शरीर पर नकारात्‍मक असर डालती है हार्ट बीट

एक नए शोध से पता चला है कि अनियमित हार्टबीट का वृद्ध व्यक्तियों की शारीरिक क्षमता से सीधा संबंध है, आइए इस हेल्‍थ न्‍यूज के माध्‍यम से जानें कैसे।
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शरीर पर नकारात्‍मक असर डालती है हार्ट बीट

हार्ट बीट एक ऐसा मापदंड है, जो हमारी शारीरिक क्षमता व दिल की सेहत बयान करता है। आमतौर पर मनुष्य की दिल की धड़कन की गिनती 80 धड़कन प्रति मिनट होती है। यदि आपकी दिल की धड़कन न्‍यूनतम 60 और अधिकतम 85 प्रति मिनट है, तो यह सामान्‍य होती है। यदि आपके दिल की धड़कन इससे कम या ज्‍यादा होती है, तो चिंता की बात हो सकती है।

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एक नए शोध से पता चला है कि अनियमित हृदयगति का वृद्ध व्यक्तियों की शारीरिक क्षमता से सीधा संबंध है। उम्रदराज व्यक्तियों के दिल की धड़कन अगर अनियमित हैं, तो इससे उनके चलने की तीव्रता, ताकत, संतुलन और अन्य शारीरिक गतिविधियां भी प्रभावित होती हैं।


शोध के निष्कर्ष

शोध के निष्कर्ष बताते हैं कि जो उम्रदराज व्यक्ति एट्रियल फिब्रिलेशन (Atrial fibrillation) (अनियमित हृदयगति का सबसे आम प्रकार) से पीड़ित हैं, उनकी ताकत, चाल, संतुलन और अन्य शारीरिक गतिविधियों के प्रभावित होने की संभावना अधिक होती है।

 

अमेरिका की बॉस्टन यूनिवर्सिटी के शोध की मुख्य शोधकर्ता जेयर्ड डब्ल्यू मगनानी के अनुसार, “विशेष रूप से वृद्ध व्यक्तियों में यह ध्यान रखना आवश्यक है कि एट्रियल फिब्रिलेशन के प्रभाव बाद में हृदयघात और स्ट्रोक के जोखिम को भी बढ़ा सकते हैं।”

 

इस शोध के लिए अध्ययनकर्ताओं ने 70, 74, 78 और 82 आयुवर्ग के 2,753 प्रतिभागियों को शामिल कर, उनपर अध्ययन किया था, जिनमें 52 प्रतिशत महिलाएं और 41 प्रतिशत पुरुष थे। इस अध्ययन के निष्कर्षो में हालांकि एट्रियल फिब्रिलेशन और शारीरिक क्षमता में गिरावट के बीच सीधा संबंध होना नहीं बताया गया है।

Image Source : Getty

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