Black pepper In Type 2 Diabetes: मौजूदा वक्त में डायबिटीज की समस्या एक आम समस्या बन चुकी है, जिसके पीछे कहीं न कहीं बिगड़ता लाइफस्टाइल एक प्रमुख कारण है। वर्तमान समय में डायबिटीज से न केवल पुरुष बल्कि महिलाएं और कम उम्र के लोग भी शिकार हो रहे हैं। डायबिटीज एक ऐसी घातक स्थिति है, जिसमें शरीर भीतर से धीरे-धीरे खोखला होता जाता है और हमारा शरीर ढलना शुरू हो जाता है। एक बार किसी व्यक्ति को डायबिटीज हो जाए तो यह स्थिति पूरी जिंदगी उसके साथ रहती है। डायबिटीज तब होती है जब हमारे रक्त में शुगर की मात्रा बढ़ने लगती है और इंसुलिन सही तरीके से काम नहीं कर पाता है। रक्त में शुगर बढ़ने से व्यक्ति कई गंभीर रोगों का शिकार हो सकता है। इतना ही नहीं अगर इस स्थिति को नजरअंदाज किया जाए तो शरीर के दूसरे अंग प्रभावित होकर काम करना बंद कर देते हैं और व्यक्ति की जान भी जा सकती है। डायबिटीज होने पर इससे बचने के कई घरेलू उपाय भी हैं, जिसमें प्राकृतिक तरीकों से इसे कंट्रोल किया जा सकता है। इस लेख में हम आपको एक ऐसे ही एक प्राकृतिक तरीके से शुगर कंट्रोल करने का तरीका बता रहे हैं। इस तरीके के लिए आपको सिर्फ काली मिर्च और घर में रखी चीजों की ही जरूरत होगी। तो आइए जानते हैं कि आप कैसे शुगर को कंट्रोल कर सकते हैं।
Black pepper In Type 2 Diabetes: ऐसा कहना बिल्कुल भी सही नहीं है कि काली मिर्च के जरिए डायबिटीज से बचा सकता है ब्लकि ये इस स्थिति की रोकने में मदद कर सकती है। शुरुआत में ही काली मिर्च का सेवन आपको इस बीमारी से बचाता है और फिर बाद में डायबिटीज से संबंधित जटिलताओं से निपटने में मदद करता है।
काली मिर्च में छिपे एंजाइम हैं फायदेमंद
जैसा कि हमने बताया कि काली मिर्च ब्लड शुगर को बढ़ने से रोकती है ऐसा कैसे होता है और ये कैसे काम करती है, इस सवाल का जवाब खुद काली मिर्च में ही छिपा है। दरअसल काली मिर्च इस विकार से जुड़े प्रमुख एंजाइमों को रोकता है और ब्लड शुगर के स्तर में उतार-चढ़ाव को कम करता है। यह एक प्रमुख एंटीऑक्सिडेंट के रूप में भी जाना जाता है, जो डायबिटीज रोगियों में इस स्थिति को दूर करने में मदद करता है।
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काली मिर्च के अनेक रूप लेकिन सभी फायदेमंद
इसके अलावा, काली मिर्च के रूपों में काली मिर्च एसेंशियल ऑयल या काली मिर्च के रूप में प्रभावशाली एंटी-बैक्टीरियल गुण देखने को मिलते हैं। काली मिर्च न केवल डायबिटीज रोगियों के लिए ब्लकि जिन लोगों का पाचन तंत्र खराब रहता है उनके पाचन स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाता है। काली मिर्च की ये क्षमताएं ब्लज शुगर के स्तर को स्थिर करने में मदद करती हैं, इसके अलावा ये हाइपरग्लाइसेमिया को भी कंट्रोल करने का काम करती है और मुक्त कण क्षति को भी कम करती हैं।
मोटापे और डायबिटीज में प्रभावी काली मिर्च
अमेरिका की नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज की प्रोसिडिंग में प्रकाशित एक हालिया शोध में काली मिर्च के एक घटक पिपेरिन का मोटापे और मधुमेह पर प्रभाव का अध्ययन किया गया। शोधकर्ताओं ने पाया कि पिपेरिन मांसपेशियों को आराम देने वाले मेटाबॉलिक रेट के अपरेगुलेशन में मदद करता है, जो मोटापे और मधुमेह को कम कर सकता है। इसप्रकार यह दोनों रोगों से निपटने में प्रभावी होता है।
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कैसे प्रयोग कर सकते हैं काली मिर्च
काली मिर्च का प्रयोग आप कई तरीके से कर सकते हैं लेकिन अगर आप काली मिर्च के साथ हल्दी को बादाम या नारियल के दूध और दालचीनी जैसे अन्य मसालों के साथ चाय बनाकर पीएंगे तो आपके लिए बेहद फायदेमंद साबित होगा। यह चाय मधुमेह रोगियों को ग्लूकोज को नियंत्रित करने और रक्तचाप (blood pressure) को नियंत्रित करने में मदद कर सकती है।
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