इन करणों से ठंड में खायें बाजरा और नचनी

ठंड के मौसम में ऐसे आहार का सेवन करना चाहिए जो सुपाच्‍य हों और शरीर को गर्म भी रखें, ऐसे में नचनी और बाजरा कितना फायदेमंद है, इसके बारे में इस लेख में हम आपको बता रहे हैं।
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इन करणों से ठंड में खायें बाजरा और नचनी

दिन में गर्मी, रात में ठंडी, सर्द हवायें... ये है आजकल के मौसम की पहचान। ये मौसम सर्दी के जाने के वक्त मतलब खत्म होने के वक्त अधिक होता है। सर्दी के खत्म होने क दौरान ठंडक का एहसास सर्दी से अधिक होता है। इस मौसम को पतझड़ और बसंत का मौसम कहा जाता है जब त्वचा सर्दी की तुलना में अब अधिक ड्राई होती है। यह मौसम लोगों का पसंदीदा मौसम होता है जिस कारण कई लोग इस मौसम का मजा लेने के दौरान बीमार भी पड़ जाते हैं।

दरअसल होता ये है कि मौसम बदलने के दौरान शरीर की बायोलॉजिकल क्लॉक मौसम के साथ कई बार संतुलन नहीं बैठा पाती और शरीर बीमार पड़ जाता है। इस मौसम में ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए जो शरीर के बायोलॉजिकल क्लॉक और बदलते मौसम के बीच में संतुलन बना पाए। इस मौसम में ऐसा खाना खाना चाहिए जो ताजा, ऑर्गेनिक, पचने में आसान, शुद्ध और पौष्टिक हो। इसके लिए हमें गर्म पदार्थ को अपने खाने में शामिल करने की जरुरत होती है, जो हमारे भूख को शांत करने में मददगार हो। गर्म पदार्थ में बाजरा और रागी शामिल है जो गर्म भी होता है और आसानी से भी पच जाता है।

बाजरा

बाजरा के स्वास्थ्य लाभ

बाजरे की रोटी और सरसों का साग सर्दी में लोग खूब चाव से खाते हैं। सर्दी की मौसम में इसकी रोटी या खिचड़ी जरुर खानी चाहिये। बाजरा में मैग्नीशियम, कैल्शियम, मैग्नीज, ट्रिप्टोफेन, फास्फोरस, फाइबर (रेशा), विटामिन—बी और एण्टीआक्सीडेण्ट होते हैं जो शरीर के लिए काफी जरूरी होते हैं। साथ ही बाजरा बहुत ही गर्म अनाज है जो ठंड में शरीर को गर्म रखने में मदद करता है। साथ ही ये हमारी हड्डियों को मजबूती प्रदान करता है।

  • यह आसानी से पच जाता है।
  • शरीर व मस्तिष्क को स्वस्थ रखता है।
  • हार्ट अटैक एवं सिर दर्द से बचाता है।
  • इसमें मौजूद नियासिन (विटामिन बी 3) कोलेस्ट्राल की मात्रा को कम करता है।
  • फास्फोरस से ऊर्जा पैदा होता है जो वसा को पाचने और ऊतकों की मरम्मत करता है।
  • मधुमेह (टाइप 2) के खतरे को कम करता है।
  • बाजरे में पाया जाने वाला फाइबर, कैंसर (मुख्यतया स्तन कैंसर) के खतरे को कम करता है।

 

रागी

रागी के स्वास्थ्य लाभ

रागी गेहूं और चावल से सस्ता अनाज है लकिन उससे अधिक फायदेमंद है। इसे सब पौष्टिक अनाजों में से एक माना जाता है। रागी में मौजूद प्रोटीन को शरीर आसानी से पचा लेता है। रागी में ऐसे कई एमिनो एसिड पाए जाते हैं जो दूसरे अनाज में कम होते हैं या नहीं होते हैं। आहारीय खनिज भी बड़ी मात्रा में पाए जाते हैं, खासकर कैल्शियम जो दूसरे अनाजों के मुकाबले पांच से तीस गुना अधिक मात्रा में पाया जाता है। रागी में फॉस्फोरस और आयरन भी अधिक होता है।

  • रागी कैल्शियम का बहुत बड़ा स्रोत है इसलिए ये ऑस्टेपेनिया और ऑस्टेपोरेसिया के मरीजों के लिए काफी फायदेमंद है।
  • मेनोपॉज के बाद महिलाओं के शरीर में होने वाली शारीरिक कमियों को पूरा करता है।
  • लैक्टोज का बहुत बड़ा स्रोत है इस कारण ये बच्चों और बूढ़ों को जरूर देना चाहिए।  
  • निम्र ग्लेसिमिक्स इंडेक्स के कारण रागी मधुमेह के रोगियों के लिए बेहतरीन भोजन माना जाता है।
  • अमीनो एसिड के कारण रागी कोलेस्ट्रोल के स्तर को घटाता है।
  • सोडियम न होने के कारण रागी उच्च रक्तचाप से पीडि़त व्यक्तियों के लिए फायदेमंद है।
  • मोटापे से परेशान लोगों के लिए रागी का सेवन फायदेमंद होता है। यह भूख शांत रखता है और धीमी पाचनक्रिया के कारण यह शरीर को कम मात्रा में कैलोरी प्रदान करता है।

 

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