इन सस्ते उपायों से संभव है आॅटिज्म के मरीजों का इलाज

ऑटिज्म से ग्रस्त लोगों को सामाजिक परिस्थितियों का सामना करने के लिए तैयार करना सबसे जरूरी है। इसके लिए कई तरह की उपचार मौजूद है, जानें उन उपचारों के बारे में।
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इन सस्ते उपायों से संभव है आॅटिज्म के मरीजों का इलाज


ऑटिज्म के उपचार के लिए कोई एक मान्य तरीका नहीं है। हर रोगी के लिए अलग तरीके का इस्तेमाल किया जाता है। ऑटिज्म से ग्रस्त लोगों को कौन सा इलाज देना है इसका निर्णय रोगी की जांच के बाद ही किया जाता है। ऑटिज्म के उपचार के अनेक तरीके हैं। इनमें स्क्रीनिंग टूल, बिहेवियर प्रोग्राम, इमिटेशन एक्सरसाइज, दवाओं आदि का इस्तेमाल किया जाता है। डॉंक्टर मानते हैं कि ऑटिज्म रोगी की शिक्षा पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है ताकि इस पर काबू पाया जा सके और बच्चों की इसकी तकलीफ से मुक्ति दिलाई जा सके। ऑटिज्म के इलाज के मुख्य उद्देशय है कि रोगी में ऑटिज्म के लक्षणों को कम करके उनमें सीखने की क्षमता का विकास किया जाए।

बिहेवियर और कम्यूनिकेशन थेरेपी

ऑटिज्म रोगी के लिए काफी सारे प्रोग्राम होते हैं जो उनमें सामाजिक,व्यवहारिक व भाषा की समस्याओं को दूर करने में मदद करते हैं। कुछ कार्यक्रम रोगियों में व्यवहारिक समस्याओं को कम करने के साथ ही उन्हें नए गुण भी सीखाते हैं। इसके अलावा बच्चों को लोगों से बात करने के गुण सीखाए जाते हैं जिससे वे आसानी से सामाजिक स्थितियों का सामना कर सकें।

एजुकेशनल थेरेपी

ऑटिज्म से ग्रस्त बच्चों की शिक्षा के लिए उन्हें यह थेरेपी दी जाती है। थेरेपी देने वाले लोगों में कई विशेषज्ञ होते हैं जो उन्हें हर तरह की शिक्षा देते हैं। इस थेरेपी के दौरान बच्चों से कई तरह की गतिविधि करायी जाती है जिससे उनके सीखने की क्षमता बढ़ती है। विशेषज्ञों की टीम पूरी रिसर्च के साथ बच्चों को यह थेरेपी देती है जिससे बच्चे सीखने के साथ ही समाज को पेश करने के काबिल बनते हैं।

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फेमिली थेरेपी

इस थेरेपी के दौरान अभिवावक व परिवार के अन्य लोग बच्चों को खेलना व एक दूसरे से सामना करना सीखा सकते हैं। इस थेरेपी के दौरान बच्चों की समस्याओं को समझते हुए उनकी परेशानी को दूर करने की कोशिश की जाती है। परिवार के लोग बच्चों को नियमित रुप से व्यवहारिक ज्ञान देते हैं जिससे उनमें रहन-सहन के गुणों को पैदा किया जाता है।

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दवाएं

कोई भी दवाएं ऑटिज्म के लक्षणों को नहीं ठीक कर सकती हैं लेकिन कुछ निश्चित दवाएं उन्हें नियंत्रित जरूर कर सकती हैं। जैसे अवसाद, उत्तेजक होना, खुद को नुकसान पहुंचाने वाली प्रवृत्ति , अत्यधिक गुस्सा आदि समस्याओं में दवाएं दी जाती हैं। इससे रोगी में इस प्रकार के लक्षणों पर काबू पाया जा सकता है।

अन्य चिकित्सा

ऑटिज्म से ग्रस्त बच्चों में अन्य कई समस्याएं भी हो सकती है जैसे इप्लेप्सी, अनिद्रा व पेट की समस्या। आप चाहें तो बच्चों के डॉक्टर से इन समस्याओं के बारे में बात कर सकते हैं और उचित इलाज के बारे में भी जानकारी ले सकते हैं।

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