गर्भावस्‍था: जानें शुरुआती चरण में क्या दर्शाती है एचसीजी की कमी

एचसीजी यानी ह्यूमन कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन। एचसीजी वास्तव में हारमोन है जिसे गर्भावस्था के दौरान यूरिन और रक्त से मापा जाता है। गर्भावस्था के दौरान एचसीजी टिश्यू से पैदा होता है।गर्भावस्था के दसवें सप्ताह में प्लासेंटा प्रोजेस्ट्रोन के उत्पादन से अधिक गति पकड़ता है, जिसके बाद संपूर्ण गर्भावस्था के लिए एचसीजी स्थिर हो जाता है। बहरहाल गर्भवती महिला के शरीर में ऐसी कोई क्रिया प्रतिक्रिया नहीं होती जिससे एचीसीजी के स्तर को बदला जा सके।
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गर्भावस्‍था: जानें शुरुआती चरण में क्या दर्शाती है एचसीजी की कमी


एचसीजी यानी ह्यूमन कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन। एचसीजी वास्तव में हारमोन है जिसे गर्भावस्था के दौरान यूरिन और रक्त से मापा जाता है। गर्भावस्था के दौरान एचसीजी टिश्यू से पैदा होता है।संभवतः 5 फीसदी गर्भधारण कर चुकी महिलाओं में 8 दिनों बाद एचसीजी को ब्लड सेरम के जरिये जांचा जा सकता है। हालांकि बाकी 95 फीसदी गर्भवती महिलाओं में 11 दिनों बाद एचसीजी को देखा जा सकता है। वास्तव में गर्भधारण के बाद एचसीजी का स्तर तेजी से बढ़ता है। यहां तक प्रत्येक 30.9 घंटे बाद यह स्तर दुगना हो जाता है। ऐसा आपके आखिरी मासिक चक्र से लेकर आठ सप्ताह तक रहता है। इसके बाद यह प्रत्येक महिला दर महिला निर्भर करता है। हालांकि यह आखिरी मासिक चक्र के बाद 60 से 70वें दिन में अपनी पीक पर होता है। यहां एचसीजी सम्बंधित कुछ फिगर दिये जा रहे हैं जो संभवतः आपके लिए लाभकारी हों-

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  •  5 एमएलयू/एमएल से एचसीजी स्तर कम हो तो उसे गर्भवती नहीं माना जाता।
  •  एचसीजी का स्तर 25एमएलयू/एमएल से ज्यादा हो तो वह गर्भवती है।
  •  5-25एमएलयू/एमएल के बच एचसीजी का स्तर हो तो प्रेग्नेंसी सुनिश्चित कराने के लिए कुछ टेस्ट करवाने चाहिए।
  •  शुरुआती प्रेग्नेंसी में 1,200 एमएलयू/एमएल से स्तर कम होगा। एचसीजी का स्तर प्रत्येक 48 से 72 घंटे के बीच दुगना होने लगता है। विशेषज्ञों के मुताबिक यह सामान्य तौरपर बढ़ना चाहिए। महज दो दिनों में इसमें 60 फीसदी इजाफा हो जाना चाहिए।
  •  1200 से 6000 एमएलयू/एमएल। एचसीजी को दुगना और बढ़ने में 72 से 96 घंटे लगते हैं।
  •  यदि 6000 एमएलयू/एमएल से इसका स्तर ज्यादा है तो इसे दुगना होने में चार या इससे ज्यादा दिन लग सकते हैं।
  •  गर्भधारण के 9 से 10 सप्ताह बाद एचसीजी का स्तर घटने लगता है।

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बहरहाल एचसीजी का स्तर चार्ट के मुताबिक होने का मतलब आपकी नार्मल डिलीवरी हो जाएगी, ऐसा नहीं है। असल में एचसीजी  के प्रत्येक स्तर पर नजर रखने की तो आवश्यकता होती ही है। लेकिन यदि आपके एचसीजी के स्तर चार्ट के मुताबिक नहीं है तो काम्प्लीकेशन की आशंका बढ़ जाती है। वास्तव में चार्ट देखकर आप सिर्फ इस बात का अंदाजा लगा सकते हैं कि आपका प्रसव सामान्य होगा या नहीं। इसके अलावा आपके भ्रूण अथवा शिशु की क्या अवस्था है। इस बात का ख्याल रखें कि यदि आपका एचसीजी स्तर अचानक कम हो जाए और फिर उसमें तेजी से वृद्धि देखने को मिले तो तुरंत चिकित्सक को दिखाएं। इसमें जरा भी लापरवाही मां और शिशु दोनों के लिए हानिकारक है।

  •  हो सकता है कि आपका एचसीजी स्तर ‘कम से ज्यादा की ओर बढ़े’। पहले टेस्ट में आपके एचसीजी स्तर में कुछ कमी दिखे। लेकिन इसके बाद किये गए तमाम टेस्ट में यह सामान्य होता चला जाता है। इस स्थिति में आमतौर पर सामान्य प्रसव होने की संभावना होती है।
  •  इस स्थिति में अस्थानिक प्रेग्नेंसी भी चिंता का विषय है। दरसअल डिम्बवाही नली में बढ़ रहा भ्रूण अस्थायी प्रेग्नेंसी की ओर इशारा करता है। सामान्यतः ज्यादातर प्रेग्नेंसी में यदि एचसीजी का स्तर अपनी गति की तुलना में धीरे बढ़ता है, ऐसे केसों में मिसकैरेज होने का खतरा बना रहता है।
  • सामान्य तौर पर एचसीजी के स्तर को कोई भी खानपान या जीवनशैली प्रभावित नहीं कर सकती। एचसीजी को महज दवाएं प्रभावित करती हैं जिसमें एचसीजी मौजूद होता है। ऐसी दवाएं अकसर फर्टिलिटी ट्रीटमेंट में इस्तेमाल की जाती है। इसके अलावा और जानकारी के लिए बेहतर है कि आप अपने डाक्टर से संपर्क करें। कुछ लोगों का मानना है कि पेनकिलर या बुखार की दवाएं इसे प्रभावित कर सकती है। जबकि ऐसा नहीं है।



 एचसीजी का टेस्ट अन्य कई टेस्टों की तरह सामान्य नहीं है। ऐसा तभी किया जा सकता है जब कोई परेशानी दस्तक दे रही हो। यदि आपको गठिया, अकड़न आदि बीमारी हो या फिर अत्यधिक ब्लीडिंग होती है तभी एचसीजी स्तर को जांच करने की सलाह दी जाती है।

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Image Source-Getty

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