लोगों को आपने अक्सर कहते हुए सुनाहोगा कि 'दिल कोई सच में थोड़े ही टूटता है!' लेकिन सच तो यह है कि चिकित्सा विज्ञान भी मानता है कि दिल टूट सकता है। चिकित्सकीय भाषा में इस घटना को 'ताकोत्सुबो कार्डियोपैथी' व बोलचाल की भाषा में इसे 'ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम' कहा जाता है। तो चलिये जानते हैं कि ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम दरअसल है क्या और इसका उपचार क्या और कैसे होता है।
क्या है ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम
मेडिकल साइंस के अनुसार दिल का यह टूटने की घटना अचानक किसी बुरी खबर के मिलने पर भी हो सकता है, या फिर कोई चौंकाने वाली अच्छी खबर मिलने पर भी ऐसा हो सकता। लेकिन दिल कोई कैंडी की तरह ठोस चीज तो है नहीं जो वह टूट जाए, तो यहां दिल टूटने से आशय अचानक हृदय के बाएं हिस्से की मांसपेशियों का कुछ देर के लिए कमजोर पड़कर शिथिल हो जाना है। हालांकि हृदयाघात की तुलना में ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम कम खतरनाक होता है। पुरुषों की तुलना में यह महिलाओं को कहीं अधिक प्रभावित करता है। दिलचस्प बात तो यह है कि इस सिंड्रोम के शिकार 90 प्रतिशत मरीजों में 50 से 70 वर्ष के बीच की महिलाएं होती हैं।
ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम के लक्षण
समस्या की बात तो यह है कि इसके लक्षण काफी कुछ दिल के दौरे के लक्षणों के जैसे ही होते हैं। इसके लक्षमों में अचानक सीने में गर्दन और बांईं बाजू में तीव्र दर्द, सांस फूलना व वोमेटिंग सेंसेशन होना आदि शामिल होते हैं। इससे अक्सर रोगी के परिवारजन असमंजस में पड़ जाते हैं कि यह हार्ट अटैक तो नहीं है। डॉक्टरों के लिए भी तुरंत यह जान पाना मुश्किल हो जाता है कि रोगी को हार्ट अटैक हुआ है या वह ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम का शिकार हुआ है।
ब्रिटिश हार्ट फाउंडेशन की प्रवक्ता ज्यून डेविसन के अनुसार, इस अवस्था और बेहद तनावपूर्ण घटना के बीच एक संबंध है। इस पर हुए शोध का नेतृत्व करने वाले मरियम हास्पिटल के डॉ. रिचर्ड रेगनांटे के मुताबिक ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम के लक्षण बेहद घातक होते हैं। शोधकर्ताओं का मानना है कि ह्रदयघात अक्सर सर्दियों में होते हैं, जबकि ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम के लक्षण बसंत और गर्मियों के महीनों में अधिक देखे जाते हैं।
ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम के उपचार
इतनी सब जानकारी के बाद एक बड़ा सवाल उठता है कि क्या प्यार में टूटे हुए दिल की मरम्मत हो सकती है? जी हां, ऐसा संभव है, वैज्ञानिकों ने पाया है कि टूटे दिल की मरम्मत की जा सकती है।
अमरीकी शोधकर्ताओं ने ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम के लक्षण वाले 70 मरीज़ों का अध्ययन किया। उन्होंने पाया कि ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम एक ऐसी अवस्था है जिसका संबंध तनावपूर्ण या भावनात्मक घटनाओं से होता है। इस तरह के तमाम मरीज़ों को एस्प्रिन या ह्रदय संबंधी दवाएं दी गईं। दवा का सेवन करने बाद लगभग सभी मरीजों की स्थिति पहले से बेहतर होती देखी गई। गौरतलब है कि इनसे से बीस प्रतिशत मरीज ऐसे थे जिनकी हालत बेहद खराब थी। अमेरिकन जर्नल ऑफ कॉर्डियोलॉजी के एक अध्ययन में कहा गया कि शायद तनाव संबंधी हार्मोन के कारण ये मरीज इस स्थिति में गे थे।
वर्तमान में ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम के उपचार के लिए कोई मानक उपचार दिशा निर्देश मौजूद नहीं हैं। इसका उपचार दिल का दौरा पड़ने के इलाज की तरह ही होता है, जब तक कि निदान स्पष्ट नहीं हो जाता है। इसके अधिकांश मरीज ठीक होने तक अस्पताल में रहते हैं।
ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम से बचाव
ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम के एक बार के बाद दोबारा होने की कुछ प्रतिशत आशंका रहती है। इसके अतिरिक्त प्रकरणों को रोकने के लिए कोई सिद्ध चिकित्सा नहीं है, हालांकि कई डॉक्टर बीटा ब्लॉकर्स या इसी तरह की दवाएं, जो दिल पर तनाव हार्मोन के संभावित हानिकारक प्रभाव को रोकती हैं, के साथ इसके लंबे समय तक इलाज की सिफारिश करते हैं। इसे समय पर पहचानना और अपने जीवन में तनाव प्रबंध इससे बचाव के लिए बहुत महत्वपूर्ण होते हैं।
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