हाथ-पैर या शरीर में चोट लगना कॉमन है। छोटे कट्स और चोट के लिए हम बाजार में मिलने वाली स्ट्रिप बैंडेज का इस्तेमाल करते हैं। स्ट्रिप बैंडेज का साइज भले ही छोटा होता है लेकिन दर्द को कम करने और घाव को ठीक करने में ये बेहद असरदार होती हैं। लेकिन कई लोगों को उसे लगाने का सही तरीका मालूम नहीं होता। सही तरीके से बैंडेज न लगाने के कारण घाव भरता नहीं है। चोट पर बैंडेज को गलत ढंग से लगाने के कारण संक्रमण भी हो सकता है। गलत ढंग से लगी बैंडेज, आपका दर्द कम करने के बजाय बढ़ा सकती है। ओनलीमायहेल्थ की 'How to Series' में आज हम जानेंगे चेाट पर बैंडेज लगाने का सही तरीका।
1. खून बहने से रोकें
अगर चोट से खून बह रहा है, तो सबसे पहले खून को बहने से रोकें। खून को बहने से रोकने के लिए बर्फ का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके बाद तय करें कि आपका घाव गहरा है या नहीं। अगर जख्म ज्यादा गहरा है, तो तुरंत हॉस्पिटल जाएं। अगर आपको चोट नाखून, ग्लास, कॉपर से लगी है, तो संक्रमण रोकने के लिए एंटी-टिटनेस इंजेक्शन जरूर लगवाएं।
2. चोट को साफ करें
सबसे पहले चोट वाले हिस्से को अच्छी तरह से साफ करें। इसके लिए साफ पानी का इस्तेमाल कर सकते हैं। संक्रमण से बचने के लिए हाथों को पहले अच्छी तरह से साफ कर लें। किसी भी तरह के कटे, जले या छिले हुए स्थान पर हल्दी या घरेलू उपायों का प्रयोग न करें।
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3. सही बैंडेज चुनें
खुद के लिए सही बैंडेज चुनाव करना महत्वपूर्ण स्टेप है। ऐसी बैंडेज जो आपकी चोट पर फिट आए। इस लेख में हम जिस बैंडेज की बात कर रहे हैं, वो छोटे कट और हल्की चोट में इस्तेमाल की जाती है। इसे स्ट्रिप बैंडेज कहते हैं। आप चोट के मुताबिक बैंडेज का चुनाव कर सकते हैं। जैसे प्रेशर बैंडेज, मोलस्किन, गौज पट्टी आदि। अगर चोट में उभरी हुई हड्डी या गहरा कट नजर आए, तो इसे गंभीरता से लें। ऐसे मामलों में तुरंत चिकित्सा सहायता लेने की जरूरत होती है।
4. बैंडेज लगाएं
चोट को साफ करने के बाद, बैंडेज को निकालें और उसकी स्ट्रिप हटाकर त्वचा को टाइट करते हुए चोट पर लगा दें। आपको बैंडेज के टेप वाला भाग सीधा घाव पर नहीं आने देना है। ध्यान रखें कि बैंडेज बहुत ज्यादा टाइट न हो। इसके अलावा अगर बैंडेज में कोई एक्सट्रा धागा या सिरा बाकि हो, तो उसे कैंची की मदद से कांट दें। लूज एंंड्स, खिंचकर आपके दर्द का कारण बन सकते हैं।
5. चोट का आकार देखें
अगर आपको चोट, त्वचा के बड़े हिस्से में लगी है, तो आप दो से तीन बैंडेज का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। चोट के आकार के मुताबिक आप बैंडेज को T शेप, X शेप या क्रिसक्रॉस शेप में काट सकते हैं। टेप का एक्सट्रा भाग आपको उंगली के गोलाई में ही बांधना है। बैंडेज को कुछ इस तरह उंगली पर लपेटें जिससे उसके दोनों छोर आपस में जुड़ जाएं।
कुछ घावों के लिए सिर्फ बैंडेज लगाना काफी नहीं होता। उनमें ड्रेसिंग और एंटीबायोटिक्स की भी जरूरत होती है। चोट लगने पर डॉक्टर से सलाह लेना न भूलें।
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