मोटापा अपने साथ कई बीमारियों को लेकर आता है और इसमें प्रमुख है डायबिटीज। अगर कोई एक बार डायबिटीज का शिकार हो गया तो आजीवन उसकी गिरफ्त में रहता है, क्योंकि यह ऐसी बीमारी है जिसे छुटकारा नहीं मिल सकता बल्कि खानपान और व्यायाम के जरिये इसके दौरे को कम किया जा सकता है, इसे नियंत्रण में रखा जा सकता है। लेकिन शायद ही आपको पता हो कि लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले आहार का सेवन करके आप वजन और डायबिटीज पर नियंत्रण रख सकते हैं।
कैसे करता है असर
दरसअल जिस आहार में ग्लाइसेमिक इंडेक्स की मात्रा कम होती है वह ब्लड ग्लूकोज के स्तर को बढ़ाता नहीं बल्कि उसे सामान्य रखता है। इससे खून में ग्लूकोज की मात्रा नहीं बढ़ती और मोटापे के साथ-साथ डायबिटीज जैसी खतरनाक बीमारी के होने की संभावना भी कम होती है। इसलिए खाने में लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले आहार का सेवन अधिक कीजिए।
क्या है ग्लाइसेमिक इंडेक्स
दरअसल ग्लाइसेमिक इंडेक्स एक प्रकार का अंक है जिसकी गणना आसानी से की जा सकती है। अगर आपको 25 ग्राम ग्लूकोज दिया जाये और कुछ समय बाद आपके रक्त में ग्लूकोज के स्तर की जांच की जाये। तो आपने जो खाया है और रक्त में मौजूद ग्लूकोज की मात्रा के भागफल को 100 से गुणा (मल्टीप्लाई) करने पर खाए हुए पदार्थ का ग्लाइसेमिक इंडेक्स आ जायेगा। यानी ग्लूकोज और खाए गये पदार्थ की वह मात्रा जिसके सेवन से रक्त में ग्लूकोज का स्तर समान रूप से बढता है, इसके अनुपात को 100 से मल्टीप्लाई करने पर उस पदार्थ का ग्लैक्सेमिक इंडेक्स प्राप्त हो जाता है। ऐसे आहार का सेवन कीजिए जिससे ग्लाइसेमिक इंडेक्स 50 से अधिक न हो।
कार्बोहाइड्रेट है यह
कार्बोहाइड्रेट हमारे शरीर को स्वस्थ रखने के लिए बहुत जरूरी है, यह वजन कम करता है और डायबिटीज को होने से बचाता है। कार्बोहाइड्रेट 2 प्रकार में पाया जाता है - पहला वो जिनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, इन्हें कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट भी कहा जाता है यह शरीर के लिए अच्छा माना जाता है और दूसरे ज्यादा ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले होते हैं, जिसे सिंपल कार्बोहाइड्रेट भी कहा जाता है। कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट से ब्लड ग्लूकोज (शुगर) का स्तर मामूली रूप से बढ़ता है जबकि ज्यादा ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले सिंपल कार्बोहाइड्रेट तेजी से ब्लड ग्लूकोज स्तर बढ़ते हैं। ज्यादा ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले कार्बोहाइड्रेट कई क्रोनिक बीमारियों को बढ़ावा देते हैं - टाइप-2 डाइबीटीज, हाई ब्लड प्रेशर, मोटापा और मोटापे के कारण होने वाली अन्य बीमारियां।
लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले आहार
कुछ खाद्य जिनके ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम हैं - ब्रेड 70, पराठा 70, चावल 72, बाजरा 71, इडली 80, उपमा 75, दूध 33, दही 33, 87, ताजे फलों में 20, छोले 65, सोयाबीन 56, राजमा 29, अंकुरित चने 60। अंडे, मांस और मछली भी लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले आहार होते हैं।
इन आहार के साथ-साथ नियमित रूप से शरीर की जांच अवश्य करायें, अगर किसी प्रकार की स्वास्थ्य समस्या है तो चिकित्सक से सलाह अवश्य लीजिए।
छाया साभार - गेटी इमेज
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