उम्र और खानपान का बहुत गहरा संबंध होता है। आप जैसा खानपान रखते हैं वैसी ही आपकी उम्र भी होती है। ऐसा जरूरी नहीं है कि 50 साल के बाद कोई व्यक्ति एक युवा वाली जिंदगी नहीं जी सकता है। यदि आपका खानपान अच्छा है तो आप हर उम्र में जवां रह सकते हैं। बढ़ती उम्र के साथ शरीर को पोषक तत्वों की आवश्यकता अधिक होती है। इस अवस्था में शरीर की कोशिकाओं और ऊतकों की वृद्धि धीमी हो जाती है। इस कारण प्रतिरोधक क्षमता घट जाती है। पेट में गड़बड़ी, हड्डियों और मांसपेशियों का कमजोर होना, थकान और शारीरिक गतिविधियों में कमी जैसी समस्या आने लगती है। साथ ही डायबिटीज, ऑस्टियोपोरेसिस (हड्डियों का कमजोर होना), गठिया, हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। लेकिन इसका यह अर्थ नहीं कि आप खानपान में कटौती करने लगें। कम खानपान के बजाए सही तरीके से खाने से स्वस्थ रहा जा सकता है।
फाइबर
आपकी आहार योजना में फाइबर का महत्वपूर्ण स्थान होता है खासकर 50 की उम्र पार करने के बाद। फाइबर मुख्यत: दो प्रकार का होता है - घुलनशील फाइबर और अघुलनशील फाइबर। अघुलनशील फाइबर आपके पाचन तंत्र को बेहतर विनियमित करने में मदद करता है। जबकि अघुलनशील फाइबर शुगर को नियंत्रित करता है और कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। 50 साल की उम्र के बाद आदमी को कम से कम 38 ग्राम फाइबर का सेवन करना चाहिए। इसके लिए साबुत अनाज, सफेद ब्रेड, पास्ता और चावल खाना चाहिए।
इसे भी पढ़ें : सर्दियों में पुरूष जरूर खाएं ये 10 फूड, बनेगी पहलवानों जैसी बॉडी
फल और सब्जियां
उम्र बढ़ने के साथ-साथ ताजे फलों और हरी सब्जियों के सेवन करने की मात्रा को बढ़ा देना चाहिए। फल और हरी सब्जियां में प्राकृतिक मिनरल और विटामिन होता है जो शरीर के लिए बहुत आवश्यक है। संतरा और स्ट्रॉबेरी में विटामिन सी, केले में मैग्नीशियम, पालक में आयरन और टमाटर में लाइकोपीन सहित अन्य पोषक तत्व पाये जाते हैं। इसलिए 50 साल की उम्र के बाद नियमित रूप से कम से कम 2 कप फल और 3 कप हरी सब्जियों क सेवन करना चाहिए। इससे बीमारियों के होने का खतरा कम होता है और शरीर स्वस्थ रहता है।
खानपान के टिप्स
- -रोटी को नरम बनाने के लिए आटे में दही मिलाकर माढ़े।
- -नाश्ते में दलिया खाएं।
- -डीहाइड्रेशन से बचने के लिए दिन में करीब 15 गिलास पानी पिएं।
- -नियमित रूप से व्यायाम करें।
- -किसी प्रकार की समस्या होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें
- -उम्र के साथ शरीर में विटामिन, प्रोटीन, मिनरल, कार्बोहाइड्रेट और तरल पदार्थ की मांग में बदलाव आने लगता है। इसलिए इन पोषक तत्वों को इस तरह खाना चाहिए कि आसानी से पच जाएं। दिन में थोड़ा-थोड़ा कर कई बार खाएं। इससे पाचन ठीक रहता है और थकान नहीं होती।
- -कमजोर मांसपेशियां, सफेद और गिरते बाल, चेहरे पर पड़ती झुर्रियां, खांसी और जुकाम होना आम है। अत: विटामिन ई, सी, ए और मिनरल युक्त पोषक तत्वों को खानपान में जरूर शामिल करें।
- -खाने में दो से तीन मौसमी फलों को शामिल करें। यह एंडीआक्सीडेंट की तरह काम करते हैं और कब्ज को रोकने में मददगार होते हैं।
- -अंडे की सफेदी प्रोटीन का अच्छा स्रोत होती है। शाकाहारी कम वसायुक्त दूध से तैयार पनीर खा सकते हैं।
- -खाने में सरसों या जैतून का तेल इस्तेमाल करें। यह कोलेस्ट्राल को बढ़ने से रोकता है।
- -घर के बाहर निकलते समय अपने साथ स्नैक ले कर जाएं ताकि बाहरी खानपान से बच सकें।
- -पोटेशियम युक्त पदार्थ जैसे जीरा, मुसम्मी, मेथी के बीज और नारियल पानी को खाने में शामिल करें।
ऐसे अन्य स्टोरीज के लिए डाउनलोड करें: ओनलीमायहेल्थ ऐप
Read More Articles On Healthy Eating In Hindi