
यदि स्किन कैंसर को उस की शुरुआती स्टेज में ही पहचान लिया जाए तो आप के बचने के 99 प्रतिशत से भी अधिक चांस होते हैं। अतः अपनी स्किन को ले कर थोड़ी सी भी लापरवाही बरतनी आप के लिए बहुत भारी पड़ सकती है। इस प्रकार की कैंसर में मेलोनेमा भी शामिल होती है जो स्किन कैंसर का सबसे अधिक जानलेवा प्रकार होता है।
परंतु हम कैसे पहचानेंगे कि हमें स्किन कैंसर है? क्या हमें किसी भी प्रकार के दाने होने पर यह अनुमान लगा लेना चाहिए कि हमें स्किन कैंसर है? दरअसल आप को कुछ चरम रोग भी ऐसे हो सकते हैं जिनमें दाने होना लक्षण होते हैं। यह ज्यादा खतरनाक नहीं होते हैं।
डॉक्टर्स स्किन कैंसर को कैसे पहचानते हैं (What Tests Do Doctors Use to Make a Skin Cancer Diagnosis)
यदि आप को अपनी स्किन पर किसी प्रकार के स्पॉट्स महसूस होते हैं तो आप को अपने डॉक्टर को तुरन्त दिखा लेना चाहिए। वह कुछ टेस्ट के माध्यम से व आप से लक्षणों के बारे में पूछ कर, आप के स्पॉट्स का रंग, आकार व उनका साइज देख कर पता लगाएंगे कि आप को स्किन कैंसर है या कोई अन्य रोग।
यदि आप किसी फिजिशियन को दिखा रहे हैं तो अच्छा होगा कि आप उनसे न जांच कराके, बल्कि किसी अच्छे डर्मेटॉलजिस्ट से चैक अप कराएं। डर्मेटॉलजिस्ट स्पेशल माइक्रोस्कोप व मैग्नीफाइंग ग्लास आदि का प्रयोग करके आप के स्पॉट का अच्छे से परीक्षण करेंगे। इसे डर्मास्कॉपी कहा जाता है।
इसे भी पढ़ें: कैंसर के खतरों से बचना है तो आज से ही बदल दें अपनी ये 7 आदतें, डॉक्टर बता रहे हैं जरूरी टिप्स
बायोप्सी(Biopsies)
यदि आप का कोई स्पॉट बहुत रहस्यमय दिखता है तो आप के डॉक्टर उस का सैंपल लेकर उसी बायोप्सी करेंगे कि यह कैंसर तो नहीं। जैसे ही आप के डॉक्टर बायोप्सी करते हैं उस सैंपल को लैब में जांच के लिए भेज दिया जाता है। ताकि उसको जांचने के लिए माइक्रोस्कोप का प्रयोग किया जाएं। स्किन कैंसर के लिए विभिन्न प्रकार की बायोप्सी होती हैं जैसे शेव बायोप्सी, पंच बायोप्सी, एक्सिजनल व इंसिजनल बायोप्सी आदि।
इमेजिंग टेस्ट (Imaging Tests)
यह टेस्ट जब किए जाते हैं जब डॉक्टर्स को लगता है कि स्किन कैंसर कहीं आप के शरीर के दूसरे हिस्सों में तो नहीं फैल गया है। इन टेस्ट में चेस्ट एक्स रेे, अल्ट्रासाउंड, कंप्यूटराइज्ड टोमोग्राफी स्कैन, मैगनेटिक रेसोनेंस इमेजिंग, पोसिट्रों एमिजन टॉमोग्रफी स्कैन।
कौन से नए टूल्स कैंसर को पहचानने के लिए उपलब्ध हैं (Newer Tools Are Available)
जैसे जैसे साइंस व टेक्नोलॉजी बढ़ती जा रही है नए नए आविष्कार होते जा रहे हैं। अतः इस कैंसर को पहचानने के लिए भी कुछ नए टूल्स का आविष्कार किया गया है जोकि अब डॉक्टर्स के पास उपलब्ध हैं। इन टूल्स में रिफ्लेक्टांस कन्फोकल माइक्रोस्कोपी शामिल है। त्वचा के घावों को स्कैन करने के लिए कम-शक्ति वाले लेजर का उपयोग करता है और इस बारे में महत्वपूर्ण सुराग प्रदान करता है कि वे कैंसर हैं या नहीं। इसके अलावा एक अन्य तरीका जिस का नाम ऑप्टिकल कोहेरेंस टोमोग्राफी (ओसीटी) है उसका भी प्रयोग किया जाता है।
इसे भी पढ़ें: रोजाना के इस्तेमाल में आने वाली इन चीजों से भी हो सकता है कैंसर, जानें किस चीज से कितना जोखिम
कुछ लक्षण (symptoms)
हम स्वयं कैसे पता लगाए कि यह एक कैंसर का लक्षण हो सकता है और अब हमें डॉक्टर को दिखाना चाहिए तो इसके लिए हमें कुछ लक्षण जैसे- जब आप के स्किन पर होने वाले स्पॉट एसिमेट्रिकल हों अर्थात् वह एक साइड से दूसरी साइड की तरह न हों। वह इरेगुलार हों और देखने में साफ न हों। अलग अलग रंग के हों जैसे ब्राउन, ब्लैक या कई बार पिंक, रेड, सफेद या नीले रंग के भी। या 6 mm से ज्यादा बड़े हों।
Read More Articles on Cancer in Hindi