बच्चा एक नन्हे पौधे की तरह होता है, जो उचित मिट्टी, खाद, पानी, धूप और वातावरण (न कम, न ज्यादा) मिलने पर बढ़कर वृक्ष का रूप लेकर फल-फूल प्रदान करता है। इसी तरह बच्चा भी उचित भोजन और वातावरण मिलने पर अपनी अनुकूलतम संभावित बढ़त/लम्बाई के साथ वयस्क रूप में अपनी सांसारिक जिम्मेदारियां और सुख प्राप्त कर सकता है। शारीरिक व्यक्तित्व को आकर्षक बनाने में लंबाई का भी अपना महत्व है। कुछ नौकरियों में लंबाई को एक आवश्यक शर्त माना जाता है। अगर अभिभावक ध्यान दें, तो उनके बच्चों की भी लंबाई बढ़ सकती है।
खानदानी जीन्स पर निर्भर
बच्चे की लंबाई उसके खानदानी जीन्स पर निर्भर करती है। ज्यादातर बच्चों की लंबाई अपने माता-पिता की औसत लंबाई के अनुरूप होती है या फिर लड़की की लंबाई मां के अनुरूप और लड़के की, पिता की लंबाई के अनुसार होती है। लड़कियों में लंबाई बढऩे की तेजी आठ से तेरह वर्ष की उम्र के बीच होती है और लड़कों में दस से पंद्रह की उम्र में। धीमी गति से लंबाई 18 से 21 वर्ष तक बढ़ती रहती है। कुछ बातों का धैर्यपूर्वक ध्यान रखा जाए, तो बच्चा अपनी अनुकूलतम संभावित लंबाई पा सकता है।
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भरपूर नींद भी है जरूरी
बच्चे की बढ़त में नींद महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। दस से बारह घंटे की नींद और रात को जल्दी बिस्तर पर जाने से लंबाई में काफी फर्क पड़ता है। आराम के समय शरीर में बौद्धिक और शारीरिक विकास करने वाले हॉर्मोन्स बेहतर ढंग से कार्य करते हैं।
अच्छी और हेल्दी डाइट
भोजन में दूध और इससे निर्मित उत्पाद, अंडा या मछली का सेवन लंबाई बढ़ाने में सहायक है। साथ ही विटामिन ए, डी और कैल्शियम, आयरन और उचित मात्रा में कार्बोहाइड्रेटस और वसा (फैट)युक्त खाद्य पदाथों को भी खान-पान में शामिल करना चाहिए। अधिक भोजन करना अधिक लम्बाई नहीं बढ़ाता, बल्कि इससे मोटापा बढ़ता है। मोटे होने से लंबाई का बढऩा कम हो सकता है। लंबाई बढऩे की उम्र के दौरान बच्चे के भोजन का विशेष ध्यान रखना आवश्यक है। व्यायाम- लंबाई बढ़ाने के साथ ही खेलकूद में भी एनर्जी बहुत अधिक लगती है। इसलिए लंबाई बढऩे की विशेष अवधि के दौरान अनावश्यक डाइटिंग नहीं करनी चाहिए।
नियमित व्यायाम
नियमित रूप से शारीरिक व्यायाम या शरीर का क्रियाशील रहना लंबाई बढ़ाने के लिए जरूरी है। खुशगवार माहौल में खेलकूद, आउटडोर स्पोट्र्स , बाइकिंग, रनिंग, और तैराकी आदि भी लंबाई बढ़ाने में सहायक हैं। खुशी-खुशी घर के कार्र्यों में शामिल होने से भी बच्चे की बढ़त में मदद मिलती है और साथ ही मोटापा भी काबू में रहता है।
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जांच और इलाज
बच्चे की अपने डॉक्टर से समय-समय पर जांच करवा कर उसकी बढ़त का आकलन करवाते रहें। लंबाई न बढऩे के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन समय पर इलाज मिलने से कद बढ़ सकता है। अत्यधिक छोटे कद के बच्चे (जिनके खानदान में अन्य सब लंबे हों) ग्रोथ हॉर्मोन ट्रीटमेंट ले सकते हैं। इस इलाज से 2 से 3 इंच तक लंबाई बढ़ सकती है। यह बहुत महंगा इलाज है और 6 से 7 वर्ष तक इस इलाज को लगातार जारी रहना चाहिए। इसकी शुरुआत सोच समझकर करनी चाहिए। एक बार इस इलाज के शुरू होने पर बीच मे बंद होने से नुकसान हो सकता है। अगर आपकी लंबाई कम है, तो इस बात को लेकर अपने मन में हीनभावना न लाएं। बजाय इसके, अपने वजन को सही अनुपात में रखें और अपने मानसिक गुणों को निखारने पर ध्यान दें।
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