अपनी तुलना दूसरों से करना कितना सही या कितना गलत, जानिए अपनी किन आदतों को बदलना है जरूरी

क्या आप अपनी खुद की तुलना दूसरे से कर परेशान रहते हैं?तो बदल दें अपनी इस आदत को।

सम्‍पादकीय विभाग
Written by: सम्‍पादकीय विभागUpdated at: Jul 02, 2020 13:55 IST
अपनी तुलना दूसरों से करना कितना सही या कितना गलत, जानिए अपनी किन आदतों को बदलना है जरूरी

3rd Edition of HealthCare Heroes Awards 2023

मुझे हमेशा दूसरे की खूबियों के आगे अपनी खूबियां कम लगतीं थीं। सामने वाले व्यक्ति के प्रभाव में आकर या उसकी सफलताओं से ईशा महसूस होती थी। लेकिन जल्दी ही मैंने अपनी इस आदत को अभी कमजोरी मान बदल लिया। मानव जाति हमेशा खुद की तुलना दूसरों के साथ करती आ रही है। यह आज से नहीं बल्कि बहुत सदियों से चलता आ रहा है। हम यह सोचते हैं कि दूसरों के पास कोई चीज है तो वह हमारे पास भी होनी चाहिए।             

differ          

यदि दूसरे का घर आप से बड़ा है तो आप को भी उन से बड़ा घर ही चाहिए। पर क्या यह तुलना सुख दायक है? यदि किसी तुलना से प्रेरणा मिल रही है तो फिर भी उचित है। पर यदि हम इस तुलना को गलत तरीके से देखते हैं तो हम हमेशा खुद को दूसरों से कम व छोटा ही समझेंगे। जिस से हमारे मन में नकारात्मकता बढ़ेगी। 

क्यों हम अक्सर खुद को दूसरों से तुलना कर के देखना चाहते हैं? एक पुरानी कहावत भी है ,"अपने दुख से दुखी ना होकर  दूसरे के सुख से दुखी होना" । यही तो होता है तुलनात्मक रवैए से। 

इसे भी पढ़ेंः आपके चलने की स्पीड बता सकती है कितनी तेजी से बूढ़े होंगे आप, जानें तेज या फिर धीमे चलने से घटेगी आपकी उम्र

अपनी अचीवमैंट्स हमेशा दूसरों से कम ही लगती हैं इस लिए हम खुद को हीन समझने लगते हैं। लेकिन क्या आपने सोचा है कि जो आपके पास है वह शायद बहुत सो के पास नहीं।       

 difference 

तो ये कुछ जरूरी  टिप्स अपना कर आप स्वयं को दूसरों से तुलना करने की आदत से बच  सकते हैं। आइए जानते हैं।

अपने स्वयं ही बेस्ट फ्रेंड बन जाएं : आप का आप से बेहतर मित्र कोई नही हो सकता। आप जानते हैं कि आप के लिए क्या सही है और क्या गलत है। इस लिए आप स्वयं के बेस्ट फ्रेंड बन जाइए। अगर आप अपनी खुद से ही तुलना करेंगे तो कभी निराश नहीं होंगे और आप को पहले से बेहतर बनने की प्रेरणा भी मिलेगी। आप को कुछ समय खुद के साथ बिताना चाहिए। तभी आप को पता लगेगा कि आप कितने अच्छे इंसान हैं। 

अपनी उपलब्धियों का रिकार्ड रखें : जब भी आप निराशा महसूस करते हैं तो खुद की पिछली उपलब्धियों को याद करना चाहिए। आप को अपनी उपलब्धियों पर गर्व महसूस होगा । तब आप को महसूस होगा कि आप भी किसी से कम नहीं हैं। अपनी उपलब्धियों के लिए स्वयं को शाबाशी दें न कि अपने फेलियर्स का रोना रोएं।       

इसे भी पढ़ेंः दूसरों की पसंद और नापसंद को खुद पर न होने दें हावी, जानें डिप्रेशिंग थॉट्स से बाहर निकलने का आसान तरीका

सेल्फ केयर : आप को अपनी सेल्फ केयर करनी चाहिए। खुद को साफ सुथरा रखें। हेल्दी भोजन करें। सदैव मोटिवेट रहें। अपनी सेल्फ केयर  के लिए योगा व मेडिटेशन करें। जिस से आप के मन को शांति मिलेगी। यह एक खुद को खुद से मिलाने की प्रक्रिया है। खुद के बुरे समय को भुलाना आसान नहीं होता। परंतु नेगेटिव परिस्थितियों को स्वयं पर हावी न होने दें। अपने दिमाग को शांत रखें व हमेशा खुश रहने का प्रयास करें। इस से आप को आत्म बल व स्ट्रैंथ मिलेगी। 

 यदि आप एक खुशहाल व शांतिपूर्वक जीवन जीना चाहते हैं तो  दूसरों से जलना छोड़ दें। अपनी खुबियों को जानें। अपनी पेट खुद थपथपायें।  खुश रहने के कारण तलाशें।   खुद की दूसरों से तुलना कर के स्वयं को तुच्छ समझना छोड़ दीजिए।             

 

 Read More Articles On Mind And Body in Hindi

Disclaimer