
पियर्सिंग टैटू बहुत कॉमन है और लोकप्रिय होते जा रहे हैं, लेकिन आधुनिक सुरक्षा उपायों के चलते यह कम जोखिम भरा हो गया है। ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने एक अध्ययन में पाया कि स्याही के छोटे छोटे जहरीले कण शरीर के बड़े अंगों में प्रवेश कर सकते हैं।
टैटू और पियर्सिंग बहुत कॉमन है और लोकप्रिय भी है। अब अधिक सुरक्षित तकनीकों और आधुनिक सुरक्षा उपायों के चलते यह कम जोखिम भरा हो गया है। हालांकि त्वचा पर इसे किये जाने के कारण इससे इंफेक्शन या रिएक्शन की संभावना हमेशा ही बनी रहती है।
टैटू से जुड़े स्वास्थ्य जोखिम
टैटू की जहरीली स्याही त्वचा के माध्यम से शरीर में पहुंचकर कैंसर का खतरे बढ़ा सकती है। ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने एक अध्ययन में पाया कि स्याही के छोटे छोटे जहरीले कण शरीर के बड़े अंगों में प्रवेश कर सकते हैं। स्याही को तैयार करने वालों ने भी माना कि करीब पांच फीसदी टैटू स्टूडियो ऐसी स्याही का उपयोग करते हैं, जिनमें कैंसर जन्य घटक मौजूद होते हैं।
हालांकि ऐसी स्याही के उपयोग को बंद करने के प्रयास जारी हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार शरीर का संयोजी ऊतक रंजक से स्थायी रूप से नष्ट हो जाता है। जिसके बाद स्याही के छोटे छोटे कण यानी नैनो पार्टिकल्स त्वचा से शरीर के अंदर पहुंच अंगों को नुकसान पहुंचाते हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि जहरीले कण रक्त में प्रवेश कर प्लीहा और वृक्क को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
पियर्सिंग से जुड़े स्वास्थ्य जोखिम
- जानलेवा बीमारियां जो खून से होती हैं इनका खतरा अनस्टेरिलाईज्ड टूल्स या कंटामिनेटेड टूल्स के उपयोग किये जाने से बना रहता है जो किसी इन्फेक्टेड व्यक्ति के खून से संक्रमित हो सकते हैं। हैपेटाइटिस, टेटनेस और एचआईवी जैसी बीमारियां प्रकट हो सकती हैं।
- लालिमा, सूजन, पस आने के साथ दर्द होना आदि लक्षणों वाले त्वचा इंफेक्शन हो सकते हैं। बैक्टीरिया स्टाफ या स्ट्रेप के कारण बैक्टीरियल इंफेक्शन हो सकते हैं।
- ज्वैलरी में उपयोग होने वाली धातुओं के प्रति अनेक लोगों को एलर्जिक रिएक्शन होता है।
- गलत पियर्सिंग से दाग रह सकता है या दाग वाले टिश्युओं की ओवरग्रोथ या केलॉयड्स हो सकते हैं।
- किसी अन्य चीज से उलझने के कारण ज्वैलरी आपकी त्वचा को फाड़ते हुए किसी दुर्घटना का कारण भी बन सकती है। इस तरह फटी हुई त्वचा को टांके या सर्जरी के ज़रिये ट्रीट किये जाने की ज़रूरत होती है ताकि दाग रह जाने या विकृति को रोका जा सके।
वहीं होंठों या मुंह के किसी हिस्से में पहनी गयी ज्वैलरी, मसूढ़ों की समस्याएं, दांतों की समस्याएं उत्पन्न कर सकती है और खाने-पीने के दौरान दिक्कत खड़ी कर सकती है। कई बार ज्वैलरी लूज होकर निगली भी जा सकती है।
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