
Hair Shedding and Hair Loss: हर व्यक्ति को अपने जीवन में कभी-न-कभी हेयर फॉल की समस्या का सामना जरूर करना पड़ता है। इस दौरान बाल कॉम्ब करते हुए कंघी पर रह सकते हैं, बाल टकिए या तैलिए पर नजर आ सकते हैं। अगर 50 से 100 बाल कंघी करते समय निकल रहे हैं, तो यह आम बात है। लेकिन अगर इससे अधिक बाल झड़ रहे हैं तो यह किसी गंभीर स्थिति का संकेत भी हो सकता है। इसलिए आपको इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। हर व्यक्ति के जीवन में अलग-अलग समय पर अलग-अलग बाल झड़ने की स्थिति देखने को मिल सकती है। तो आइए जानते हैं हेयर शेडिंग और हेयर लॉस में अंतर।
हेयर शेडिंग क्या है?
सेलिब्रिटी हेयर स्टाइलिस्ट प्रियंका बोरकर जोकि बताती हैं कि हेयर शेडिंग एक सामान्य प्रक्रिया है। इस स्थिति में एक व्यक्ति के दिन में 50 से 100 बाल झड़ सकते हैं। इसे सारे बालों का 1% कहा जाता है। किस हद तक आपके बाल झड़ेंगे यह आपके बालों की मजबूती, पैटर्न और थिकनेस पर भी निर्भर करता है। इस स्थिति में दोबारा से बाल आ जाते हैं लेकिन हेयर लॉस की स्थिति में बाल दोबार नहीं उगते हैं।
हेयर शेडिंग के कारण
हेयर शेडिंग की समस्या पुरुषों और महिलाओं दोनों में देखी जा सकती है। अगर ज्यादा हेयर शेडिंग हो रही है, तो इसके कई कारण हो सकते हैं। इसमें शामिल हैं-
ज्यादा तेजी से वजन कम होना : अगर आपका अचानक से वजन कम हो जाता है, तो इसका असर आपके बालों पर भी पड़ सकता है। इस स्थिति में आपके बाल झड़ सकते हैं। अगर सर्जरी के बाद वजन कम हुआ है, तो इस स्थिति में भी ज्यादा हेयर शेडिंग देखने को मिल सकती है।
पोस्ट पार्टम हेयर फॉल : यह वह स्थिति होती है, जब एक महिला बच्चे को जन्म देकर होने वाले स्ट्रेस और मूड में आने वाले बदलावों से गुजरती है। ऐसा होने पर भी हेयर शेडिंग हो सकती है।
स्ट्रेस : अगर आप ज्यादा चिंता में रहते हैं या ज्यादा स्ट्रेस लेते हैं तो भी बाल झड़ सकते हैं और हेयर शेडिंग हो सकती है।
बालों की केमिकल प्रोसेसिंग : अगर आप बालों में केमिकल प्रोडक्ट्स का ज्यादा प्रयोग करते हैं, तो भी कुछ समय तक आपके बाल ज्यादा झड़ सकते हैं। इसके अलावा बालों में डाई करवाने से भी हेयर शेडिंग हो सकती है।
मौसमी बदलाव : बालों का रेस्टिंग फेज गर्मियों में ज्यादा एक्टिव होता है। इसलिए इस समय बाल ज्यादा झड़ते हुए दिख सकते हैं और सर्दियों में यह फेज कम हो जाते हैं तो बाल भी कम झड़ते हैं।
हेयर लॉस के कारण
- एक्यूट पोस्ट मेडिकेशन की स्थिति की वजह से आपके बाल झड़ सकते हैं। यह वह स्थिति है, जब दवाइयों का सेवन करने के बाद बाल झड़ते हैं। आमतौर पर कीमोथेरेपी के केस में ऐसा देखा जाता है।
- एलोपिसिया जैसी ऑटो इम्युन स्थिति भी हेयर लॉस का कारण बन सकती है। इस स्थिति में बाल दोबारा नहीं उगते हैं।
- पीसीओएस और हाइपर एंड्रोजेनिज्म जैसी धीमी और क्रोनिक स्थिति में हेयर लॉस हो सकता है। ऐसे में आपको अपनी जीवनशैली में बदलाव करने की जरूरत होती है।
- फंगल इंफेक्शन या स्किन पर इंफ्लेमेशन स्थिति होने के कारण हुआ गंभीर एलोपिसिया भी बाल झड़ने का कारण बन सकता है।
हेयर शेडिंग और हेयर लॉस में अंतर
हेयर शेडिंग बालों के विकास की साइकिल में अक्सर देखने को मिलता है और इसके पीछे कोई शारीरिक स्थिति नहीं होती है। यह बाहर के कुछ स्ट्रेस फैक्टर्स के कारण भी हो सकता है। जिनको अनदेखा किए जाने पर बाल झड़ना फिर से बंद हो जाते हैं। ऐसा हेयर लॉस के केस में नहीं होता है और हेयर लॉस की स्थिति में व्यक्ति एकदम गंजा हो सकता है। हेयर लॉस की स्थिति में बाल एक बार झड़ने के बाद दोबारा नहीं उगते हैं।
आप अपने बाल झड़ने का कारण जानने के लिए कुछ तरह के टेस्ट भी कर सकते हैं जैसे पुल टेस्ट जिसमें बाल खींचने होते हैं और अगर आपके बाल 10% टूट जाते हैं तो आपके बाल हेयर शेडिंग फेज में हैं। इसके अलावा आप कंघी टेस्ट भी ट्राई कर सकते है, जिसमें आपको एक तकिये पर बालों में कंघी करनी है और फिर जितने बाल झड़ें, उनको गिनना है।