आनुवांशिक होती है दिल की बीमारी, जानिए इससे कैसे बचें!

दिल की बीमारी आनुवांशिक होती है जोकि आपको अपने माता-पिता से मिलता है, जानिए ये कैसे माता-पिता से बच्चों को होती है और इससे कैसे बचाव किया जा सकता है, इसके बारे में जानने के लिए इस लेख को पढ़ें।
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आनुवांशिक होती है दिल की बीमारी, जानिए इससे कैसे बचें!


दिल स्वस्थ तो पूरा शरीर स्वस्थ और अगर दिल बीमार तो आप बीमार। भारत में पिछले कुछ वर्षों में दिल की बीमारी एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बनकर उभरी है। न सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया में हर साल दिल की बीमारी की वजह से हजारों लोगों की मौत होती है।

दिल की बीमारी एक आनुवांशिक बीमारी है, जो एक स्वस्थ इंसान को भी हो सकती है। इसलिए अगर कोई इंसान स्वस्थ है और उसके पारिवारिक इतिहास में किसी को यह बीमारी है तो वह भी इस बीमारी की चपेट में आ सकता है। लेकिन इस लेख में हम इस बात पर चर्चा करेंगे कि अगर किसी को इस आनु‍वांशिक बीमारी का खतरा है तो क्या वह इससे बच सकता है या नहीं।

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दिल की बीमारी आनुवांशिक बीमारी क्यों है

दिल की बीमारी के खतरे को कम किया जा सकता है, इसके बारे में जानने से पहले यह जानते हैं कि यह आनुवांशिक बीमारी क्यों है। बीबीसी में छपे एक शोध की मानें तो यह बीमारी पिता से बेटे को मिलती है। दरअसल पिता से बेटे को मिलने वाले वाई-क्रोमोसोम के जरिये बेटे को दिल की बीमारी हो सकती है। शोध के मुताबिक पिता में एक खास तरहा का वाई-क्रोमोसोम पाया जाता है जो दिल की बीमारियों के खतरे को 50 फीसदी तक बढ़ा देता है।

दुनिया भर के हर पांच में से एक पुरुष में यह खास क्रोमोसोम पाया जाता है। शोध के मुताबिक आमतौर पर पुरुषों को दिल की बीमारी महिलाओं की तुलना में दस साल पहले हो जाती है। 40 साल की उम्र में जहां दो में से एक पुरुष को दिल की बीमारी होने की संभावना होती है वहीं महिलाओं में ये तीन में से एक को ही होती है।

 

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भारत में दिल के मरीज

दिल की बीमारी से ग्रस्त लोगों की संख्या भारत में भी अधिक है। विश्व स्वास्य संगठन की मानें तो भारत में दिल के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। भारत में दिल के दौरे का सामना करने वाले लगभग 12 प्रतिशत लोगों की उम्र 40 से भी कम है। यह आंकड़ा पश्चिमी देशों से दोगुना है। 2005 में लगभग 2.7 करोड़ भारतीय दिल की बीमारी से पीड़ित थे, यह संख्या 2010 में 3.5 करोड़ और 2015 तक 6.15 करोड़ पहुंच गई, जो कि लगातार बढ़ रही है।

बच्चों की स्थिति

सामान्यतया 125 जन्मे बच्चों में से एक बच्चा हृदय संबंधी जन्मजात बीमारी से ग्रसित होता है। गर्भावस्था के दौरान अत्यधिक दवाओं के सेवन से नवजात बच्चों में यह समस्या बढ़ रही है, लेकिन मुख्य रूप से यह आनुवांशिक कारणों से होती हैं। अगर प्रेग्नेंसी के शुरुआती 18 हफ्तों में इसका पता चल जाए तो ऑपरेशन से इसका उपचार किया जा सकता है।

दिल को स्वस्थ रखने के तरीके

- दिल को स्वस्थ रखने के लिए कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रण में रखना बहुत जरूरी है। ऐसे आहार का सेवन करें जिससे शरीर में कॅालेस्ट्रॉल का स्तर नियंत्रित रहे। नियमित अखरोट का सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल सामान्य रहता है।
- दिन में 2 से 4 बार कॉफी का सेवन करने से दिल की बीमारियों के होने का खतरा कम हो जाता है।
- दिल को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी है वजन को नियंत्रण में रखें। वजन बढ़ने से दूसरी बीमारियों के होने की संभावना भी अधिक रहती है।
- हाई-ब्लड प्रेशर की समस्या वालों को भी दिल की बीमा‍रियों के होने का खतरा अधिक रहता है। इसे नियंत्रण में रखने के लिए सोडियम का सेवन कम करें।
- इसके अतिरिक्त शुगर का सेवन अधिक न करें, हरी और पत्तेदार सब्जियों और ताजे फलों का सेवन नियमित रूप से करें।
- दिल का सबसे बड़ा दुश्मन तनाव है, इसलिए तनाव बिलकुल न लें। तनाव से बचने के लिए लाइफ स्टाइल में बदलाव करें, रोज 7 से 8 घंटे की नींद लें। नियमित रूप से व्यायाम करें।

 

 

Image Source: ExpressNews7&Harvard University

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