आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में घबराहट, बेचैनी और तनाव होना बहुत ही आम बता है। लेकिन जब ये चीजें हद से ज्यादा बढ़ जाती हैं तो ये पैनिक अटैक के लक्षण के रूप में गिनी जाती हैं। अचानक आंखों के आगे अंधेरा छा जाना, दिल की धड़कन बढऩा, सांस की गति तेज होना आदि कई ऐसे लक्षण हैं, जिन्हें देखकर अक्सर लोगों को दिल के दौरे का भ्रम हो जाता है, पर पैनिक अटैक की वजह से भी ऐसा हो सकता है। अति व्यस्त और तनावपूर्ण जीवनशैली की वजह से आजकल 25-40 वर्ष की आयु वाले कामकाजी लोगों में भी पैनिक अटैक के लक्षण नज़र आ रहे हैं।
इसे भी पढ़ें : शुगर लेवल नियंत्रित रखने के लिए आजमाएं 10 घरेलू नुस्खे
क्या है पैनिक अटैक
अचानक किसी बात का डर हावी होने, लंबे समय तक तनावग्रस्त रहने या अधिक असहज होने की स्थिति को पैनिक अटैक माना जाता है, जो परिस्थिति विशेष में दिल की धड़कन को असामान्य कर देता है। इसका असर कभी हलका होता है तो कभी यह पैनिक डिसॉर्डर या सोशल फोबिया के रूप में सामने आता है, जो एंग्ज़ायटी डिसॉर्डर का ही एक प्रकार है। इस दौरान रक्त संचार में कमी या तेज़ी आना, सिहरन और शरीर कांपने जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं।
इसे भी पढ़ें : खांसी से तुरंत छुटकारा दिलाता है अजवाइन का ऐसा प्रयोग
बचाव के लिए ऐसे अपनाएं नुस्खे
- उपचार से बेहतर है बचाव। इसलिए बेहतर यही होगा कि अगर किसी व्यक्ति में पैनिक डिसॉर्डर के लक्षण दिखाई दें तो शुरुआत से ही इन बातों का ध्यान रखना चाहिए :
- तनाव को खुद पर हावी न होने दें। पैनिक डिसॉर्डर का मूल कारण तनाव है। इससे बचने के लिए लोगों से मिलने-जुलने, सामाजिक उत्सवों में शामिल होने, घूमने-फिरने और आराम के लिए समय ज़रूर निकालें।
- जब भी पैनिक अटैक का एहसास हो तो शांति से बैठ कर गहरी सांस लें। इससे शरीर व दिल की धड़कनें सामान्य हो जाएंगी। जल्दी-जल्दी सांस लेना शरीर को अव्यवस्थित कर देता है। लंबे समय तक ऐसा करने पर रक्त संचार भी तेज़ हो जाता है, जिससे उत्तेजना बढ़ जाती है। इसलिए सबसे पहले खुद को शांत करने की कोशिश करें।
- जब भी इस तरह की समस्या हो तो सबसे पहले एक ग्लास ठंडा पानी पीएं। इससे शरीर सामान्य स्थिति में आ जाएगा।
- अटैक के बाद जब व्यक्ति की मन:स्थिति सामान्य हो जाए तो उसे अपनी दिनचर्या पर $गौर करते हुए यह जानने की कोशिश करनी चाहिए कि उसके साथ ऐसा क्यों हुआ? असली कारण ढूंढना बहुत ज़रूरी है। इसके बाद अटैक को रोकना आसान हो जाएगा।
- एल्कोहॉल या अधिक मात्रा में नींद की दवाओं का सेवन भी अटैक का कारण हो सकता है। इसलिए ऐसी आदतों से दूर रहने की कोशिश करें।
- पैनिक अटैक की समस्या से निजात पाने के लिए जीवनशैली में बदलाव ज़रूरी है। कई बार यह समस्या अव्यवस्थित दिनचर्या की वजह से भी होती है। इसलिए नियमित रूप से मॉर्निंग वॉक और योगाभ्यास करें। आठ घंटे की नींद लें। इससे तनाव कम होगा और शारीरिक-मानसिक स्फूर्ति भी बढ़ेगी।
- अगर हमेशा रहने वाली बेचैनी आपकी सामान्य दिनचर्या पर असर डाल रही है तो डॉक्टर से सलाह लें।
- पैनिक अटैक के उपचार में बिहेवियर थेरेपी के अलावा दवाओं की भी मदद ली जाती है। अटैक के बाद अपनी दिनचर्या में बदलाव लाकर भी इस समस्या से बचा जा सकता है।
- परिवार के अन्य सदस्यों का सहयोग पूर्ण रवैया मरीज़ को शीघ्र स्वस्थ करने में मददगार होता है।
ऐसे अन्य स्टोरीज के लिए डाउनलोड करें: ओनलीमायहेल्थ ऐप
Read More Articles On Home Remedies
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version