हृदयाघात के बाद करें जीवनशैली में बदलाव

दिल का दौरा पड़ने के बाद आपकी जिंदगी नीरस और अस्‍वस्थ नहीं रहती, दिल के दौरे के उपचार के साथ अपने जीवनशैली में थोड़ा सा बदलाव करके सामान्‍य जीवन यापन कर सकते हैं।
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हृदयाघात के बाद करें जीवनशैली में बदलाव

हृदयाघात एक बुरे सपने की तरह होता है, इससे अगर व्‍यक्ति बच जाये तो वह जीवनदान की तरह होता है। दिल का दौरा पड़ने के बाद भी हजारों लोग स्‍वस्‍थ जीवनशैली के साथ अपनी पूरी जिंदगी जीते हैं। हार्ट अटैक के बाद तुरंत चिकित्‍सा मिलने के बाद मरीज के दिल की मांसपेशियों की क्षति कम होती है। अगर हार्ट अटैक के बाद दिल की मांसपेशियों की क्षति कम हो तो बेहतर जीवन यापन के साथ जीवन गुजारने में कोई समस्‍या नहीं है। लेकिन दिल का दौरा पड़ने के बाद जीवनशैली में बदलाव लाना जरूरी होता है। इस लेख में विस्‍तार से जानिये हृदयाघात के बाद जीवनशैली में क्‍या बदलाव होने चाहिए।
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नियमित जांच

दिल का दौरा पड़ने के बाद नियमित जांच में बिलकुल भी कोताही न बरतें। दिल के दौरे के बाद कोरोनरी हार्ट डिजीज यानी सीएचडी के उपचार की जरूरत पड़ती है। इस उपचार से दोबारा दिल के दौरे पड़ने की संभावना को कम किया जा सकता है। इसलिए अपने दिल के धड़कन और रक्‍तचाप की जांच नियमित रूप से कराते रहें।

सामान्‍य गतिविधि करते रहें

दिल का दौरा पड़ने के बाद अगर आपके सीने में जलन या दर्द न हो तो सामान्‍य काम करने में कोई समस्‍या नहीं है। दिल के दौरे के कुछ सप्‍ताह बाद ही दौड़ना या व्‍यायाम करना शुरू कर सकते हैं। कुछ सप्‍ताह बाद यौन संबंध बनाने में भी कोई समस्‍या नहीं होगी। गाड़ी चलाने में भी कोई समस्‍या नहीं, आप आराम से गाड़ी ड्राइव कर सकते हैं।

खानपान पर ध्‍यान दें

दिल के दौरे के लिए कुछ हद तक खानपान की बुरी आदतें भी जिम्‍मेदार होती हैं, इसलिए दिल के दौरे के बाद खानपान की गलत आदतें सुधारें। साबुत अनाज, ताजे फल, हरी सब्जियों, मछली आदि का सेवन करना फायदेमंद है। सामान्‍य तेल की जगह ऑलिव ऑयल का प्रयोग करें। अधिक वसायुक्‍त आहार, नमक और शुगर का सेवन कम कर दें।

सिगरेट और शराब

सिगरेट और शराब दोनों का सेवन दिल के दौरे के बाद बिलकुल भी नहीं करना चाहिए। वैसे भी ये दोनों स्‍वस्‍थ व्‍यक्ति को बीमार करते हैं, और दिल का दौरा पड़ने के बाद ये स्थिति को और भी बदतर बना सकते हैं। इसलिए इनसे परहेज करें।
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नियमित व्‍यायाम

व्‍यायाम करने से आपका दिल मतबूत होता है। दिल का दौरा पड़ने के बाद व्‍यायाम करना बिलकुल न छोड़ें। शुरूआत हल्‍के व्‍यायाम से करें और फिर अगर चिकित्‍सक सलाह दे तो उच्‍च तीव्रता वाले व्‍यायाम कर सकते हैं।

दिल का दौरा पड़ने के बाद वजन को बढ़ने न दें, इसे निय‍ंत्रण में ही रखें, नियमित रूप से जांच करायें और स्‍वस्‍थ जीवन यापन करें।

image source - getty images

 

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