लिए शरीर में दूसरी जगह से निकलने वाले क्षारीय पदार्थ को अवशोषित करता है। जितना ज्यादा हम पाश्चुराइड दूध का इस्तेमाल करते हैं उतना ही हमारे शरीर को क्षारीय पदार्थ लेना पड़ता है, इसकी पूर्ति हमारी हड्डियों से होती है। ऐसा PH मान को लेवल में रखने के लिए करना पड़ता है। अगर हम हमेशा पाश्चुराइड दूध का सेवन करते रहते हैं तो धीरे-धीरे हमारी हड्डियां कमजोर होती जाती है। जो आस्टीयोपोरोसिस जैसी गंभीर बीमारी का कारण बनती है।
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इंटरनेशनल आस्टीयोपोरोसिस फाउंडेशन के द्वारा ये पता चला है कि महिला में हिप फ्रैक्चर कई गुना तेजी से बढ़ा है इसका कारण है कि अम्लीय भोजन और दूध का प्रतिदिन इस्तेमाल। हमें चाहिए कि हम ज्यादा से ज्यादा क्षारीय भोजन का सेवन करें जो कि हमें सीधे प्रकृति से मिलता है। रिफाइंड और प्रोसेस्ड फूड कम से कम खाएं जिससे शरीर में अम्ल की मात्रा कम रहे। ऑर्गेनिक फूड व वेजिटेबल और क्षारीय पानी आस्टीयोपोरोसिस जैसी बीमारी को कम करने के उपाए हैं।
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