क्या आप जानते हैं कि प्रोटीन और विटामिन से भरपूर कार्नफ्लेक्स मधुमेह रोगियों के लिए नुकसानदायक होता है। मधुमेह के रोगियों को आहारों का सेवन करने से पहले बहुत सावधानी बरतनी पड़ती है। ताकि उनके रक्त में शर्करा की मात्रा का स्तर सामान्य रहे। मधुमेह ऐसा रोग है जिसमें व्यक्ति को काफी परहेज से रहना पड़ता है। कार्नफ्लेक्स में शुगर लेवल को बढ़ाने के लिए रासायनिक स्वीटनर मिलाया जाता है जो सेहत के लिेए हानिकारक होता है। इसके बारे में विस्तार से बात करते हैं।
हाई ग्लाईसीमिक इंडेक्स
यह एक प्रकार का तरीका होता है जिससे पता चलता है कि कितनी तेजी से कार्बोहाइड्रेट युक्त आहार, ब्लड शुगर लेवल को बढ़ा देते हैं। कार्न फ्लेक्स का GI वैल्यू 83 होता है, जो कि ब्लड शुगर लेवल को तुरंत ही बढ़ाता है। ऐसे में अब आप खुद ही सोंच सकते हैं कि यह मधुमेह रोगियों के लिये कैसे अच्छा हो सकता है।कार्न फ्लेक्स में काफी कम प्रोटीन होता है। 1 कटोरा कार्न फ्लेक्स खाने के बाद भी पेट पूरी तरह से नहीं भरता, जिससे बड़ी ही जल्दी भूख लगने लगती है। फाइबर, शुगर लेवल और हार्ट की बीमारी के रिस्क को रोकने में काफी मदद करता है। कार्न फ्लेक्स बनाते वक्त काफी सारा फाइबर नष्ट हो जाता है, जिससे आप तक सही फाइबर की मात्रा नहीं पहुंच पाती।
वजन को बढ़ाता है
मधुमेह की रोगियों के लिए बढ़ता वजन मौत के समान होता है। कार्न फ्लेक्स में शुगर, माल्ट फ्लेवरिंग और कार्न सीरप होता है जिसमें फ्रक्टोज़ का लेवल काफी अधिक होता है। तो अगर आप फ्लेवर वाला कार्न फ्लेक्स खाते हैं, जिसमें सीरप मिली होती है, आपका वजन बढ़ा सकता है। यह एक रसायनिक स्वीटनर होती है, जो पहले से ही कार्न फ्लेक्स में मिली होती है, फिर उप्पर से लोग इसमें और चीनी या शहद मिला लेते हैं। जिससे वजन बढ़ने लगता है। शोध में पता चला है कि कार्न फ्लेक्स में आलू चिप्स के मुकाबले ज्यादा सोडियम की मात्रा मिली हुई होती है। यह हाई ब्लड प्रेशर और दिल की बीमारी होने का रिस्क बढाता है।
सामान्य डायबिटिक व्यक्ति को अपने आहार में निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए कि वे थोड़ी-थोड़ी देर में कुछ खाते रहें। दो या ढाई घंटे में कुछ खाएं। एक समय पर बहुत सारा खाना न खाएं।
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