बरसात का मौसम यानी नमी के साथ-साथ उमस भरी गर्मी का प्रकोप। नमी और गर्मी इन दोनों के कारण कई रोग पनपते हैं जिसमें एक है आंख का रोग कॅन्जंक्टिवाइटिस यानी आंख में संक्रमण होना। कॅन्जंक्टिवाइटिस की समस्या अधिकतर वायरस के कारण होती है। इसके अलावा यह बैक्टीरियल एलर्जी या किसी रसायन के कारण भी हो सकती है। बरसात के मौसम में होने वाली कॅन्जंक्टिवाइटिस केवल वायरस के कारण होती है पर अधिकतर रोगियों में बाद में इसमें वायरस के साथ-साथ बैक्टीरियल संक्रमण भी हो जाता है। कभी-कभी कॉन्टैक्ट लेंस का लंबे समय से प्रयोग भी कॅन्जंक्टिवाइटिस का कारण बन सकता है।
मर्ज ऐसे फैलता है
यह अत्यंत संक्रामक रोग है। इसका वाइरस या बैक्टेरिया स्पर्श के द्वारा किसी संक्रमित व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक पहुंचता है। पीडि़त व्यक्ति अपनी आंख छूने के बाद जो भी वस्तु या सतह छुएगा, वह संक्रमित हो जाएगी। स्वस्थ व्यक्ति द्वारा वह वस्तु या सतह छूने के बाद आंख को छूने से रोग स्वस्थ व्यक्ति की आंख तक पहुंच जाता है। हवा के द्वारा वाइरस का फैलाव बहुत सीमित ही होता है।
ये हैं लक्षण
- आंख में खुजली, लाली, चुभन व जलन होना।
- आंख से कीचड़ निकलना।
- रोशनी से उलझन होना
- आंख में कुछ गिरे होने का अहसास होना।
ऐसा करने से मिलेगी राहत
- आंख को गुनगुने पानी और रुई से साफ रखें।
- आंख को बार-बार मलें या रगड़ें नहीं।
- ठंडे पानी या बर्फ से सिकाई करें।
- आंख की कोई दवा खुद या अन्य लोगों से पूछकर न डालें, क्योकि ऐसा करने पर आंख की रोशनी भी जा सकती है। अपने नेत्र चिकित्सक के परामर्श से ही दवा डालें।
- कोई भी ऐसा एंटीबॉयटिक ड्रॉप जिसमें एस्टेरॉयड हो या डी/ डी एम लिखा हो उसे कभी न डालें।
- आंख पर पट्टी आदि न बांधें।
- काले चश्मे के प्रयोग से रोशनी में चुभन में आराम मिलता है।
- टी.वी., कंप्यूटर आदि को न देखें क्योंकि इससे आंखें तनावग्रस्त हो जाएंगी। -
- ठीक होने तक कांटैक्ट लैंस व मेकअप आदि का प्रयोग न करें।
- कन्जंक्टिवाइटिस होने पर स्वीमिंग पूल आदि का प्रयोग न करें।
- कॅन्जंक्टिवाइटिस से ग्रस्त बच्चों को स्कूल न भेजें और वयस्क भी घर में ही आराम करें।
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करें बचाव
- जब कॅन्जंक्टिवाइटिस तेजी से फैला हो तब जहां तक हो सके आंखों को न छुएं। अगर छूना भी पड़े तो हाथों को अच्छी तरह धोकर ही आंख को छुएं या हाथ के पीछे के भाग से आंख को छुएं।
- किसी अन्य व्यक्ति का तौलिया आदि न प्रयोग करें।
- कंजक्टीवाइटिस ग्रस्त व्यक्ति द्वारा प्रयुक्त कोई भी वस्तु न छुएं।
- हाथों को दिन में कई बार साबुन से धोएं।
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