क्‍या है हार्ट वाल्‍व रिप्‍लेसमेंट सर्जरी

हार्ट वाल्‍व रिप्‍लेसमेंट सर्जरी के बारे में अक्‍सर सुनने में आता है। आखिर है क्‍या हार्ट वाल्‍व रिप्‍लेसमेंट या रिपेयर सर्जरी, जानने के लिए इस लेख को पढ़ें।
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क्‍या है हार्ट वाल्‍व रिप्‍लेसमेंट सर्जरी


हार्ट वाल्‍व रिप्‍लेसमेंट या रिपेयर सर्जरी हृदय रोग के उपचार के लिए की जाने वाली सर्जरी है। हार्ट वाल्‍व रिप्‍लेसमेंट पर बात करने से पहले जरूरी है कि हम आपको हृदय वाल्‍व के बारे में जानकारी दें कि आखिर हृदय वाल्‍व क्‍या हैं और इनका मानव शरीर में क्‍या काम होता है। इनके क्षतिग्रस्‍त या रोगग्रस्‍त होने पर आपके शरीर को क्‍या नुकसान हो सकता है।


क्या होता है हार्ट वाल्व

मनुष्‍य के हृदय में झिल्लीनुमा संरचना वाले चार हार्ट वाल्‍व होते हैं। चार कक्षों वाले हमारे हृदय में वाल्‍व का काम लगातार एक दिशा में रक्‍त संचरण को बनाए रखना होता है। वाल्‍व ऊपरी और निचले कक्षों के प्रवेश और निकास द्वार पर मौजूद रहते हैं। इनका काम ब्‍लड को आगे प्रवाहित करना और पीछे लौटने से रोकना होता है। ये फोल्‍ड होने के साथ ही बंद भी हो जाते हैं।हार्ट वाल्‍व बहुत ही नाजुक होते हैं। चिकित्‍सा विज्ञान की नई उपलब्धियों के बाद हार्ट संबंधी रोगों को बिना किसी खास दिक्‍कत के ठीक कर लिया जाता है।


क्यों करते है हार्ट वाल्व रिप्‍लेसमेंट सर्जरी

हार्ट वाल्‍व रिपेयर या रिप्‍लेसमेंट सर्जरी हृदय रोग के उपचार करने का तरीका है। जब हार्ट के वाल्‍व क्षतिग्रस्‍त या रोगग्रस्‍त हो जाते हैं और वे ठीक से काम नहीं करते, तो यह सर्जरी की जाती है। हृदय के वाल्‍व का सही तरीके से काम न करना गंभीर समस्‍या का कारण बन सकती है। वाल्‍व के कठोर होने पर दिल की मांसपेशियों को ब्‍लड खींचने के लिए ज्‍यादा मेहनत करनी पड़ती है। यदि चारों में से एक या एक से ज्‍यादा वाल्‍व लीक करने लगते हैं तो खून वापस आना शुरू जाता है। खून के वापस आने पर कम खून जाता है और खून सही दिशा में नहीं जाता। रोगी की बीमारी के लक्षण और उसकी हृदय जांच के आधार पर चिकित्सक यह निर्णय लेता है कि वाल्‍व की सर्जरी कर रिपेयर की जाये या फिर इनका रिप्‍लेसमेंट किया जाये।


क्या होती हार्ट वाल्व रिप्‍लेसमेंट सर्जरी

रिप्‍लेसमेंट में पुराने वाल्‍व को बदल दिया जाता है। हार्ट वाल्‍व की रिपेयर या रिप्‍लेसमेंट करने की प्रक्रिया को ओपन हार्ट सर्जरी कहते हैं। इसमें सर्जन मरीज के सीने को ऑपरे‍शन रूम में खोलता है। इसके बाद वाल्‍व की रिपेयर या रिप्‍लेसमेंट के दौरान हार्ट के फंक्‍शन को कुछ समय के लिए रोका जाता है। सीने को खोलने के बाद सर्जन रोगी की ब्रेस्‍टबोन को काटता है और इसे एक तरफ अलग कर देता है। हार्ट के दिखाई देने के बाद सर्जन दिल के अंदर ट्यूब को फिट कर देता है ताकि सर्जरी के दौरान हार्ट लंग मशीन के माध्‍यम से खून का प्रवाह सामान्‍य तरीके से चलता रहे।


ब्‍लड के प्रवाह के लिए बॉयपास मशीन होती है क्‍योंकि जितनी देर तक सर्जन हार्ट वाल्‍व की मरम्‍मत या बदलने की प्रक्रिया करता है, उस दौरान हार्ट को बंद कर दिया जाता है। इस दौरान रक्‍त का प्रवाह सुचारू रूप से चलाने के लिए हार्ट लंग मशीन होती है।

 

 

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