घरों में बड़े बुजुर्ग सर्दी, खांसी जैसी कई समस्याओं में शहद को औषधी के रूप में प्रयोग करते हैं। लेकिन अब नए अध्ययन से पता चला है कि यह गुणकारी शहद बैक्टीरिया की प्रतिरोधी क्षमता से भी लड़ सकता है।
दुनिया के सबसे बड़े वैज्ञानिक संगठन अमेरिकन केमिकल सोसायटी की 247वीं राष्ट्रीय बैठक के हिस्से के तौर पर यह अध्ययन कराया गया।
अध्ययन के प्रमुख व रोड आईलैंड के न्यूपोर्ट स्थित साल्वे रेगिना विश्वविद्यालय के एम. मेस्च्विट्ज ने बताया कि 'शहद का खास गुण यह है कि यह कई स्तरों पर बैक्टीरिया से लड़ता है, जिसके कारण बैक्टीरिया में प्रतिरोधी क्षमता का विकास कम हो जाता है।'
मेस्च्विट्ज के अनुसार शहद हाइड्रोजन पेरोक्साइड, अम्लीयता, ओस्मोटिक प्रभाव, हाई सुगर कंसंट्रेशन और पॉलीफिनोल्स आदि बैक्टीरिया को मारने वाले तत्वों का प्रयोग करता है।
ओस्मोटिक इफैक्ट का अर्थ, इसके चीनी की अधिक सांद्रता के कारण यह बैक्टीरिया की कोशिकाओं से पानी का अवशोषण कर लेने से है, जिस प्रक्रिया के कारण बैक्टीरिया का नाश हो जाता है।
शहद की एक और खास बात यह है कि यह बैक्टीरिया के आपसी संचार तंत्र, जिसे कोरम सेंसिंग कहा जाता है, को क्षतिग्रस्त कर देता है, जिससे बैक्टीरिया रोग पैदा करने वाले बायोफिल्म नहीं बना पाते हैं।
दवा की दुकान पर मिलने वाले बैक्टीरिया की विकास प्रक्रिया पर हमला करते हैं, जिसके कारण बैक्टीरिया में इसके खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता पैदा हो जाती है। शहद बाजार में मिलने वाले एंटीबायोटिक्स की तरह काम नहीं करता, इसलिए बैक्टीरिया में इसके खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता पैदा नहीं हो पाती है।
उन्होंने कहा कि शहद इसलिए भी ज्यादा प्रभावी हैं, क्योंकि इसमें कई स्वास्थ्यवर्धक पॉलीफिनोल्स, फिनोलिक एसिड, कैफिक एसिड, कूमैरिक एसिड और इलैजिक एसिड तथा कई फ्लैवनॉयड होते हैं।
अध्ययन कर्ताओं ने बताया कि कई अध्ययनों में शहद के बैक्टीरिया, फंगस व वायरस रोधी गुणों का पता चला है। उन्होंने शहद में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाने व एंटीबायोटिक गुणों से भरपूर होने की पुष्टी भी की।
Source: Sirianrevelations
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