बच्चों का समझदार बनना या न बनना मां के पालन पोषण पर निर्भर करता है। अमेरिका में हुआ हालिया शोध इस बात को एक कदम आगे ले जाता है।
शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि मां की अच्छी सेहत गर्भ मे ही बच्चों की मस्तिष्क की क्षमता बढ़ा देती है।
पिट्सबर्ग युनीर्वसिटी के प्रोफेसर विल लासेक के वुताबिक महिलाओं के शरीर में जमा जर्बी गर्भ में पल रहे बच्चों के व्कास में बेहद जरूरी होती है। खासकर वह चर्बी जो महिलाओं की जांघों और कूल्हों के आसपास होती है।
स्तनपान के समय चर्बी से जुड़ी कोशिकायें बच्चों के मस्तिष्क का विकास करती हैं। इससे प्राप्त वसा में डीएचए होता है, जो मानव मस्तिष्क के लिए जरूरी होता है। प्रो. विल की किताब वाई वूमन नीड फैट एंड गो ए लांग वे मे यह रिर्पोट प्रकाशित हुई है।
अमेरिका के पिट्सबर्ग विश्वविद्यालय का हालिया अध्ययन बताता है कि मां की चर्बी में मौजूद डीएचए एसिड से बच्चे की तंत्रिका तंत्र का विकास होता है। गर्भावस्था से लेकर स्तनपान तक यह वसा नवजात तक पहुंचती है।
Image Courtesy- Getty Images