शरारती और असभ्य व्यवहार वाले बच्चों को इस तरह सिखाएं मैनर्स

कई बार बच्चे इतने शरारती और असभ्य होते हैं कि उनके व्यवहार के कारण मां-बाप को शर्मिन्दा होना पड़ता है। समस्या तब और गंभीर हो जाती है जब आप किसी रिश्तेदार या दूसरे के घर बच्चों को लेकर जाते हैं। बच्चों में बिहैवियर संबंधी इन समस्याओं की जड़ मां-बाप की परवरिश में होती है। अगर आप शुरुआत से बच्चों को मैनर्स और दूसरों से व्यवहार संबंधी बातें समझाएंगे, तो वो दूसरों से अच्छी तरह पेश आएंगे।
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शरारती और असभ्य व्यवहार वाले बच्चों को इस तरह सिखाएं मैनर्स

कई बार बच्चे इतने शरारती और असभ्य होते हैं कि उनके व्यवहार के कारण मां-बाप को शर्मिन्दा होना पड़ता है। समस्या तब और गंभीर हो जाती है जब आप किसी रिश्तेदार या दूसरे के घर बच्चों को लेकर जाते हैं। बच्चों में बिहैवियर संबंधी इन समस्याओं की जड़ मां-बाप की परवरिश में होती है। अगर आप शुरुआत से बच्चों को मैनर्स और दूसरों से व्यवहार संबंधी बातें समझाएंगे, तो वो दूसरों से अच्छी तरह पेश आएंगे।

खाना खाने का तरीका सिखाएं

अक्सर देखा जाता है कि घर पर बच्चे बिस्तर पर लेटकर, टीवी देखते हुए, सोफा पर बैठकर या खेलते-खेलते, किसी भी तरह खाना खाएं मां-बाप उन्हें नहीं समझाते हैं। ऐसे जब बच्चे दूसरों के घर जाते हैं, तो उनकी यही आदतें शर्मिन्दगी का कारण बनती हैं। इसलिए बच्चों को घर पर ही खाने-पीने का सही तरीका सिखाएं। कई बार पार्टी और फंक्शन में बच्चे खाना गलत तरीके से खाते हैं क्योंकि उन्हें कौन सी चीज किस तरह खानी है, ये पता नहीं होता है। ऐसे में आप घर पर ही बच्चों को टेबल मैनर्स सिखाएं ताकि बाहर जाकर आपको बार-बार उन्हें खाने के बारे में न बताना पड़े।

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झगड़ों से दूर रहने को कहें

जहां दो-चार बच्चें मिल जाते हैं वहां उनका लड़ना-झगड़ना, खेल-मस्ती, तोड़-फोड़ करना स्वाभाविक है। इसका कारण ये है कि बच्चों को ऐसा करने में मजा आता है। अगर आप पार्टी में जाते हैं और बच्चा किसी और बच्चे से झगड़ता है या उसे मार देता है, तो इससे दूसरों के बीच आपके परवरिश पर भी सवाल उठते हैं, जिससे आपको शर्मिन्दगी झेलनी पड़ती है। इसके लिए आप बच्चों को शुरू से ही डिसिप्लिन सिखाएं। बच्चों को बताएं कि खेलना अलग बात है मगर ऐसा कोई काम न करें कि दूसरों का नुकसान हो या मां-बाप शर्मिन्दा हों।

घर में अच्छा रखें माहौल

घर का नकारात्मक माहौल बच्चे के स्वभाव पर असर डालता है। यदि माता-पिता आपस में लड़ते-झगड़ते रहते हैं या माता—पिता हमेशा बच्चों को डांटते हैं तो इससे बच्चे के व्यवहार पर भी प्रभाव पड़ता है और वो भी लड़ना-झगड़ना और त्वरित प्रतिक्रिया देना सीख जाता है। इसलिए यदि माता-पिता चाहते हैं कि उनके बच्चे का व्यवहार दूसरों के प्रति अच्छा हो और वो सभ्य बने, तो उन्हें अपने घर के माहौल को सकारात्मक और मिलनसार बनाना होगा।

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बहुत ज्यादा न फटकारें

बच्चे को ज्यादा डांटे-फटकारें नहीं। जब भी आपका बच्चा रूखा बर्ताव करे या जिस काम के लिए मना किया है वो काम करे, तो उसे प्यार से समझाएं। अगर बच्चा बदतमीजी भी करता है, तो तत्काल थोड़ी सख्ती के साथ डांट दें मगर बाद में उसकी गलती का एहसास दिलाते हुए उसे प्यार से समझाएं और आगे से अच्छे व्यवहार के लिए उसे उसकी मनपसंद चीजों का लालच दें।

रिश्तेदारों से घुलना-मिलना सिखाएं

पार्टी में दोस्त और रिश्तेदार अक्सर आपके बच्चों से मिलते ही उनमें इंटेरेस्ट लेते हैं और कुछ सवाल-जवाब कर सकते हैं। ऐसे में बच्चों को पहले से सिखाएं कि किन सवालों का उन्हें क्या और कैसे जवाब देना है। ज्यादातर बच्चे ऐसे समय में खामोश रहते हैं, जिससे पूछने वाले पर गलत प्रभाव पड़ता है। बच्चे अगर बिना झिझक रिश्तेदारों के सभी सवालों का जवाब देते हैं, तो इससे वो काफी प्रभावित होते हैं।

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